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प्रादेशिक

वोट के बदले नोट : तेदेपा विधायक की जमानत रद्द करने से इंकार

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नई दिल्ली/हैदराबाद। सर्वोच्च न्यायालय ने वोट के बदले नोट घोटाले में शुक्रवार को तेलंगाना के भ्रष्टाचार निवारक ब्यूरो (एसीबी) को करारा झटका देते हुए तेदेपा विधायक ए.रेवंथ रेड्डी और अन्य दो आरोपियों की जमानत याचिका रद्द करने की एसीबी की याचिका खारिज कर दी। मुख्य न्यायाधीश एच.एल.दत्तू की अध्यक्षता में खंडपीठ ने जमानत रद्द के लिए एसीबी द्वारा दायर याचिका खारिज कर दी।

सर्वोच्च न्यायालय ने कहा कि जमानत रद्द नहीं की जा सकती, क्योंकि अभियुक्त पहले ही एक महीना जेल में बिता चुके हैं और एसीबी उन्हें चार दिनों तक हिरासत में रखकर उनके बयान दर्ज कर चुकी है। आश्चर्य है कि एसीबी उन्हें आगे हिरासत में रखकर क्या करेगी। एसीबी की ओर से वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने कहा कि मामले की जांच फिलहाल जारी है और फोरेंसिक विज्ञान प्रयोगशाला (एफएसएल) ऑडियो और वीडियो टेप की जांच कर रही हैं। उन्होंने अदालत को बताया कि कुछ प्रत्यक्षदर्शियों की जांच की जानी है और एसीबी को अभी तक रिश्वतखोरी के पैसे के स्रोत का पता नहीं चला है।

हैदराबाद जेल से बुधवार को बाहर आने के बाद मुख्यमंत्री के.चद्रशेखर राव के खिलाफ रेवंथ रेड्डी के धमकीपूर्ण भाषण पर भी सिब्बल ने अदालत का ध्यान आकृष्ट किया। उन्होंने बताया कि इस मामले में पुलिस उनके खिलाफ मामला दर्ज कर चुकी है। खंडपीठ ने कहा कि जमानत रद्द करने का कोई आधार ही नहीं है। गौरतलब है कि एसीबी ने तेलंगाना विधानसभा में तेदेपा के उपनेता रेवंथ को विधान परिषद चुनाव में तेदेपा-भाजपा उम्मीदवार के समर्थन में वोट डालने के लिए मनोनीत विधायक एल्विस स्टीफन्सन को 50 लाख रुपये की रिश्वत देने के मामले में 31 मई को गिरफ्तार किया था।

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जियो ने जोड़े सबसे अधिक ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’- ट्राई

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नई दिल्ली| भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के नवीनतम आंकड़ों के मुताबिक, रिलायंस जियो ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में सबसे आगे है। सितंबर महीने में जियो ने करीब 17 लाख ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़े। समान अवधि में भारती एयरटेल ने 13 लाख तो वोडाफोन आइडिया (वीआई) ने 31 लाख के करीब ग्राहक गंवा दिए। ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में जियो लगातार दूसरे महीने नंबर वन बना हुआ है। एयरटेल और वोडाआइडिया के ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ नंबर गिरने के कारण पूरे उद्योग में सक्रिय ग्राहकों की संख्या में गिरावट देखी गई, सितंबर माह में यह 15 लाख घटकर 106 करोड़ के करीब आ गई।

बताते चलें कि टेलीकॉम कंपनियों का परफॉर्मेंस उनके एक्टिव ग्राहकों की संख्या पर निर्भर करता है। क्योंकि एक्टिव ग्राहक ही कंपनियों के लिए राजस्व हासिल करने का सबसे महत्वपूर्ण जरिया है। हालांकि सितंबर माह में पूरी इंडस्ट्री को ही झटका लगा। जियो, एयरटेल और वीआई से करीब 1 करोड़ ग्राहक छिटक गए। मतलब 1 करोड़ के आसपास सिम बंद हो गए। ऐसा माना जा रहा है कि टैरिफ बढ़ने के बाद, उन ग्राहकों ने अपने नंबर बंद कर दिए, जिन्हें दो सिम की जरूरत नहीं थी।

बीएसएनएल की बाजार हिस्सेदारी में भी मामूली वृद्धि देखी गई। इस सरकारी कंपनी ने सितंबर में करीब 15 लाख वायरलेस डेटा ब्रॉडबैंड ग्राहक जोड़े, जो जुलाई और अगस्त के 56 लाख के औसत से काफी कम है। इसके अलावा, बीएसएनएल ने छह सर्किलों में ग्राहक खो दिए, जो हाल ही की वृद्धि के बाद मंदी के संकेत हैं।

ट्राई के आंकड़े बताते हैं कि वायरलाइन ब्रॉडबैंड यानी फाइबर व अन्य वायरलाइन से जुड़े ग्राहकों की कुल संख्या 4 करोड़ 36 लाख पार कर गई है। सितंबर माह के दौरान इसमें 7 लाख 90 हजार नए ग्राहकों का इजाफा हुआ। सबसे अधिक ग्राहक रिलायंस जियो ने जोड़े। जियो ने सितंबर में 6 लाख 34 हजार ग्राहकों को अपने नेटवर्क से जोड़ा तो वहीं एयरटेल मात्र 98 हजार ग्राहक ही जोड़ पाया। इसके बाद जियो और एयरटेल की बाजार हिस्सेदारी 32.5% और 19.4% हो गई। समान अवधि में बीएसएनएल ने 52 हजार वायरलाइन ब्राडबैंड ग्राहक खो दिए।

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