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सरकारी राहत पैकेज से सुधरेगी चीनी उद्योग की सेहत : अधीर झा
नई दिल्ली, 5 जून (आईएएनएस)| केंद्र सरकार नकदी के संकट से जूझ रही घरेलू चीनी मिलों के लिए बड़ी राहत पैकेज की घोषणा करने वाली है। देश के चीनी उद्योग के जानकार बताते हैं कि सरकार की पहल से चीनी की कीमतों में सुधार होने से मिलों को बड़ी राहत मिलेगी।
इंडियन शुगर एग्जिम कॉर्पोरेशन लिमिटेड यानी आईजैक के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अधीर झा ने आईएएनएस से बातचीत में कहा कि चीनी उद्योग संकट में है और उसे सरकार से मदद की दरकार है। ऐसे में सरकार अगर किसी बड़े राहत पैकेज की घोषणा करती है तो उससे निस्संदेह चीनी उद्योग को संकट से उबारने में मदद मिलेगी।
उन्होंने आईएएनएस से बातचीत में कहा कि गन्ना उत्पादकों के बकाये का भुगतान करना मिलों के लिए सबसे बड़ी समस्या है, जिसमें सरकार की ओर से मदद मिलने से मिलों का कर्ज का बोझ कम होगा। जाहिर है कि उससे राहत मिलेगी। हालांकि झा ने कहा कि सरकार की ओर से राहत पैकेज की घोषणा के बाद ही उद्योग को मिलने वाली राहत का आकलन किया जा सकता है।
चीनी उद्योग को नकदी के संकट से उबारने और गन्ना उत्पादों के बकाये का भुगतान करने में उनकी मदद के लिए सरकार जल्द तकरीबन 80 अरब रुपये के राहत पैकज की घोषणा कर सकती है। सूत्रों की माने तो मंत्रिमंडल की बैठक में इसे मंजूरी मिलने के बाद जल्द ही राहत पैकेज की घोषणा की जाएगी।
मंत्रिमंडल की बैठक में चीनी की न्यूनतम कीमत, बफर स्टॉक की सीमा तय करने के साथ-साथ गन्ना उत्पादकों को बकाये के भुगतान और इथनॉल उत्पादन क्षमता बढ़ाने के लिए मिलों को वित्तीय मदद पर फैसला लिया जाएगा।
झा ने कहा कि चीनी का न्यूनतम मूल्य यानी फ्लोर प्राइस अगर 29 रुपये प्रति किलोग्राम तय होती है तो यह शायद चीनी मिलों के लिए मनमाफिक नहीं होगी, क्योंकि उत्पादन लागत ज्यादा है। झा ने कहा कि बफर स्टॉक बनाए जाने से घरेलू बाजार में आपूर्ति पर अंकुश लगेगा, जिससे बाजार भाव में तेजी को सपोर्ट मिलेगा।
उन्होंने कहा, अगर 30 लाख टन चीनी मिलों के गोदाम में पड़ी रहेगी, वह बाजार में नहीं आएगी तो अभी जो आपूर्ति का दबाव है, उससे बड़ी राहत मिलेगी और चीनी के एक्स मिल रेट में इजाफा होगा। मिलों को अगर लागत से अधिक दाम मिलेगा तो फिर संकट आप ही आप छंट जाएगा। मगर इसकी संभावना कम है, क्योंकि गन्ने की बंपर पैदावार होने से देश में चीनी का स्टॉक ज्यादा है।
उन्होंने कहा कि सरकार लंबी अवधि के उपाय पर विचार कर रही है, जिससे आने वाले दिनों में किसानों और उद्योग को फायदा मिलेगा। मगर तत्काल राहत की जहां तक बात है तो वह निर्यात बढ़ने से ही होगी।
उन्होंने कहा, इथेनॉल उत्पादन बढ़ाने के लिए मशीनरी से लेकर पूरे इन्फ्रास्ट्रक्च र को तैयार करने में समय लगेगा। मगर आने वाले दो साल में इथेनॉल उत्पादन बढ़ने से चीनी मिलों के सामने विकल्प होगा कि वे चीनी का उत्पादन कम कर इथेनॉल का ज्यादा करें।
गौरतलब है कि सरकार ने न्यूनतम सांकेतिक निर्यात परिमाण स्कीम के तहत घरेलू चीनी मिलों के लिए 20 लाख टन चीनी इस सत्र में निर्यात करना अनिवार्य कर दिया है। इसके अलावा सरकार गन्ना उत्पादकों को एफआरपी में 55 रुपये प्रति टन की दर से सीधे उनके खाते में भुगतान करेगी। इसपर होने वाले खर्च और मिलों द्वारा इथेनॉल उत्पादन क्षमता निर्माण के लिए दिए जाने वाले कर्ज पर ब्याज में छूट, बफर स्टॉक में होने वाले खर्च आदि को मिलाकर सरकार कुछ 80 अरब रुपये के राहत पैकेज की घोषणा कर सकती है।
उधर, रेटिंग एजेंसी आईसीआरए ने देश में चीनी की आपूर्ति ज्यादा होने से कीमतों पर लगातार दबाव रहने की संभावना जताई है।
मंगलवार को उत्तर प्रदेश में चीनी का एक्स मिल रेट करीब 2900-3000 रुपये प्रति कुंटल और महाराष्ट्र में तकरीबन 2800-2900 रुपये प्रति कुंटल था।
देश में चालू वित्त वर्ष 2017-18 के अक्टूबर-सितंबर पेराई सत्र में 320 लाख टन के करीब चीनी उत्पादन का अनुमान है, जबकि सालाना घरेलू खपत 250 लाख टन है।
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पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में बड़ा आतंकी हमला, 38 लोगों की मौत
पख्तूनख्वा। पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में बड़ा आतंकी हमला हुआ है। इस हमले में 38 लोगों की मौत हो गई है। यह हमला खैबर पख्तूनख्वा के डाउन कुर्रम इलाके में एक पैसेंजर वैन पर हुआ है। हमले में एक पुलिस अधिकारी और महिलाओं समेत दर्जनों लोग घायल भी हुए हैं। जानकारी के मुताबिक उत्तर-पश्चिमी पाकिस्तान के अशांत प्रांत खैबर पख्तूनख्वा में आतंकियों ने शिया मुस्लिम नागरिकों को ले जा रहे यात्री वाहनों पर गोलीबारी की है। यह क्षेत्र में हाल के वर्षों में इस तरह का सबसे घातक हमला है। मृतकों की संख्या में इजाफा हो सकता है।
AFP की रिपोर्ट के मुताबिक इस हमले में 38 लोगों की मौत हुई है. पैसेंजर वैन जैसे ही लोअर कुर्रम के ओचुट काली और मंदुरी के पास से गुजरी, वहां पहले से घात लगाकर बैठे आतंकियों ने वैन पर अंधाधुंध गोलियां बरसानी शुरू कर दीं. पैसेंजर वैन पाराचिनार से पेशावर जा रही थी। पाकिस्तान की समाचार एजेंसी डॉन के मुताबिक तहसील मुख्यालय अस्पताल अलीजई के अधिकारी डॉ. ग़यूर हुसैन ने हमले की पुष्टि की है.
शिया और सुन्नी मुसलमानों के बीच तनाव
अफगानिस्तान की सीमा से लगे कबायली इलाके में भूमि विवाद को लेकर शिया और सुन्नी मुसलमानों के बीच दशकों से तनाव बना हुआ है। किसी भी समूह ने घटना की जिम्मेदारी नहीं ली है। जानकारी के मुताबिक “यात्री वाहनों के दो काफिले थे, एक पेशावर से पाराचिनार और दूसरा पाराचिनार से पेशावर यात्रियों को ले जा रहा था, तभी हथियारबंद लोगों ने उन पर गोलीबारी की।” चौधरी ने बताया कि उनके रिश्तेदार काफिले में पेशावर से यात्रा कर रहे थे।
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