बिजनेस
शेयर बाजार हल्की बढ़त के साथ बंद
मुंबई | शेयर बाजार के प्रमुख सूचकांकों में साल 2017 के पहले सप्ताह में हल्की मजबूती दर्ज की गई। हालांकि सप्ताह के पांच दिन की ट्रेडिंग में इनमें तीन दिन गिरावट देखी गई। बाजार में तेजी मुख्य तौर से घरेलू संस्थागत निवेशकों द्वारा की गई खरीदारी से आई थी, लेकिन विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों की बिकवाली के कारण सूचकांक में गिरावट आ गई।
समीक्षाधीन सप्ताह में बीएसई के मिडकैप और स्मॉलकैप सूचकांक ने सेंसेक्स से बेहतर प्रदर्शन किया। शुक्रवार को खत्म हुए सत्र में साप्ताहिक आधार पर सेंसेक्स 132.77 अंकों या 0.5 फीसदी की बढ़ोतरी के साथ 26,759.23 पर तथा निफ्टी 58 अंकों या 0.71 फीसदी की बढो़तरी के साथ 8,243.80 पर बंद हुआ। इस दौरान बीएसई का मिडकैप सूचकांक 290.38 अंकों या 2.41 फीसदी बढ़ोतरी के साथ 12,321.72 पर और स्मॉलकैप सूचकांक 394.20 अंकों या 3.27 फीसदी बढ़ोतरी के साथ 12,440.33 पर बंद हुआ।
सप्ताह के पहले दिन सोमवार को बाजार में गिरावट देखी गई। सेंसेक्स 31.01 अंकों या 0.12 फीसदी की गिरावट के साथ 26,595.45 पर बंद हुआ। मंगलवार को सेंसेक्स 47.79 अंकों या 0.18 फीसदी की बढ़ोतरी के साथ 26,595.45 पर बंद हुआ। बुधवार को सेंसेक्स 10.11 अंकों या 0.04 फीसदी की गिरावट के साथ 26,633.13 पर बंद हुआ। गुरुवार को सेंसेक्स में तेजी आई और यह 245.11 अंकों या 0.92 फीसदी की बढ़ोतरी के साथ 26,878.24 पर बंद हुआ। सप्ताह के आखिरी कारोबारी दिन गुरुवार को सेंसेक्स 119.01 अंकों या 0.44 फीसदी की गिरावट के साथ 26,759.23 पर बंद हुआ।
इस सप्ताह सेंसेक्स के तेजी वाले शेयरों में टाटा स्टील (7.31 फीसदी), अडाणी पोर्ट्स (6.47 फीसदी), ओएनजीसी (5.75 फीसदी), एक्सिस बैंक (1.09 फीसदी), आईसीआईसीआई बैंक (1.12 फीसदी), सन फार्मा (1.78 फीसदी), टाटा मोटर्स (5.61 फीसदी), मारुति सुजुकी इंडिया (5.45 फीसदी), महिंद्रा एंड महिंद्रा (3.49 फीसदी), बजाज ऑटो (3.11 फीसदी), हीरो मोटोकॉर्प (0.96 फीसदी) प्रमुख रहे।
सेंसक्स के गिरावट वाले शेयरों में प्रमुख रहे- एचडीएफसी (3.19 फीसदी), एनटीपीसी (0.49 फीसदी), स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (1.52 फीसदी), एचडीएफसी बैंक (0.91 फीसदी), इंफोसिस (3.88 फीसदी), टीसीएस (3.32 फीसदी), विप्रो (0.86 फीसदी)।
सरकार ने शुक्रवार को वित्त वर्ष 2016-17 में सकल घरेलू अर्थवयवस्था (जीडीपी) की वृद्धि दर का अग्रिम अनुमान जारी किया।
केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय द्वारा जारी 2016-17 के लिए राष्ट्रीय आय अनुमान में बताया गया कि सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की दर वित्त वर्ष 2016-17 में 7.1 फीसदी रहेगी, जबकि वित्त वर्ष 2015-16 में यह 7.8 फीसदी थी।
एक आधिकारिक बयान में कहा गया कि वास्तविक जीवीए (सकल मूल्य वर्धित, जिसमें सब्सिडी और कर शामिल नहीं है) की दर 2016-17 में 7 फीसदी रहेगी, जबकि वित्त वर्ष 2015-16 में यह 7.2 फीसदी थी।
अग्रिम अनुमान के लिए इस्तेमाल मापदंडों में नोटबंदी के प्रभाव को शामिल नहीं किया गया है।
देश के मुख्य सांख्यिकीविद टी.सी.ए. अनंत ने कहा कि सालाना राष्ट्रीय आय की गणना में नोटबंदी को इसलिए शामिल नहीं किया गया, क्योंकि यह सामान्य कारक नहीं है।
उन्होंने कहा, “जमा में हुई वृद्धि एक बाहरी कारक हैं, इसलिए नबंवर के आंकड़े इस गणना में शामिल नहीं किए गए हैं।”
सीएसओ ने सात महीनों के आंकड़े के आधार पर समूचे वित्त वर्ष की गणना की है।
जीवीए में 2016-17 के लिए उत्पादन क्षेत्र की वृद्धि दर के 7.4 फीसदी रहने का अनुमान लगाया गया है, जबकि वित्त वर्ष 2015-16 के दौरान यह 9.3 फीसदी थी।
कृषि, वानिकी और मछली पकड़ने के क्षेत्र की वृद्धि दर 4.1 फीसदी होने का अनुमान है, जबकि 2015-16 के दौरान यह 1.2 फीसदी थी।
वित्त, बीमा, रियल स्टेट और पेशेवर सेवाओं के क्षेत्र के वित्त वर्ष 2016-17 के दौरान 9.0 फीसदी की रफ्तार से बढ़ने का अनुमान है जबकि 2015-16 के दौरान यह 10.3 फीसदी थी।
जीडीपी के अग्रिम पूर्वानुमान सामान्य तौर पर फरवरी में जारी किए जाते हैं, लेकिन अब सरकार ने एक फरवरी को बजट प्रस्तुत करने की योजना बनाई है, इसलिए ये जल्दी जारी किए गए हैं।
नेशनल
ऑनलाइन फूड ऑर्डरिंग ऐप को मनमानी करने पर 103 के बदले देने पड़ेंगे 35,453 रु, जानें क्या है पूरा मामला
हैदराबाद। ऑनलाइन फूड ऑर्डरिंग ऐप स्विगी को ग्राहक के साथ मनमानी करना भारी पड़ गया। कंपनी की इस मनमानी पर एक कोर्ट ने स्विगी पर तगड़ा जुर्माना ठोक दिया। हैदराबाद के निवासी एम्माडी सुरेश बाबू की शिकायत पर उपभोक्ता आयोग ने बड़ा फैसला सुनाया है। बाबू ने आरोप लगाया था कि स्विगी ने उनके स्विगी वन मेंबरशिप के लाभों का उल्लंघन किया और डिलीवरी Food Delivery की दूरी को जानबूझकर बढ़ाकर उनसे अतिरिक्त शुल्क वसूला
क्या है पूरा मामला ?
सुरेश बाबू ने 1 नवंबर, 2023 को स्विगी से खाना ऑर्डर किया था। सुरेश के लोकेशन और रेस्टॉरेंट की दूरी 9.7 किमी थी, जिसे स्विगी ने बढ़ाकर 14 किमी कर दिया था। दूरी में बढ़ोतरी की वजह से सुरेश को स्विगी का मेंबरशिप होने के बावजूद 103 रुपये का डिलीवरी चार्ज देना पड़ा। सुरेश ने आयोग में शिकायत दर्ज कराते हुए कहा कि स्विगी वन मेंबरशिप के तहत कंपनी 10 किमी तक की रेंज में फ्री डिलीवरी करने का वादा किया था।कोर्ट ने बाबू द्वारा दिए गए गूगल मैप के स्क्रीनशॉट्स और बाकी सबूतों की समीक्षा की और पाया कि दूरी में काफी बढ़ोतरी की गई है।
कोर्ट ने स्विगी को अनुचित व्यापार व्यवहार का दोषी पाया और कंपनी को आदेश दिया कि वे सुरेश बाबू को 9 प्रतिशत ब्याज के साथ 350.48 रुपये के खाने का रिफंड, डिलीवरी के 103 रुपये, मानसिक परेशानी और असुविधा के लिए 5000 रुपये, मुकदमे की लागत के लिए 5000 रुपए समेत कुल 35,453 रुपये का भुगतान करे।
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