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बिजनेस

शेयर बाजार : बिहार चुनाव नतीजों, आर्थिक आंकड़ों पर रहेगी नजर

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मुंबई। देश के शेयर बाजारों में अगले सप्ताह बिहार विधानसभा चुनाव के नतीजों, आर्थिक आंकड़ों, भारतीय कंपनियों की दूसरी तिमाही के नतीजों, वैश्विक बाजारों के रुझान, विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) के निवेश, डॉलर के मुकाबले भारतीय रुपये की चाल और कच्चे तेल की कीमतों पर बाजार की नजर रहेगी। इन गतिविधियों से आगामी सप्ताह में बाजार का रुख तय होगा। आगामी सप्ताह घरेलू बाजार में सिर्फ तीन दिन ही कारोबार होगा। 11 नवंबर को दिवाली एवं 12 नवंबर को बलिप्रतिपदा की वजह से बाजार बंद रहेंगे। हालांकि, दिवाली के अवसर पर 11 नवंबर को विशेष मुहूर्त सत्र का आयोजन किया जाएगा। यह विशेष कारोबारी सत्र शाम 5.45 से 6.45 तक रहेगा।

निवेशकों को बिहार विधानसभा चुनाव के नतीजों का भी इंतजार रहेगा। बिहार विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की जीत प्रधानमंत्री मोदी की आर्थिक सुधार योजनाओं के लिए महत्वपूर्ण मानी जा रही है। इस सप्ताह घरेलू कंपनियों के तिमाही नतीजों पर निवेशकों की नजर रहेगी। इसके साथ ही कंपनी प्रबंधनों के 2015 की बाकी तिमाहियों के प्रति गाइडेंस जारी करने पर भी निवेशकों का ध्यान रहेगा। आगामी सप्ताह ब्रिटानिया इंडस्ट्रीज, हिंदुस्तान पेट्रोलियम, भारत पेट्रोलियम, एनएमडीसी, नाल्को, हिंडाल्को, सन फार्मा, रूरल इलेक्ट्रिफिकेशन कॉर्पोरेशन, कोल इंडिया, टाटा मोटर्स कंपनियों के तिमाही नतीजे जारी होंगे।

इस महीने के मध्य में तेल कंपनियों की नियमित ईंधन कीमत समीक्षा होने की वजह से सार्वजनिक क्षेत्र की तेल विपणन कंपनियों (पीएसयू ओएमसी) के शेयरों पर नजर रहेगी। पीएसयू कंपनियों की ईंधन कीमतों की समीक्षा अंतर्राष्ट्रीय तेल बाजार के रुझान एवं मुद्रा की चाल पर आधारित होती है। अगले सप्ताह देश के प्रमुख आर्थिक आंकड़ें भी जारी किए जाएंगे, जिसमें 12 नवंबर को अक्टूबर 2015 महीने के उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) के आंकड़े होंगे। वहीं अगस्त महीने के औद्योगिक उत्पादन (आईआईपी) आंकड़ें भी किए जाएंगे।
वैश्विक स्तर पर चीन के अक्टूबर महीने के औद्योगिक उत्पादन आंकड़े जारी होंगे। आगामी सप्ताह घरेलू-वैश्विक स्तर पर होने वाली गतिविधियों पर निवेशकों की निगाहें बनी रहेंगी और उसी के आधार पर बाजार का रुख तय होगा।

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जियो ने जोड़े सबसे अधिक ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’- ट्राई

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नई दिल्ली| भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के नवीनतम आंकड़ों के मुताबिक, रिलायंस जियो ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में सबसे आगे है। सितंबर महीने में जियो ने करीब 17 लाख ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़े। समान अवधि में भारती एयरटेल ने 13 लाख तो वोडाफोन आइडिया (वीआई) ने 31 लाख के करीब ग्राहक गंवा दिए। ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में जियो लगातार दूसरे महीने नंबर वन बना हुआ है। एयरटेल और वोडाआइडिया के ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ नंबर गिरने के कारण पूरे उद्योग में सक्रिय ग्राहकों की संख्या में गिरावट देखी गई, सितंबर माह में यह 15 लाख घटकर 106 करोड़ के करीब आ गई।

बताते चलें कि टेलीकॉम कंपनियों का परफॉर्मेंस उनके एक्टिव ग्राहकों की संख्या पर निर्भर करता है। क्योंकि एक्टिव ग्राहक ही कंपनियों के लिए राजस्व हासिल करने का सबसे महत्वपूर्ण जरिया है। हालांकि सितंबर माह में पूरी इंडस्ट्री को ही झटका लगा। जियो, एयरटेल और वीआई से करीब 1 करोड़ ग्राहक छिटक गए। मतलब 1 करोड़ के आसपास सिम बंद हो गए। ऐसा माना जा रहा है कि टैरिफ बढ़ने के बाद, उन ग्राहकों ने अपने नंबर बंद कर दिए, जिन्हें दो सिम की जरूरत नहीं थी।

बीएसएनएल की बाजार हिस्सेदारी में भी मामूली वृद्धि देखी गई। इस सरकारी कंपनी ने सितंबर में करीब 15 लाख वायरलेस डेटा ब्रॉडबैंड ग्राहक जोड़े, जो जुलाई और अगस्त के 56 लाख के औसत से काफी कम है। इसके अलावा, बीएसएनएल ने छह सर्किलों में ग्राहक खो दिए, जो हाल ही की वृद्धि के बाद मंदी के संकेत हैं।

ट्राई के आंकड़े बताते हैं कि वायरलाइन ब्रॉडबैंड यानी फाइबर व अन्य वायरलाइन से जुड़े ग्राहकों की कुल संख्या 4 करोड़ 36 लाख पार कर गई है। सितंबर माह के दौरान इसमें 7 लाख 90 हजार नए ग्राहकों का इजाफा हुआ। सबसे अधिक ग्राहक रिलायंस जियो ने जोड़े। जियो ने सितंबर में 6 लाख 34 हजार ग्राहकों को अपने नेटवर्क से जोड़ा तो वहीं एयरटेल मात्र 98 हजार ग्राहक ही जोड़ पाया। इसके बाद जियो और एयरटेल की बाजार हिस्सेदारी 32.5% और 19.4% हो गई। समान अवधि में बीएसएनएल ने 52 हजार वायरलाइन ब्राडबैंड ग्राहक खो दिए।

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