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बिजनेस

श्रीलंका ने इस साल के लिए 4.4 लाख भारतीयों के आगमन का लक्ष्य रखा

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नई दिल्ली, 30 जनवरी (आईएएनएस)| श्रीलंका पर्यटन ने मंगलवार को कहा कि उसने इस साल अपने यहां 4 लाख 40 हजार भारतीयों के आगमन का लक्ष्य रखा है। श्रीलंका पर्यटन विभाग के मुताबिक भारत उसके लिए सबसे बड़ा विदेशी बाजार है। इसके मुताबिक बीते साल श्रीलंका घूमने जाने वाले भारतीयों की संख्या 3,84,628 थी। डेस्टिनेशन श्रीलंका ने भारतीय पर्यटकों के लिए अनूठी पेशकशों को समझते हुए यह लक्ष्य रखा है। श्रीलंका का विकास हरेक मौसम के डेस्टिनेशन के रूप में हो रहा है। इसका मतलब यह हुआ कि साल के किसी भी समय श्रीलंका जाया जा सकता है। कोनडे नास्ट ट्रैवलर इंडिया ने इसे वर्ष के उभरते डेस्टिनेशन का पुरस्कार दिया है। इसके अलावा, 2017 में यह एशिया का अग्रणी ऐडवेंचर टूरिज्म डेस्टिनेशन ऑफ दि ईयर रहा है।

यह सर्वेक्षण श्रीलंका टूरिज्म ने किया है। इसकी खास बात यह है कि 63.7 प्रतिशत भारतीय सैर सपाटे पर निकल जाते हैं और 49.82 प्रतिशत खरीदारी के लिए जबकि 41.64 प्रतिशत सी बेदिंग पसंद करते हैं और 32.74 प्रतिशत घंटों स्वीमिंग पूल में गुजारते हैं।

37.01 प्रतिशत भारतीय पर्यटक श्रीलंका के ऐतिहासिक स्थलों पर जाते हैं जबकि वन्य जीवन सिर्फ 21 प्रतिशत लोगों की पसंद होती है। सर्वेक्षण के मुताबिक श्रीलंका जाने वाले भारतीय पर्यटक का संपूर्ण अनुभव 69.1 प्रतिशत के लिए बहुत सुखद रहा है जबकि 30.69 प्रतिशत के लिए यह संतोषजनक रहा है। इसलिए यह कहना सही होगा कि श्रीलंका घूमने आने वाले लगभग 100 प्रतिशत भारतीय का अच्छा और आनंददायक दौरा रहा।

सर्वेक्षण की अन्य प्रमुख बातें यह हैं कि 44.84 प्रतिशत भारतीय श्रीलंका की अच्छी यादें लेकर आते हैं और वे इसे एक सुंदर देश मानते हैं। 29.54 प्रतिशत कहते हैं कि श्रीलंका के लोग अच्छे मेजबान हैं। 24 2प्रतिशत लोग इसके अच्छे समुद्र तट और सुनहरी रेत की चर्चा करते हैं। 24.20 प्रतिशत लोगों ने इस छोटे द्वीप के विविध आकर्षणों को पसंद किया। आज की तारीख में श्रीलंका को 30.25 प्रतिशत भारतीयों पर भारी गर्व है जो देश को अच्छी तरह जानते हैं और बार-बार घूमने आते हैं।

भारत से विकास और संभावनाओं को देखते हुए श्रीलंका टूरिज्म ने 52 ट्रैवेल एजेंट और होटल वालों के साथ एसएटीटीई-2018 में भाग लेने की घोषणा की है। श्रीलंका के प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व महामहिम चित्रांगनी वागीश्वर (उच्चायुक्त), फेलिक्स रोड्रिगो (श्रीलंका में पर्यटन विकास के माननीय मंत्री के वरिष्ठ सलाहकार), श्रीलंका टूरिज्म प्रोमोशन ब्यूरो के प्रबंध निदेशक सुथेस बालासुब्रमणियम और अन्य वरिष्ठ अधिकारी करेंगे।

वैसे तो श्रीलंका के पुराने समुद्र तटों और सांस्कृतिक पहलुओं का पहले से ही भारतीय पर्यटकों द्वारा जायजा लिया जा रहा है पर इस साल की भागीदारी के लिए जो प्रमुख क्षेत्र फोकस में हैं, वो फिल्म टूरिज्म, डेस्टिनेशन वेडिंग, धार्मिक और तीर्थयात्रा वाला पर्यटन (रामायण ट्रेल) शामिल है। एसएटीटीई के दौरान श्रीलंका पैवेलियन 2018 में एक टी बार होगा जो सिलोन टी का प्रतिनिधित्व करेगा।

सुथेश बालासुब्रमणियम (प्रबंध निदेशक, श्रीलंका टूरिज्म प्रोमोशन ब्यूरो) ने कहा, भारत अब भी हमारा सर्वोच्च स्रोत बाजार है। हमारा मानना है कि भारतीय यात्रा बाजार की संभावना अभी हासिल होनी है और यह लंबे समय तक ठहरने और ज्यादा खर्च करने वाले पर्यटकों के रूप में होगा। हमें पूरी उम्मीद है कि श्रीलंका को हम भारतीय पर्यटकों के लिए एशिया का सबसे पसंदीदा डेस्टिनेशन बना पाएंगे। श्रीलंका पर्यटकों को विविधतापूर्ण उत्पाद पेशकशों की श्रृंखला पेश करता है जो इस छोटे द्वीप में फैला हुआ है और हरेक आयु वर्ग की जरूरतें पूरी करता है।

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जेट एयरवेज की संपत्तियों की होगी बिक्री

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नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने राष्ट्रीय कंपनी कानून अपीलीय न्यायाधिकरण (एनसीएलएटी) के आदेश को रद्द करते हुए दिवाला और दिवालियापन संहिता (आईबीसी) के अनुसार निष्क्रिय जेट एयरवेज के परिसमापन का आदेश दिया। एनसीएलएटी ने पहले कॉरपोरेट दिवालियापन समाधान प्रक्रिया (सीआईआरपी) के हिस्से के रूप में जालान कालरॉक कंसोर्टियम (जेकेसी) को एयरलाइन के स्वामित्व के हस्तांतरण को बरकरार रखा था। सुप्रीम कोर्ट ने एक आदेश जारी करते हुए कहा कि जेकेसी संकल्प का पालन करने में विफल रहा क्योंकि वह 150 करोड़ रुपये देने में विफल रहा, जो श्रमिकों के बकाया और अन्य आवश्यक लागतों के बीच हवाई अड्डे के बकाया को चुकाने के लिए 350 करोड़ रुपये की पहली राशि थी। नवीनतम निर्णय एयरलाइन के खुद को पुनर्जीवित करने के संघर्ष के अंत का प्रतीक है।

NCLT को लगाई फटकार

पीठ की ओर से फैसला सुनाते हुए न्यायमूर्ति पारदीवाला ने एनसीएलएटी के फैसले के खिलाफ एसबीआई तथा अन्य ऋणदाताओं की याचिका को स्वीकार कर लिया। याचिका में जेकेसी के पक्ष में जेट एयरवेज की समाधान योजना को बरकरार रखने के फैसले का विरोध किया गया है। न्यायालय ने कहा कि विमानन कंपनी का परिसमापन लेनदारों, श्रमिकों और अन्य हितधारकों के हित में है। परिसमापन की प्रक्रिया में कंपनी की संपत्तियों को बेचकर प्राप्त धन से ऋणों का भुगतान किया जाता है। पीठ ने एनसीएलएटी को, उसके फैसले के लिए फटकार भी लगाई।

शीर्ष अदालत ने संविधान के अनुच्छेद 142 के तहत अपनी विशेष शक्तियों का इस्तेमाल किया, जो उसे अपने समक्ष लंबित किसी भी मामले या मामले में पूर्ण न्याय सुनिश्चित करने के लिए आदेश तथा डिक्री जारी करने का अधिकार देता है। एनसीएलएटी ने बंद हो चुकी विमानन कंपनी की समाधान योजना को 12 मार्च को बरकरार रखा था और इसके स्वामित्व को जेकेसी को हस्तांतरित करने की मंजूरी दी थी। भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई), पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) और जेसी फ्लावर्स एसेट रिकंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड ने एनसीएलएटी के फैसले के खिलाफ अदालत का रुख किया था।

 

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