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बिजनेस

सरकार पीएसयू बैंकों में 1 लाख करोड़ रुपये डालेगी : जेटली

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नई दिल्ली, 24 जनवरी (आईएएनएस)| डूबे हुए कर्ज (एनपीए) से जूझ रहे सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों (पीएसबी) की खस्ता वित्तीय हालत को दुरुस्त करने के मकसद से सरकार ने बुधवार को इन बैंकों को चालू वित्त वर्ष में एक लाख करोड़ रुपये से ज्यादा देने की घोषणा की।

इसमें 80,000 करोड़ रुपये पुनर्पूजीकरण बांड के जरिए और 8,139 करोड़ रुपये बजटीय सहायता के रूप में शामिल है। केंद्रीय वित्तमंत्री अरुण जेटली ने कहा कि सरकार 10,312 करोड़ रुपये बाजार से जुटाएगी।

वित्तमंत्री बुधवार को सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के लिए पुनर्पूजीकरण योजना के संबंध में यहां पत्रकारों को जानकारी दे रहे थे।

सरकार ने विभिन्न अन्य बैंकों समेत आईडीबीआई को 10,610 करोड़ रुपये, भारतीय स्टेट बैंक को 8,800 करोड़ रुपये, बैंक ऑफ बड़ौदा को 5,375 करोड़ रुपये, केनरा बैंक को 4,865 करोड़ रुपये और यूनियन बैंक को 4,524 करोड़ रुपये प्रदान किए हैं।

उन्होंने कहा, हमने पीएसबी के पुनर्पूजीकरण अर्थात दोबारा पूंजी निर्माण के लिए अक्टूबर 2017 में 2.11 लाख करोड़ रुपये की योजना की घोषणा की थी। मैंने इसके लिए पहले ही संसद में अनुपूरक अनुदान पारित किया है। इस पूरी कवायद का मकसद यह है कि पीएसबी की सेहत को बेहतर बनाना सरकार की प्राथमिक जिम्मेदारी है।

उन्होंने कहा, हमें काफी बड़ी समस्या विरासत में मिली है। हमारा मकसद समाधान तलाशना और एक ऐसी संस्था का निर्माण करना था, जिससे दोबार भूल न हो।

बैंकिंग सचिव राजीव कुमार ने कहा कि पुनर्पूंजीकरण योजना से सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों की कारोबार की साख क्षमता में पांच लाख करोड़ रुपये का इजाफा होगा।

आर्थिक मामलों के सचिव सुभाष चंद्र गर्ग ने कहा कि पुनर्पूजीकरण योजना नकदी निरपेक्ष होगी और इस प्रकार जारी बांड गैर-वैधानिक तरलता अनुपात (एसएलआर) व खरीद-बिक्री नहीं करने योग्य होंगे।

जेटली ने कहा कि पुनर्पूजीकरण की योजना बनाते समय सरकार के दो उद्देश्य थे। पहला, किन बैंकों को कितना धन चाहिए और दूसरा, जो कुछ भी अतीत में हुआ, जिसके कारण एनपीए की नौबत आई, उसकी पुनरावृत्ति न हो।

उन्होंने कहा कि इसके लिए यह सुनिश्चित किया जाएगा कि बैंक विभिन्न प्रकार के कदम उठाएंगे, जिससे बैंकों की व्यवस्था का उच्च मानदंड कायम हो।

पुनर्पूजीकरण की योजना के साथ-साथ कड़ी कार्रवाई के बिंदुओं के साथ छह विषय भी इस सुधारपरक पैकेज में शामिल होंगे। इन छह विषयों में ग्राहकों की प्रतिक्रियाशीलता, जिम्मेदार बैंकिंग प्रणाली, कारोबारी साख, पीएसबी को उद्यमी मित्र के रूप में पहचान, वित्तीय समावेशन, डिजिटीकरण, ब्रांड पीएसबी के लिए कर्मियों का कौशल विकास शामिल हैं।

राजीव कुमार ने कहा कि देश के 21 पीएसयू बैंकों का बैंकिंग क्षेत्र में 70 फीसदी योगदान है।

कुमार ने कहा, जैसा कि पहले कहा गया है कि पुनर्पूजीकरण का आधार बैंक का प्रदर्शन होगा। साथ ही, उसकी विशिष्टता को भी ध्यान में रखा जाएगा।

उन्होंने कहा कि 250 करोड़ रुपये से अधिक के कर्ज पर विशेष निगरानी रखी जाएगी। साथ ही, बैंक को कंसोर्टियम लोन के लिए 10 फीसदी आरक्षित रखना होगा।

पहले जहां कुछ लोग 13-14 बैंकों से कर्ज लेते थे, वहीं अब वे सिर्फ छह-सात बैंकों से ही कर्ज ले सकते हैं।

खतरों के संबंध में उन्होंने कहा कि सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में जमाकर्ताओं का धन सुरक्षित है।

उन्होंने कहा कि पीएसबी को कर्ज की जिम्मेदारी भी होनी चाहिए, ताकि डूबे हुए कर्ज की कोई समस्या पैदा न हो।

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बिजनेस

जियो ने जोड़े सबसे अधिक ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’- ट्राई

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नई दिल्ली| भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के नवीनतम आंकड़ों के मुताबिक, रिलायंस जियो ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में सबसे आगे है। सितंबर महीने में जियो ने करीब 17 लाख ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़े। समान अवधि में भारती एयरटेल ने 13 लाख तो वोडाफोन आइडिया (वीआई) ने 31 लाख के करीब ग्राहक गंवा दिए। ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में जियो लगातार दूसरे महीने नंबर वन बना हुआ है। एयरटेल और वोडाआइडिया के ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ नंबर गिरने के कारण पूरे उद्योग में सक्रिय ग्राहकों की संख्या में गिरावट देखी गई, सितंबर माह में यह 15 लाख घटकर 106 करोड़ के करीब आ गई।

बताते चलें कि टेलीकॉम कंपनियों का परफॉर्मेंस उनके एक्टिव ग्राहकों की संख्या पर निर्भर करता है। क्योंकि एक्टिव ग्राहक ही कंपनियों के लिए राजस्व हासिल करने का सबसे महत्वपूर्ण जरिया है। हालांकि सितंबर माह में पूरी इंडस्ट्री को ही झटका लगा। जियो, एयरटेल और वीआई से करीब 1 करोड़ ग्राहक छिटक गए। मतलब 1 करोड़ के आसपास सिम बंद हो गए। ऐसा माना जा रहा है कि टैरिफ बढ़ने के बाद, उन ग्राहकों ने अपने नंबर बंद कर दिए, जिन्हें दो सिम की जरूरत नहीं थी।

बीएसएनएल की बाजार हिस्सेदारी में भी मामूली वृद्धि देखी गई। इस सरकारी कंपनी ने सितंबर में करीब 15 लाख वायरलेस डेटा ब्रॉडबैंड ग्राहक जोड़े, जो जुलाई और अगस्त के 56 लाख के औसत से काफी कम है। इसके अलावा, बीएसएनएल ने छह सर्किलों में ग्राहक खो दिए, जो हाल ही की वृद्धि के बाद मंदी के संकेत हैं।

ट्राई के आंकड़े बताते हैं कि वायरलाइन ब्रॉडबैंड यानी फाइबर व अन्य वायरलाइन से जुड़े ग्राहकों की कुल संख्या 4 करोड़ 36 लाख पार कर गई है। सितंबर माह के दौरान इसमें 7 लाख 90 हजार नए ग्राहकों का इजाफा हुआ। सबसे अधिक ग्राहक रिलायंस जियो ने जोड़े। जियो ने सितंबर में 6 लाख 34 हजार ग्राहकों को अपने नेटवर्क से जोड़ा तो वहीं एयरटेल मात्र 98 हजार ग्राहक ही जोड़ पाया। इसके बाद जियो और एयरटेल की बाजार हिस्सेदारी 32.5% और 19.4% हो गई। समान अवधि में बीएसएनएल ने 52 हजार वायरलाइन ब्राडबैंड ग्राहक खो दिए।

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