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शिक्षकों की भर्ती में आरक्षण को लेकर सरकार प्रतिबद्ध : जावडेकर

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नई दिल्ली, 19 जुलाई (आईएएनएस)| केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावडेकर ने शुक्रवार को कहा कि मोदी सरकार विश्वविद्यालयों में शिक्षकों (फैकल्टी) की नियुक्ति में आरक्षण को लेकर प्रतिबद्ध है और सरकार अदालत द्वारा 50 फीसदी आरक्षण को रद्द करने के आदेश से सहमत नहीं है। जावडेकर ने कहा कि पिछले साल इलाहाबाद उच्च न्यायालय के फैसले के बाद विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) को 13-बिंदुओं की एक सूची जारी करने पर बाध्य होना पड़ा लेकिन हम अदालत के फैसले से सहमत नहीं हैं।

जावडेकर ने शून्यकाल के दौरान इस मसले को कुछ सदस्यों द्वारा उठाए जाने पर राज्यसभा को बताया कि हमने इस पर दो विशेष अनुज्ञा याचिकाएं (एसएलपी) दायर की हैं, जिनपर 13 अगस्त को सुनवाई होनी है।

उन्होंने कहा कि मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने विश्वविद्यालयों और कालेजों में शैक्षणिक पदों के लिए होने वाली भर्ती के लिए साक्षात्कार पर पहले ही रोक लगा दी है। ये भर्तियां रोस्टर के तहत होने वाली थीं मगर एसएलपी पर फैसला आने तक इसे लंबित रखा गया।

उन्होंने कहा, हमें उम्मीद है कि अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए आरक्षण को बचाने में हम सक्षम होंगे। हम इसे न तो खत्म होने देंगे और न ही किसी दूसरे को इसे समाप्त करने देंगे।

मुद्दा समाजवादी पार्टी के नेता रामगोपाल यादव ने उठाया। उन्होंने पांच मार्च के यूजीसी रोस्टर का उल्लेख किया कहा कि एक साजिश के तहत अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग को वंचित रखने के लिए प्रत्येक 13 शैक्षणिक पदों में से नौ पद को अनारक्षित कर दिया गया है और इनमें अन्य पिछड़ा वर्ग को तीन पद और अनुसूचित जाति को एक पद प्रदान किया गया है।

यादव का समर्थन वरिष्ठ कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद और पी. एल. पुनिया और कई अन्य नेताओं ने भी किया।

इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने पिछले साल अप्रैल में यूजीसी द्वारा शैक्षणिक पदों पर भर्ती के लिए संस्थान के आधार पर आरक्षण का निर्धारण करने के सर्कलुर को खारिज कर दिया था। सर्वोच्च न्यायाल ने भी उच्च न्यायालय के आदेश को यथावत रखा और यूजीसी को विभाग के आधार पर अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग के आरक्षित पदों के लिए सर्कुलर जारी करने को कहा।

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पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में बड़ा आतंकी हमला, 38 लोगों की मौत

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पख्तूनख्वा। पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में बड़ा आतंकी हमला हुआ है। इस हमले में 38 लोगों की मौत हो गई है। यह हमला खैबर पख्तूनख्वा के डाउन कुर्रम इलाके में एक पैसेंजर वैन पर हुआ है। हमले में एक पुलिस अधिकारी और महिलाओं समेत दर्जनों लोग घायल भी हुए हैं। जानकारी के मुताबिक उत्तर-पश्चिमी पाकिस्तान के अशांत प्रांत खैबर पख्तूनख्वा में आतंकियों ने शिया मुस्लिम नागरिकों को ले जा रहे यात्री वाहनों पर गोलीबारी की है। यह क्षेत्र में हाल के वर्षों में इस तरह का सबसे घातक हमला है। मृतकों की संख्या में इजाफा हो सकता है।

AFP की रिपोर्ट के मुताबिक इस हमले में 38 लोगों की मौत हुई है. पैसेंजर वैन जैसे ही लोअर कुर्रम के ओचुट काली और मंदुरी के पास से गुजरी, वहां पहले से घात लगाकर बैठे आतंकियों ने वैन पर अंधाधुंध गोलियां बरसानी शुरू कर दीं. पैसेंजर वैन पाराचिनार से पेशावर जा रही थी। पाकिस्तान की समाचार एजेंसी डॉन के मुताबिक तहसील मुख्यालय अस्पताल अलीजई के अधिकारी डॉ. ग़यूर हुसैन ने हमले की पुष्टि की है.

शिया और सुन्नी मुसलमानों के बीच तनाव 

अफगानिस्तान की सीमा से लगे कबायली इलाके में भूमि विवाद को लेकर शिया और सुन्नी मुसलमानों के बीच दशकों से तनाव बना हुआ है। किसी भी समूह ने घटना की जिम्मेदारी नहीं ली है। जानकारी के मुताबिक “यात्री वाहनों के दो काफिले थे, एक पेशावर से पाराचिनार और दूसरा पाराचिनार से पेशावर यात्रियों को ले जा रहा था, तभी हथियारबंद लोगों ने उन पर गोलीबारी की।” चौधरी ने बताया कि उनके रिश्तेदार काफिले में पेशावर से यात्रा कर रहे थे।

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