Connect with us
https://aajkikhabar.com/wp-content/uploads/2020/12/Digital-Strip-Ad-1.jpg

बिजनेस

शेयर बाजार : वैश्विक संकेतों से मिली मजबूती

Published

on

Loading

मुंबई, 25 नवंबर (आईएएनएस)| बीते सप्ताह शेयर बाजार मजबूती के साथ बंद हुए, जिसमें घरेलू कारकों के साथ ही वैश्विक संकेतों का महत्वपूर्ण योगदान रहा। बाजार के दो प्रमुख बेंचमार्क सेंसेक्स और निफ्टी कारोबारी सप्ताह के पांचों दिन तेजी के साथ बंद हुए। साप्ताहिक आधार पर सेंसेक्स 336.44 अंकों या एक फीसदी तेजी के साथ 33,679.24 अंकों पर और निफ्टी 106.10 अंकों या 1.03 फीसदी तेजी के साथ 10,389.70 पर बंद हुआ। इस दौरान बीएसई में मिडकैप सूचकांक में 1.56 फीसदी तथा स्मॉलकैप सूचकांक में 2.38 फीसदी की तेजी दर्ज की गई।

सोमवार को बाजार में मिलाजुला रुख रहा और सेंसेक्स 17.10 अंकों या 0.05 फीसदी तेजी के साथ 33,359.90 पर बंद हुआ। मंगलवार को प्रमुख सूचकांकों में अच्छी तेजी दर्ज की गई और सेंसेक्स 118.45 अंकों या 0.36 फीसदी तेजी के साथ 33,478.35 पर बंद हुआ। बुधवार को सेंसेक्स 83.20 अंकों या 0.25 फीसदी तेजी के साथ 33,561.55 पर बंद हुआ। शुक्रवार को एक बार फिर बाजार में तेजी दर्ज की गई और सेंसेक्स 91.16 अंकों या 0.27 फीसदी तेजी के साथ 33,679.24 पर बंद हुआ।

बीते सप्ताह सेंसेक्स के तेजी वाले शेयरों में प्रमुख रहे -रिलायंस इंडस्ट्रीज (4.38 फीसदी), इंफोसिस (4.02 फीसदी), सिप्ला (1.2 फीसदी) और भारती एयरटेल (0.56 फीसदी)।

सेंसेक्स के गिरावट वाले शेयरों में प्रमुख रहे -लार्सन एंड टूब्रो (0.41 फीसदी), विप्रो (0.75 फीसदी), टीसीएस (0.79 फीसदी) और डॉ. रेड्डी (1.13 फीसदी)।

व्यापक आर्थिक आंकड़ों के मोर्चे पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने गुरुवार को दिवाला और दिवालियापन संहिता में बदलाव लाने वाले अध्यादेश को मंजूरी दे दी। इससे कर्ज नहीं चुकाने वाली कंपनियों/व्यक्तियों को तनावग्रस्त परिसंपत्तियों के लिए बोली लगाने से रोका जा सकेगा।

दिवाला और दिवालियापन संहिता (आईबीसी) को कॉरपोरेट मामलों के मंत्रालय द्वारा लागू किया जा रहा है, जो 2016 के दिसंबर से प्रभावी है और समयबद्ध दिवालिया समाधान प्रक्रिया प्रदान करता है। प्रस्तावित बदलावों से तनावग्रस्त परिसंपत्तियों के लिए खरीदारों का चयन करने की प्रक्रिया को सरल बनाने में मदद मिलेगी।

इस दौरान संसदीय मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति ने शुक्रवार को कहा कि संसद का विलंबित शीतकालीन सत्र 15 दिसंबर से शुरू होगा और पांच जनवरी तक चलेगा। केंद्रीय संसदीय कार्यमंत्री अनंत कुमार ने शुक्रवार को संसदीय मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति (सीसीपीए) की बैठक के बाद कहा, संसद का शीतकालीन सत्र 15 दिसंबर से पांच जनवरी तक चलेगा। इस दौरान 22 दिनों में 14 बैठकें होंगी।

उन्होंने बताया कि संसद की कार्यवाही क्रिसमस के मौके पर 25 और 26 दिसंबर को नहीं होगी।

वैश्विक मोर्चे पर, अमेरिका के फेडरल रिजर्व के मिनट्स से संकेत मिलता है कि ब्याज दरों में वृद्धि संभावित है। फेड का विचार है कि ‘निकट अवधि’ में ब्याज दरों में वृद्धि संभव है, लेकिन केंद्रीय बैंक के अधिकारियों ने लगातार कम मुद्रास्फीति को लेकर भी चिंता जताई।

अक्टूबर में अमेरिका के उपभोक्ता टिकाऊं वस्तु ऑर्डरों में 1.2 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई है। वहीं, 18 नवंबर को समाप्त सप्ताह के दौरान अमेरिका के बेरोजगारी दावों में 13,000 की गिरावट आई और यह 2,39,000 रहा। उपभोक्ता भावना को लेकर जारी मिशिगन विश्वविद्यालय के नवीनतम अनुमान में इसे 98.5 बताया गया है, जो उम्मीद से बेहतर है।

जर्मनी की अर्थव्यवस्था में साल की तीसरी तिमाही में रफ्तार वापस लौटती दिखी, जिसमें कॉरपोरेट निवेशों का विशेष योगदान रहा। जर्मनी के सकल घरेलू उत्पाद में तिमाही-दर-तिमाही आधार पर 0.8 फीसदी वृद्धि दर्ज की गई।

Continue Reading

बिजनेस

जियो ने जोड़े सबसे अधिक ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’- ट्राई

Published

on

Loading

नई दिल्ली| भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के नवीनतम आंकड़ों के मुताबिक, रिलायंस जियो ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में सबसे आगे है। सितंबर महीने में जियो ने करीब 17 लाख ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़े। समान अवधि में भारती एयरटेल ने 13 लाख तो वोडाफोन आइडिया (वीआई) ने 31 लाख के करीब ग्राहक गंवा दिए। ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में जियो लगातार दूसरे महीने नंबर वन बना हुआ है। एयरटेल और वोडाआइडिया के ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ नंबर गिरने के कारण पूरे उद्योग में सक्रिय ग्राहकों की संख्या में गिरावट देखी गई, सितंबर माह में यह 15 लाख घटकर 106 करोड़ के करीब आ गई।

बताते चलें कि टेलीकॉम कंपनियों का परफॉर्मेंस उनके एक्टिव ग्राहकों की संख्या पर निर्भर करता है। क्योंकि एक्टिव ग्राहक ही कंपनियों के लिए राजस्व हासिल करने का सबसे महत्वपूर्ण जरिया है। हालांकि सितंबर माह में पूरी इंडस्ट्री को ही झटका लगा। जियो, एयरटेल और वीआई से करीब 1 करोड़ ग्राहक छिटक गए। मतलब 1 करोड़ के आसपास सिम बंद हो गए। ऐसा माना जा रहा है कि टैरिफ बढ़ने के बाद, उन ग्राहकों ने अपने नंबर बंद कर दिए, जिन्हें दो सिम की जरूरत नहीं थी।

बीएसएनएल की बाजार हिस्सेदारी में भी मामूली वृद्धि देखी गई। इस सरकारी कंपनी ने सितंबर में करीब 15 लाख वायरलेस डेटा ब्रॉडबैंड ग्राहक जोड़े, जो जुलाई और अगस्त के 56 लाख के औसत से काफी कम है। इसके अलावा, बीएसएनएल ने छह सर्किलों में ग्राहक खो दिए, जो हाल ही की वृद्धि के बाद मंदी के संकेत हैं।

ट्राई के आंकड़े बताते हैं कि वायरलाइन ब्रॉडबैंड यानी फाइबर व अन्य वायरलाइन से जुड़े ग्राहकों की कुल संख्या 4 करोड़ 36 लाख पार कर गई है। सितंबर माह के दौरान इसमें 7 लाख 90 हजार नए ग्राहकों का इजाफा हुआ। सबसे अधिक ग्राहक रिलायंस जियो ने जोड़े। जियो ने सितंबर में 6 लाख 34 हजार ग्राहकों को अपने नेटवर्क से जोड़ा तो वहीं एयरटेल मात्र 98 हजार ग्राहक ही जोड़ पाया। इसके बाद जियो और एयरटेल की बाजार हिस्सेदारी 32.5% और 19.4% हो गई। समान अवधि में बीएसएनएल ने 52 हजार वायरलाइन ब्राडबैंड ग्राहक खो दिए।

Continue Reading

Trending