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श्रीलंका के विवादास्पद प्रधानमंत्री राजपक्षे का इस्तीफा

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कोलंबो, 15 दिसम्बर (आईएएनएस)| श्रीलंका के विवादास्पद प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे ने शनिवार को इस्तीफा दे दिया। उन्हें सात हफ्ते पहले एक अप्रत्याशित कदम के तहत देश का प्रधानमंत्री नियुक्त किया गया था, जिससे इस द्विपीय देश में राजनीतिक संकट उत्पन्न हो गया था। टेलीविजन फूटेज के अनुसार, राजपक्षे ने राजधानी में अपने आधिकारिक आवास पर पार्टी कार्यकर्ताओं के बीच इस्तीफे पर हस्ताक्षर किया।

राजपक्षे के इस्तीफे से दो माह लंबा चला सत्ता संघर्ष भी समाप्त हो गया और राष्ट्रपति मैत्रीपाला सिरिसेना के अधीन नई सरकार बनने का रास्ता भी साफ हो गया।

श्रीलंका में यह राजनीतिक संकट तब पैदा हो गया था, जब सिरिसेना ने अचानक 26 अक्टूबर को प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे को बर्खास्त कर दिया था और उनके स्थान पर पूर्व राष्ट्रपति राजपक्षे को प्रधानमंत्री नियुक्त कर दिया था। जब सिरिसेना के निर्णय को चुनौती दी गई, तो उन्होंने संसद भंग कर दी और जनवरी में आकस्मिक संसदीय चुनाव की घोषणा कर दी।

ऐसा माना जा रहा है कि विक्रमसिंघे रविवार को अपना कार्यभार संभालेंगे।

विक्रमसिंघे की पार्टी यूनाइटेड नेशनल पार्टी(यूएनपी) के प्रवक्ता हरीन फर्नाडो ने बीबीसी से कहा, “राष्ट्रपति कल 10 बजे रानिल विक्रमसिंघे को प्रधानमंत्री के रूप में शपथ दिलाने के लिए तैयार हो गए हैं।”

फर्नाडो ने कहा कि इससे राजनीतिक गतिरोध समाप्त हो जाएगा। उन्होंने कहा कि इस 50 दिनों के संकट की वजह से देश और इसकी अर्थव्यवस्था को ‘काफी नुकसान’ उठाना पड़ा है।

कोलंबो टेलीग्राफ ने यूएनपी सूत्रों के हवाले से कहा, “नए कैबिनेट के मंत्री सोमवार को शपथ लेंगे।”

अखबार के मुताबिक, राजपक्षे रविवार को इस्तीफा देने के अपने निर्णय के संबंध में विशेष बयान देंगे।

राजपक्षे के बेटे नामल ने कहा कि उनके पिता ने राष्ट्रीय स्थिरता सुनिश्चित करने के लिए इस्तीफा दिया है।

राजपक्षे की पार्टी, श्रीलंका पोदुजना पेरामुना(एसएलपीपी) के सांसद शेहान सेमासिंघे ने कहा कि उनके नेता और पार्टी संसद में मजबूत विपक्ष की भूमिका निभाएंगे और राजनीतिक अस्थिरता समाप्त करने के लिए लगातार संसदीय चुनाव की मांग करते रहेंगे।

सर्वोच्च न्यायालय ने राजपक्षे और उनकी सरकार के खिलाफ एक निलंबन आदेश बरकरार रखा, जिसके बाद राजपक्षे ने शुक्रवार को अपने पद से इस्तीफा देने का निर्णय लिया था।

 

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पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में बड़ा आतंकी हमला, 38 लोगों की मौत

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पख्तूनख्वा। पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में बड़ा आतंकी हमला हुआ है। इस हमले में 38 लोगों की मौत हो गई है। यह हमला खैबर पख्तूनख्वा के डाउन कुर्रम इलाके में एक पैसेंजर वैन पर हुआ है। हमले में एक पुलिस अधिकारी और महिलाओं समेत दर्जनों लोग घायल भी हुए हैं। जानकारी के मुताबिक उत्तर-पश्चिमी पाकिस्तान के अशांत प्रांत खैबर पख्तूनख्वा में आतंकियों ने शिया मुस्लिम नागरिकों को ले जा रहे यात्री वाहनों पर गोलीबारी की है। यह क्षेत्र में हाल के वर्षों में इस तरह का सबसे घातक हमला है। मृतकों की संख्या में इजाफा हो सकता है।

AFP की रिपोर्ट के मुताबिक इस हमले में 38 लोगों की मौत हुई है. पैसेंजर वैन जैसे ही लोअर कुर्रम के ओचुट काली और मंदुरी के पास से गुजरी, वहां पहले से घात लगाकर बैठे आतंकियों ने वैन पर अंधाधुंध गोलियां बरसानी शुरू कर दीं. पैसेंजर वैन पाराचिनार से पेशावर जा रही थी। पाकिस्तान की समाचार एजेंसी डॉन के मुताबिक तहसील मुख्यालय अस्पताल अलीजई के अधिकारी डॉ. ग़यूर हुसैन ने हमले की पुष्टि की है.

शिया और सुन्नी मुसलमानों के बीच तनाव 

अफगानिस्तान की सीमा से लगे कबायली इलाके में भूमि विवाद को लेकर शिया और सुन्नी मुसलमानों के बीच दशकों से तनाव बना हुआ है। किसी भी समूह ने घटना की जिम्मेदारी नहीं ली है। जानकारी के मुताबिक “यात्री वाहनों के दो काफिले थे, एक पेशावर से पाराचिनार और दूसरा पाराचिनार से पेशावर यात्रियों को ले जा रहा था, तभी हथियारबंद लोगों ने उन पर गोलीबारी की।” चौधरी ने बताया कि उनके रिश्तेदार काफिले में पेशावर से यात्रा कर रहे थे।

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