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बिजनेस

शेयर बाजारों में जारी रहा उतार-चढ़ाव का दौर (साप्ताहिक समीक्षा)

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नई दिल्ली, 31 मार्च (आईएएनएस)| बीते सप्ताह सकारात्मक वैश्विक संकेतों और अमेरिका और चीन में व्यापार को लेकर जारी होड़ के बीच घरेलू शेयर बाजारों में उतार-चढ़ाव का दौर देखने को मिला। बीते सप्ताह सेसेक्स 33,000 अंकों को मनोवैज्ञानिक स्तर से नीचे तथा निफ्टी 10,000 अकों के वैज्ञानिक स्तर के ऊपर बंद हुआ। वहीं, गुरुवार को महावीर जयंती और शुक्रवार को गुड फ्राइडे के कारण बाजार बंद रहे। साप्ताहिक आधार पर सेंसेक्स 372.14 अंकों या 1.14 फीसदी की वृद्धि के साथ 32,968.68 पर और निफ्टी 123.25 अंकों या 1.23 फीसदी की वृद्धि के साथ 10,121.30 पर बंद हुआ। बीएसई के मिडकैप सूचकांक में 268.48 अंकों या 1.71 फीसदी की तेजी दर्ज की गई और यह 15,962.59 पर बंद हुआ, जबकि स्मॉलकैप सूचकांक 193.18 अंकों या 1.15 फीसदी की तेजी के साथ 16,994.36 पर बंद हुआ।

सोमवार को शेयर बाजार की सकारात्मक शुरुआत हुई और सेंसेक्स 469.87 अंकों या 1.44 फीसदी की तेजी के साथ 33,066.41 पर बंद हुआ। मंगलवार को सेंसेक्स 107.98 अंकों या 0.33 फीसदी की तेजी के साथ 33,174.39 पर बंद हुआ। वहीं, सप्ताह के आखिरी कारोबारी दिन बुधवार को सेंसेक्स 205.71 अंकों या 0.62 फीसदी की गिरावट के सात 32,968.68 पर बंद हुआ।

बीते सप्ताह सेंसेक्स के तेजी वाले शेयरों में प्रमुख रहे – यस बैंक (6.35 फीसदी), एचडीएफसी बैंक (2.82 फीसदी), इंडसइंड बैंक (2.59 फीसदी), एक्सिस बैंक (1.68 फीसदी), कोटक महिंद्रा बैंक (1.52 फीसदी) और आईसीआईसीआई बैंक (0.94 फीसदी), स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (6.61 फीसदी), एलएंडटी (3.48 फीसदी), मारुति सुजुकी इंडिया (2.92 फीसदी) और महिंद्रा एंड महिंद्रा (1.60 फीसदी)।

सेंसेक्स के गिरावट वाले शेयरों में प्रमुख रहे – विप्रो (1.31 फीसदी), इंफोसिस (2.83 फीसदी), टाटा मोटर्स (1.10 फीसदी), बजाज ऑटो (1.46 फीसदी) और रिलायंस इंडस्ट्रीज (1.13 फीसदी)।

व्यापार आर्थिक मोर्चे पर, वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) के तहत फरवरी में कुल 85,174 करोड़ रुपये का राजस्व एकत्र किया गया। वहीं, 25 मार्च तक कुल जीएसटी के तहत कुल 1.05 करोड़ करदाता पंजीकृत किए गए।

राजनीतिक मोर्चे पर, कर्नाटक विधानसभा चुनाव की तिथियां घोषित कर दी है। वहां चुनाव 12 मई को होंगे तथा वोटो की गिनती 15 मई को होगी।

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नेशनल

ऑनलाइन फूड ऑर्डरिंग ऐप को मनमानी करने पर 103 के बदले देने पड़ेंगे 35,453 रु, जानें क्या है पूरा मामला

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हैदराबाद। ऑनलाइन फूड ऑर्डरिंग ऐप स्विगी को ग्राहक के साथ मनमानी करना भारी पड़ गया। कंपनी की इस मनमानी पर एक कोर्ट ने स्विगी पर तगड़ा जुर्माना ठोक दिया। हैदराबाद के निवासी एम्माडी सुरेश बाबू की शिकायत पर उपभोक्ता आयोग ने बड़ा फैसला सुनाया है। बाबू ने आरोप लगाया था कि स्विगी ने उनके स्विगी वन मेंबरशिप के लाभों का उल्लंघन किया और डिलीवरी Food Delivery की दूरी को जानबूझकर बढ़ाकर उनसे अतिरिक्त शुल्क वसूला

क्या है पूरा मामला ?

सुरेश बाबू ने 1 नवंबर, 2023 को स्विगी से खाना ऑर्डर किया था। सुरेश के लोकेशन और रेस्टॉरेंट की दूरी 9.7 किमी थी, जिसे स्विगी ने बढ़ाकर 14 किमी कर दिया था। दूरी में बढ़ोतरी की वजह से सुरेश को स्विगी का मेंबरशिप होने के बावजूद 103 रुपये का डिलीवरी चार्ज देना पड़ा। सुरेश ने आयोग में शिकायत दर्ज कराते हुए कहा कि स्विगी वन मेंबरशिप के तहत कंपनी 10 किमी तक की रेंज में फ्री डिलीवरी करने का वादा किया था।कोर्ट ने बाबू द्वारा दिए गए गूगल मैप के स्क्रीनशॉट्स और बाकी सबूतों की समीक्षा की और पाया कि दूरी में काफी बढ़ोतरी की गई है।

कोर्ट ने स्विगी को अनुचित व्यापार व्यवहार का दोषी पाया और कंपनी को आदेश दिया कि वे सुरेश बाबू को 9 प्रतिशत ब्याज के साथ 350.48 रुपये के खाने का रिफंड, डिलीवरी के 103 रुपये, मानसिक परेशानी और असुविधा के लिए 5000 रुपये, मुकदमे की लागत के लिए 5000 रुपए समेत कुल 35,453 रुपये का भुगतान करे।

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