मुख्य समाचार
सर्वोच्च न्यायालय के फैसले के बावजूद केंद्र-आप में खींचतान जारी
नई दिल्ली, 5 जुलाई (आईएएनएस)| दिल्ली सरकार और उपराज्यपाल की शक्तियों पर सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय के बावजूद गुरुवार को दोनों पक्षों के बीच एक नई खींचतान शुरू हो गई।
आप सरकार ने दावा किया कि स्थानांतरण या अधिकारियों नियुक्ति की शक्तियां उसके पास है, वहीं एक केंद्रीय मंत्री ने कहा कि दिल्ली के केंद्रशासित प्रदेश होने की वजह से इसकी शक्तियां केंद्र सरकार के अधीन है।
सर्वोच्च न्यायालय द्वार बुधवार को दिए निर्णय के कुछ घंटों बाद ही एक गंभीर संकट तब पैदा हो गया, जब दिल्ली के मुख्य सचिव(सेवा) ने उस आदेश को जारी करने से इंकार कर दिया जिसमें कहा गया था कि दिल्ली में मंत्रिपरिषद विभागीय स्थानांतरण और पोस्टिंग का निर्णय करेगी।
आप सरकार ने सभी अधिकारियों को सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय को मानने के लिए कहा और कहा कि अगर आज्ञा का अनादर किया गया तो यह न्यायालय की अवमानना होगी और इससे गंभीर समस्या उत्पन्न हो सकती है।
केजरीवाल ने शाम में ट्वीट कर कहा, सभी अधिकारियों को सर्वोच्च न्यायालय के आदेश का आदर करना चाहिए। सर्वोच्च न्यायालय के आदेश की अवहेलना करने से गंभीर समस्या उत्पन्न हो जाएगी और यह किसी के हित में नहीं होगा।
इससे पहले उपराज्यपाल अनिल बैजल को चार पन्नों के लिखे पत्र में केजरीवाल ने कहा कि सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय के अनुसार, ‘सेवाओं’ से जुड़ा विशेष अधिकार चुनी हुई सरकार के पास है, न कि केंद्र सरकार या उपराज्यपाल के पास है।
उन्होंने कहा, हम सर्वोच्च अदालत के आदेश का स्वागत करते हैं। अदालत ने स्पष्ट कर दिया है कि उपराज्यपाल या केंद्र सरकार का नियंत्रण भूमि, कानून व्यवस्था और पुलिस पर होगा, बाकी अन्य विभागों पर दिल्ली सरकार का नियंत्रण होगा। सर्वोच्च अदालत का आदेश लागू किया जाना चाहिए।
केजरीवाल ने कहा कि वह शुक्रवार को सभी ‘पदाधिकारियों को आदेश जारी करने’ की योजना बना रहे हैं और किसी भी विरोधाभाषी विचार की स्थिति में, ‘कैबिनेट मंत्री चर्चा के लिए तैयार हैं।’
दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि दिल्ली में अधिकारियों के स्थानांतरण और नियुक्ति करने के अधिकार को लेकर सर्वोच्च न्यायालय के आदेश को वरिष्ठ नौकरशाहों द्वारा मानने से इनकार करना न्यायालय की अवमानना के समान है।
यहां पत्रकारों को संबोधित करते हुए सिसोदिया ने कहा कि सरकार अब इस मामले में कानूनी सलाह ले रही है।
उन्होंने कहा, मुख्य सचिव ने मुझे पत्र लिखकर कहा है कि सेवा विभाग अदालत के आदेश का पालन नहीं करेगा। इससे अधिकारियों को भी मुश्किलों का सामना करना पड़ेगा, अगर वे आदेश का पालन नहीं करेंगे। अदालत के आदेश के बाद भी, उप राज्यपाल सेवा विभाग की फाइल को देखने के लिए अगर जोर डालते हैं तो यह अदालत की अवमानना होगी।
उन्होंने कहा, हम इस पर अपने वकीलों से बात कर रहे हैं कि क्या किया जा सकता है।
आप नेता ने कहा कि सर्वोच्च न्यायालय के आदेश के बाद, केंद्र सरकार का राजधानी के सेवा विभाग (सर्विस डिपार्टमेंट) पर कोई नियंत्रण नहीं है।
उन्होंने कहा, लेकिन इसके बावजूद अधिकारी कह रहे हैं कि गृह मंत्रालय के पहले के आदेश को खारिज नहीं किया गया है, इसलिए वे लोग सर्वोच्च न्यायालय के आदेश का पालन नहीं करेंगे। अगर सर्वोच्च न्यायालय ने कुछ आदेश दिया है, तो इसे पालन नहीं करने का कोई रास्ता नहीं है।
सिसोदिया ने कहा कि अदालत के आदेश के बावजूद उप राज्यपाल ने सेवा विभाग की फाइलों पर हस्ताक्षर किए जो कि खुले तौर पर न्यायालय के आदेश का उल्लंघन है।
सिसोदिया ने कहा, अगर अदालत का आदेश, खासकर संवैधानिक पीठ के आदेश का खुले तौर पर उल्लंघन होगा तो देश अराजकता की स्थिति में पहुंच जाएगा। तब कानून कहां रहेगा?
उन्होंने कहा, दो वर्ष पहले, उच्च न्यायालय ने हमारे खिलाफ फैसला सुनाया था। तब भी हमने कहा था कि हम आदलत के आदेश का पालन और सम्मान करेंगे।
अपनी फेसबुक पोस्ट में केंद्रीय मंत्री अरुण जेटली ने कहा, सर्वोच्च न्यायालय ने विशेष रूप से कहा कि दिल्ली की तुलना अन्य राज्यों से नहीं की जा सकती, इसलिए ऐसा कोई भी अनुमान लगाना पूरी तरह से गलत है कि केंद्रशासित प्रदेश के कैडर की सेवाओं का प्रशासनिक नियंत्रण दिल्ली सरकार के पक्ष में है।
जेटली ने कहा, न्यायालय के फैसले में, राज्य सरकार या केंद्र सरकार को कोई अतिरिक्त शक्तियां नहीं दी गई हैं और न ही किसी भी प्रकार की शक्तियां कम की गई हैं। इसने चुनी हुई सरकार की महत्ता पर जोर दिया है, लेकिन दिल्ली के केंद्रशासित होने की वजह से इसकी शक्तियां केंद्र सरकार के अधीन हैं।
मुख्य समाचार
पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में बड़ा आतंकी हमला, 38 लोगों की मौत
पख्तूनख्वा। पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में बड़ा आतंकी हमला हुआ है। इस हमले में 38 लोगों की मौत हो गई है। यह हमला खैबर पख्तूनख्वा के डाउन कुर्रम इलाके में एक पैसेंजर वैन पर हुआ है। हमले में एक पुलिस अधिकारी और महिलाओं समेत दर्जनों लोग घायल भी हुए हैं। जानकारी के मुताबिक उत्तर-पश्चिमी पाकिस्तान के अशांत प्रांत खैबर पख्तूनख्वा में आतंकियों ने शिया मुस्लिम नागरिकों को ले जा रहे यात्री वाहनों पर गोलीबारी की है। यह क्षेत्र में हाल के वर्षों में इस तरह का सबसे घातक हमला है। मृतकों की संख्या में इजाफा हो सकता है।
AFP की रिपोर्ट के मुताबिक इस हमले में 38 लोगों की मौत हुई है. पैसेंजर वैन जैसे ही लोअर कुर्रम के ओचुट काली और मंदुरी के पास से गुजरी, वहां पहले से घात लगाकर बैठे आतंकियों ने वैन पर अंधाधुंध गोलियां बरसानी शुरू कर दीं. पैसेंजर वैन पाराचिनार से पेशावर जा रही थी। पाकिस्तान की समाचार एजेंसी डॉन के मुताबिक तहसील मुख्यालय अस्पताल अलीजई के अधिकारी डॉ. ग़यूर हुसैन ने हमले की पुष्टि की है.
शिया और सुन्नी मुसलमानों के बीच तनाव
अफगानिस्तान की सीमा से लगे कबायली इलाके में भूमि विवाद को लेकर शिया और सुन्नी मुसलमानों के बीच दशकों से तनाव बना हुआ है। किसी भी समूह ने घटना की जिम्मेदारी नहीं ली है। जानकारी के मुताबिक “यात्री वाहनों के दो काफिले थे, एक पेशावर से पाराचिनार और दूसरा पाराचिनार से पेशावर यात्रियों को ले जा रहा था, तभी हथियारबंद लोगों ने उन पर गोलीबारी की।” चौधरी ने बताया कि उनके रिश्तेदार काफिले में पेशावर से यात्रा कर रहे थे।
-
मनोरंजन3 days ago
क्या श्वेता तिवारी ने कर ली है तीसरी शादी, जानें इस खबर की सच्चाई
-
नेशनल3 days ago
धीरेन्द्र शास्त्री की एकता यात्रा आज से शुरू, सीएम मोहन यादव और भोजपुरी सिंगर खेसारी लाल यादव ने भेजी शुभकामनाएं
-
नेशनल3 days ago
पीएम मोदी पर लिखी किताब के प्रचार के लिए स्मृति ईरानी चार देशों की यात्रा पर
-
ऑफ़बीट3 days ago
IND VS AUS: ताश के पत्तों की तरह बिखरा भारत का बैटिंग आर्डर, पूरी टीम 150 रनों पर ढेर
-
ऑफ़बीट2 days ago
बिहार का ‘उसैन बोल्ट’, 100 किलोमीटर तक लगातार दौड़ने वाला यह लड़का कौन
-
खेल-कूद3 days ago
IND VS AUS: पर्थ में भारतीय गेंदबाजों का कहर, बैकफुट पर ऑस्ट्रेलिया, 67 रनों पर गंवाए 7 विकेट
-
नेशनल2 days ago
आज शाम दिल्ली स्थित बीजेपी मुख्यालय जाएंगे पीएम मोदी, कार्यकर्ताओं को करेंगे संबोधित
-
छत्तीसगढ़3 days ago
सीएम विष्णुदेव साय ने देखी ‘द साबरमती रिपोर्ट’, पत्नी भी थीं साथ