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सच्ची कहानियों पर मैं बेहतर काम कर पाती हूं : मेघना गुलजार

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नई दिल्ली, 29 जून (आईएएनएस)| फिल्मकार मेघना गुलजार को लगता है कि वस्तविक दुनिया में काल्पनिक दुनिया से ज्यादा हीरो होते हैं, इसीलिए वह अपने सिनेमाई प्रयासों से उनकी जिंदगी के सफर का बेहतर चित्रण कर पाती हैं।

फील्ड मार्शल सैम मानेकशॉ की बायोपिक पर काम कर रहीं मेघना का कहना है कि एक सच्ची कहानी बताना चुनौतीपूर्ण है और उन्हें लगता है कि वह ये काम बेहतर तरीके से करती हैं।

मेघना ने फोन पर आईएएनएस से कहा, मेरी कहानियां कंटेंट को देखते हुए बेहतर बनती हैं, और मुझे लगता है कि मैंने मजबूत, साहसिक और कमजोर न मानी जाने वाली फिल्म ‘तलवार’ के बाद सच्ची कहानी बताने में डर का अहसास या आत्मविश्वास की कमी के साथ काम किया है।

उन्होंने कहा, ‘तलवार’ के साथ मैं सशक्त कहानियां बताने में सहज हुई हूं। इसके साथ ही मेरे अंदर मजबूत कहानियों को चुनने का आत्मविश्वास बढ़ा है। मुझे लगता है कि मैं सच्ची कहानियों के साथ बेहतर कर पाती हूं।

प्रसिद्ध कवि, कहानीकार, पटकथा लेखक व फिल्मकार गुलजार की बेटी ने इसका कारण पूछने पर कहा, क्योंकि यह बहुत चुनौतीपूर्ण होता है और वही चुनौती मुझे मुश्किल काम करने देता है, जिससे फिल्म को फायदा होता है।

अभिनेत्री राखी की बेटी मेघना ने वर्ष 2002 में अपनी पहली फिल्म ‘फिलहाल’ में सरोगेसी के मुद्दे को उठाया था। उन्होंने ‘जस्ट मैरीड : मैरिज वाज ऑनली द बिगिनिंग’ में नवदंपति को उनके बीच की असंगति से आजमाइश करते हुए दिखाया था।

‘तलवार’ में उन्होंने चर्चित आरुषि तलवार हत्याकांड को पर्दे पर उतारा था। हालिया समय में उन्होंने आलिया भट्ट के साथ ‘राजी’ बनाई।

हरिंदर सिक्का की किताब ‘कॉलिंग सहमत’ पर आधारित फिल्म ‘राजी’ एक कश्मीरी युवती पर आधारित है, जिसकी शादी पाकिस्तान के एक सैन्य अधिकारी से हो जाती है। इसके बाद वह जासूस बन पाकिस्तान की खुफिया जानकारी अपने देश भारत को भेजने लगती है।

फिल्म को दर्शकों से अच्छी प्रतिक्रिया मिली और अब मेघना सेना के जांबाज अधिकारी फील्ड मार्शल मानेकशॉ की बायोपिक पर काम कर रही हैं। मानेकशा 1971 में भारत-पाकिस्तान युद्ध के समय सेना प्रमुख थे।

मेघना के अनुसार, मानेकशॉ लोगों के लिए रोल मॉडल हैं और लोगों को उनके बारे में जानना चाहिए।

उन्होंने कहा, मानेकशॉ ने महान जीवन जिया है और इसके साथ ही वह बहादुर और सुंदर भी थे।

भारतीय सेना पर उनकी यह दूसरी फिल्म है और वे इसे मात्र एक संयोग मानती हैं।

मेघना कहती हैं कि वह मानेकशॉ के परिवार से मिलने की योजना बना रही हैं, लेकिन उससे पहले फिल्म का संक्षिप्त खाका तैयार करना है।

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पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में बड़ा आतंकी हमला, 38 लोगों की मौत

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पख्तूनख्वा। पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में बड़ा आतंकी हमला हुआ है। इस हमले में 38 लोगों की मौत हो गई है। यह हमला खैबर पख्तूनख्वा के डाउन कुर्रम इलाके में एक पैसेंजर वैन पर हुआ है। हमले में एक पुलिस अधिकारी और महिलाओं समेत दर्जनों लोग घायल भी हुए हैं। जानकारी के मुताबिक उत्तर-पश्चिमी पाकिस्तान के अशांत प्रांत खैबर पख्तूनख्वा में आतंकियों ने शिया मुस्लिम नागरिकों को ले जा रहे यात्री वाहनों पर गोलीबारी की है। यह क्षेत्र में हाल के वर्षों में इस तरह का सबसे घातक हमला है। मृतकों की संख्या में इजाफा हो सकता है।

AFP की रिपोर्ट के मुताबिक इस हमले में 38 लोगों की मौत हुई है. पैसेंजर वैन जैसे ही लोअर कुर्रम के ओचुट काली और मंदुरी के पास से गुजरी, वहां पहले से घात लगाकर बैठे आतंकियों ने वैन पर अंधाधुंध गोलियां बरसानी शुरू कर दीं. पैसेंजर वैन पाराचिनार से पेशावर जा रही थी। पाकिस्तान की समाचार एजेंसी डॉन के मुताबिक तहसील मुख्यालय अस्पताल अलीजई के अधिकारी डॉ. ग़यूर हुसैन ने हमले की पुष्टि की है.

शिया और सुन्नी मुसलमानों के बीच तनाव 

अफगानिस्तान की सीमा से लगे कबायली इलाके में भूमि विवाद को लेकर शिया और सुन्नी मुसलमानों के बीच दशकों से तनाव बना हुआ है। किसी भी समूह ने घटना की जिम्मेदारी नहीं ली है। जानकारी के मुताबिक “यात्री वाहनों के दो काफिले थे, एक पेशावर से पाराचिनार और दूसरा पाराचिनार से पेशावर यात्रियों को ले जा रहा था, तभी हथियारबंद लोगों ने उन पर गोलीबारी की।” चौधरी ने बताया कि उनके रिश्तेदार काफिले में पेशावर से यात्रा कर रहे थे।

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