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सिब्बल के समर्थन में आए बाबरी मामले के सभी याचिकाकर्ता
नई दिल्ली, 6 दिसम्बर (आईएएनएस)| बाबरी मस्जिद-रामजन्मभूमि मामले के सभी याचिकाकार्ताओं समेत सुन्नी वक्फ बोर्ड ने कहा है कि वे सर्वोच्च न्यायालय में इस मामले की सुनवाई जुलाई 2019 तक टालने के वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल द्वारा दाखिल याचिका का समर्थन करते हैं।
उनलोगों ने जोर देकर कहा कि हाजी महबूब न तो सुन्नी वक्फ बोर्ड के सदस्य हैं और न हीं वह किसी अधिकार से बोर्ड का प्रतिनिधित्व करते हैं। हाजी महबूब इस मामले में एक कई वादियों में से एक वादी हैं, जिसने बुधवार को सिब्बल की याचिका से असहमति जताई थी।
बाबरी मस्जिद एक्शन कमेटी के सदस्य जफरयाब जिलानी ने आईएएनएस से कहा, सर्वोच्च न्यायालय में कपिल सिब्बल साहेब ने जो कुछ भी कहा, वह सोच-विचार कर और हमें विश्वास में लेने के बाद कहा। हम उनके रुख का पूरा समर्थन करते हैं।
उन्होंने कहा कि यह महबूब का व्यक्तिगत विचार हो सकता है, लेकिन यह इस मामले से जुड़े किसी भी पक्ष का आधिकारिक रुख नहीं है।
मामले में सुन्नी वक्फ बोर्ड के एक वकील शकील अहमद ने कहा, हाजी महबूब का उनके मुवक्किल से कोई संबंध नहीं है और वह सिर्फ एक अन्य वादी हैं।
मामले के प्रमुख वादी और मुकदमे का खर्च वहन कर रहे ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड(एआईएमपीएलबी) ने भी कहा कि सिब्बल की याचिका सही है, जिसमें उन्होंने कहा है कि भारतीय जनता पार्टी 2019 के लोकसभा चुनाव में राम मंदिर मुद्दे को भुना सकती है।
एआईएमपीएलबी के अध्यक्ष मौलाना वली रहमानी ने आईएएनएस से कहा, हम सर्वोच्च न्यायालय में कपिल सिब्बल की दलील से पूरी तरह सहमत हैं। मामले की सुनवाई 2019 के लोकसभा चुनाव तक टाल देनी चाहिए।
सिब्बल ने मंगलवार को सर्वोच्च न्यायालय में बहस करते हुए प्रधान न्यायाधीश के समक्ष कहा कि बाबरी मस्जिद-रामजन्मभूमि मामले की सुनवाई जुलाई 2019 तक टाल देनी चाहिए। उन्होंने बहस के दौरान इस मुद्दे को भाजपा द्वारा राजनीतिकरण करने और वोट बैंक बनाने को आधार बनाकर इस मामले में अपना पक्ष रखा था।
न्यायालय ने हालांकि दोनों पक्षों के तर्क सुनने के बाद याचिका खारिज कर दी और इस मामले की सुनवाई आठ फरवरी, 2018 से मुकर्रर कर दी।
इस मामले के पहले पक्षकार हाशिम अंसारी के बेटे इकबाल अंसारी ने भी कहा कि उन्हें सिब्बल की दलील से कोई आपत्ति नहीं है।
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5.6 मिलियन फॉलोअर्स वाले एजाज खान को मिले महज 155 वोट, नोटा से भी रह गए काफी पीछे
मुंबई। टीवी एक्टर और पूर्व बिग बॉस कंटेस्टेंट एजाज खान इस बार महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में अपनी किस्मत आजमाने उतरे थे। हालांकि जो परिणाम आए हैं उसकी उन्होंने सपने में भी उम्मीद नहीं की होगी। एजाज आजाद समाज पार्टी (कांशीराम) के टिकट पर वर्सोवा सीट से चुनावी मैदान में उतरे थे लेकिन उन्होंने अभी तक केवल 155 वोट ही हासिल किए हैं।
आपको जानकर हैरानी होगी कि नोटा को भी 1298 वोट मिल चुके हैं। इस सीट से शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) के हारून खान बढ़त बनाए हुए हैं जिन्हें अबतक करीब 65 हजार वोट मिल चुके हैं।
बता दें कि ये वहीं एजाज खान हैं जिनके सोशल मीडिया पर 5.6 मिलियन फॉलोअर्स हैं। ऐसे में बड़ी ही हैरानी की बात है कि उनके इतने चाहने वाले होने के बावजूद भी 1000 वोट भी हासिल नहीं कर पाए। केवल 155 वोट के साथ उन्हें करारा झटका लगा है।
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