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सपा के समारोह से ऐन पहले दरार हुई चौड़ी, निष्कासित नेताओं को ‘नो एंट्री’

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shivpal-akhileshलखनऊ। उत्तर प्रदेश में पांच नवंबर को लखनऊ में आयोजित होने वाले समाजवादी पार्टी (सपा) के रजत जयंती समारोह से पहले एक बार फिर मुख्यमंत्री अखिलेश यादव और पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष शिवपाल सिंह यादव के बीच दरार चौड़ी होती दिख रही है। पार्टी शीर्ष नेतृत्व ने निष्कासित नेताओं को रजत जयंती समारोह में प्रवेश न करने का आदेश जारी किया है।

अनुशासनहीन आचरण करने के कारण सपा से छह वर्ष के लिए बर्खास्त नेताओं का पार्टी के शीर्ष नेतृत्व का रुख नरम नहीं हुआ है। पार्टी शीर्ष नेतृत्व ने निष्कासित नेताओं को रजत जयंती समारोह में प्रवेश न करने का आदेश जारी किया है। इसके साथ ही जिला व पुलिस प्रशासन को इनका किसी की कीमत पर प्रवेश रोकने का निर्देश भी जारी किया गया है। पार्टी के मुखिया मुलायम सिंह यादव ने सभी निष्कासित नेताओं पर शुक्रवार को यह सख्त फैसला लिया।

मुलायम ने निर्देश दिया है कि शनिवार को लखनऊ के जनेश्वर मिश्र पार्क में होने वाले पार्टी के रजत जयंती समारोह में पार्टी से निकाले गए नेताओं को प्रवेश न दिया जाए। किसी भी कार्यक्रम में इनको शामिल न किया जाए।

शीर्ष नेतृत्व के इस रुख से अब सपा के निष्कासित और उपद्रवी नेता किसी भी कार्यक्रम में प्रवेश नहीं कर सकेंगे। पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष शिवपाल सिंह यादव ने लखनऊ के जिलाधिकारी के साथ वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) को शुक्रवार को पार्टी के शीर्ष नेतृत्व के निर्णय से अवगत करा दिया।

शिवपाल ने कहा कि निष्कासित नेताओं को रजत जयंती समारोह में प्रवेश नहीं मिलेगा। पार्टी से बर्खास्त और उपद्रवी नेता अगर इस निर्देश के बाद भी किसी तरह से कार्यक्रम में घुसे तो फिर उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई तय है। इसको लेकर जिला व पुलिस प्रशासन भी अलर्ट पर है।

दरअसल, मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने तीन नवंबर को अपनी रथयात्रा की शुरुआत के दौरान युवा नेताओं से अपील की थी कि वे पूरे जोश के साथ रजत जयंती समारोह में शिरकत करने पहुंचें। अखिलेश की इस यात्रा के दौरान हालांकि पार्टी से निष्कासित कई नेता दिखाई दिए थे। बाद में शिवपाल यादव ने भी कहा था कि रथयात्रा में निष्कासित नेताओं को शामिल होने से रोका जाना चाहिए था।

उत्तर प्रदेश

उत्तर प्रदेश राज्य महिला आयोग का प्रस्ताव- पुरुष दर्जी नहीं ले सकेंगे महिलाओं की माप, जिम में महिला ट्रेनर जरुरी

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लखनऊ। अगर आप महिला हैं तो ये खबर आपके लिए है। दरअसल, यूपी में महिलाओं की सुरक्षा को और मजबूत करने के लिए उ.प्र. राज्य महिला आयोग ने कुछ अहम फैसले लिए हैं जिसे जानना आपके लिए बेहद ज़रूरी हैं। शुक्रवार को आयोग की बैठक सम्पन्न हुई। इस दौरान महिलाओं की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए कई अहम फैसले लिए गए। जो की इस प्रकार हैं।

1- महिला जिम/योगा सेन्टर में, महिला ट्रेनर होना चाहिए तथा ट्रेनर एवं महिला जिम का सत्यापन अवश्य करा लिया जाये।

2-महिला जिम/योगा सेन्टर में प्रवेश के समय अभ्यर्थी के आधार कार्ड/निर्वाचन कार्ड जैसे पहचान पत्र से सत्यापन कर उसकी छायाप्रति सुरक्षित रखी जाये।

3- महिला जिम/योगा सेन्टर में डी.वी.आर. सहित सी.सी.टी.वी. सक्रिय दशा में होना अनिवार्य है।

4. विद्यालय के बस में महिला सुरक्षाकर्मी अथवा महिला टीचर का होना अनिवार्य है।

5. नाट्य कला केन्द्रों में महिला डांस टीचर एवं डी.वी.आर सहित सक्रिय दशा में सी.सी.टी.वी. का होना अनिवार्य है।

6. बुटीक सेन्टरों पर कपड़ों की नाप लेने हेतु महिला टेलर एवं सक्रिय सी.सी.टी.वी. का होना अनिवार्य है।

7. जनपद की सभी शिक्षण संस्थाओं का सत्यापन होना चाहिये।

8. कोचिंग सेन्टरों पर सक्रिय सी.सी.टी.वी. एवं वाशरूम आदि की व्यवस्था अनिवार्य है।

9. महिलाओं से सम्बन्धित वस्त्र आदि की ब्रिकी की दुकानों पर महिला कर्मचारी का होना अनिवार्य है।

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