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बिजनेस

शेयर बाजार : आम बजट पर रहेगी निवेशकों की नजर

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मुंबई, 28 जनवरी (आईएएनएस)| शेयर बाजार में अगले सप्ताह निवेशकों की नजर आम बजट 2018-19 पर रहेगी, जिसे वित्त मंत्री अरुण जेटली 1 फरवरी को संसद में पेश करेंगे। इसके अलावा बाजार की चाल घरेलू कंपनियों के तिमाही नतीजों, वैश्विक बाजारों के प्रदर्शन, घरेलू और वैश्विक व्यापक आर्थिक आंकड़े, विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) और घरेलू संस्थापक निवेशकों (डीआईआई) द्वारा किए गए निवेश, डॉलर के मुकाबले रुपये की चाल और कच्चे तेल की कीमतों के प्रदर्शन के आधार पर तय होंगे।

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद सोमवार (29 जनवरी) को सदन की संयुक्त बैठक को संबोधित करेंगे और इसी दिन सदन के पटल पर आर्थिक सर्वेक्षण पेश किया जाएगा। संसद के बजट सत्र का पहला चरण 29 जनवरी से 9 फरवरी तक चलेगा। उसके बाद 5 मार्च से संसद सत्र फिर शुरू होगा जो 6 अप्रैल तक चलेगा।

अगले सप्ताह जिन प्रमुख कंपनियों के चालू वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही के नतीजे जारी होंगे, उनमें एचडीएफसी, आईडीएफसी और टेक महिंद्रा अपने नतीजों की घोषणा सोमवार (29 जनवरी) को करेंगी। आईओसीएल के नतीजे मंगलवार (30 जनवरी) को आएंगे। आईसीआईसीआई बैंक, लार्सन एंड टूब्रो, एनटीपीसी और वेदांता अपने तिमाही नतीजों की घोषणा बुधवार (31 जनवरी) को करेंगी। बजाज ऑटो और हिंडाल्को इंडस्ट्रीज के नतीजे शुक्रवार (2 फरवरी) को जारी होंगे।

आम बजट 2018-19 में निवेशकों को प्रत्यक्ष कर ढांचे में बदलाव की उम्मीद है, जिसमें आयकर भी शामिल है। आगामी बजट में अवसंरचना क्षेत्र पर भी विशेष ध्यान दिए जाने की उम्मीद है। कई अर्थशाियों ने सरकार से कॉरपोरेट कर में कमी लाने की गुजारिश की है ताकि भारतीय उद्योग वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी बन सकें।

आम बजट 2018-19 से रियल्टी क्षेत्र को भी काफी उम्मीदे हैं, जहां रेरा (रियल एस्टेट विनिमयन व विकास अधिनियम), जीएसटी (वस्तु एवं सेवा कर) और नोटबंदी लागू होने से कारोबार प्रभावित हुआ है। हालांकि इन विनियमन से क्षेत्र में पारदर्शिता आई है तथा घर खरीदारों को फायदा हुआ है। इस क्षेत्र से जुड़ी कंपनियों को आम बजट में करों में कटौती और रियल एस्टेट को अवसंरचना क्षेत्र का दर्जा मिलने की उम्मीद है। रियल एस्टेट उद्योग स्टैंप शुल्क को जीएसटी के तहत लाने तथा जीएसटी की वर्तमान 12 फीसदी दर को घटाकर 6 फीसदी करने की मांग कर रहा है।

मार्किट इकॉनमिक्स देश के विनिर्माण क्षेत्र के जनवरी के आंकड़े गुरुवार (1 फरवरी) को जारी करेगी। दिंसबर में निक्केई इंडिया मैनुफैक्चरिंग पर्चेजिंग मैनेजर्स इंडेक्स (पीएमआई) 54.7 पर रहा था और नवंबर में यह 52.6 पर था। इस सूचकांक में 50 से कम का अंक का मंदी का, तथा 50 से ऊपर का अंक तेजी का सूचक है।

वैश्विक मोर्चे पर, काईशिन चायना जनरल मैनुफैक्चरिंग पीएमआई का जनवरी का आंकड़ा गुरुवार (1 फरवरी) को जारी किया जाएगा। इसी दिन आईएचएस मार्किट यूरोजोन मैनुफैक्चरिंग पीएमआई का जनवरी का आंकड़ा, आईएचएस मार्किट यूएस मैनुफैक्चरिंग पीएमआई का जनवरी का आंकड़ा भी जारी किया जाएगा, जो संबंधित क्षेत्रों में विनिर्माण क्षेत्र की हालत का जायजा लेगा।

अमेरिका की फेडरल ओपेन मार्केट समिति (एफओएमसी) अपनी दोदिवसीय मौद्रिक नीति बैठक मंगलवार (30 जनवरी) और बुधवार (31 जनवरी) को करेगी। फेड रिजर्व द्वारा ब्याज दरों में 25 आधार अंकों (बीपीएस) की बढ़ोतरी करने की उम्मीद है। फेड की दिसंबर की बैठक में ब्याज दरें 1.25 फीसदी-1.5 फीसदी रखी गई थी।

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बिजनेस

जियो ने जोड़े सबसे अधिक ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’- ट्राई

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नई दिल्ली| भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के नवीनतम आंकड़ों के मुताबिक, रिलायंस जियो ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में सबसे आगे है। सितंबर महीने में जियो ने करीब 17 लाख ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़े। समान अवधि में भारती एयरटेल ने 13 लाख तो वोडाफोन आइडिया (वीआई) ने 31 लाख के करीब ग्राहक गंवा दिए। ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में जियो लगातार दूसरे महीने नंबर वन बना हुआ है। एयरटेल और वोडाआइडिया के ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ नंबर गिरने के कारण पूरे उद्योग में सक्रिय ग्राहकों की संख्या में गिरावट देखी गई, सितंबर माह में यह 15 लाख घटकर 106 करोड़ के करीब आ गई।

बताते चलें कि टेलीकॉम कंपनियों का परफॉर्मेंस उनके एक्टिव ग्राहकों की संख्या पर निर्भर करता है। क्योंकि एक्टिव ग्राहक ही कंपनियों के लिए राजस्व हासिल करने का सबसे महत्वपूर्ण जरिया है। हालांकि सितंबर माह में पूरी इंडस्ट्री को ही झटका लगा। जियो, एयरटेल और वीआई से करीब 1 करोड़ ग्राहक छिटक गए। मतलब 1 करोड़ के आसपास सिम बंद हो गए। ऐसा माना जा रहा है कि टैरिफ बढ़ने के बाद, उन ग्राहकों ने अपने नंबर बंद कर दिए, जिन्हें दो सिम की जरूरत नहीं थी।

बीएसएनएल की बाजार हिस्सेदारी में भी मामूली वृद्धि देखी गई। इस सरकारी कंपनी ने सितंबर में करीब 15 लाख वायरलेस डेटा ब्रॉडबैंड ग्राहक जोड़े, जो जुलाई और अगस्त के 56 लाख के औसत से काफी कम है। इसके अलावा, बीएसएनएल ने छह सर्किलों में ग्राहक खो दिए, जो हाल ही की वृद्धि के बाद मंदी के संकेत हैं।

ट्राई के आंकड़े बताते हैं कि वायरलाइन ब्रॉडबैंड यानी फाइबर व अन्य वायरलाइन से जुड़े ग्राहकों की कुल संख्या 4 करोड़ 36 लाख पार कर गई है। सितंबर माह के दौरान इसमें 7 लाख 90 हजार नए ग्राहकों का इजाफा हुआ। सबसे अधिक ग्राहक रिलायंस जियो ने जोड़े। जियो ने सितंबर में 6 लाख 34 हजार ग्राहकों को अपने नेटवर्क से जोड़ा तो वहीं एयरटेल मात्र 98 हजार ग्राहक ही जोड़ पाया। इसके बाद जियो और एयरटेल की बाजार हिस्सेदारी 32.5% और 19.4% हो गई। समान अवधि में बीएसएनएल ने 52 हजार वायरलाइन ब्राडबैंड ग्राहक खो दिए।

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