बिजनेस
सीमा शुल्क में वृद्धि वैधानिक कदम : एप्पल
नई दिल्ली, 16 दिसम्बर (आईएएनएस)| सरकार का मोबाइल हैंडसेट पर सीमा शुल्क 10 फीसदी से बढ़ाकर 15 फीसदी करने का फैसला एक वैधानिक कदम है जो कि समूचे उद्योग पर लागू होता है। एप्पल इंडिया ने शनिवार को यह बातें कही।
एप्पल के एक अधिकारी ने आईएएनएस को बताया, हम इस पर कोई टिप्पणी नहीं करेंगे, क्योंकि यह एक वैधानिक कदम है जो पूरे उद्योग पर लागू होता है।
वित्त मंत्रालय के तहत राजस्व विभाग द्वारा जारी अधिसूचना में कहा गया है कि मोबाइल हैंडसेट पर सीमा शुल्क 10 फीसदी से बढ़ाकर 15 फीसदी की जाती है।
वर्तमान में एप्पल बेंगलुरू में अपनी ताइवानी विनिर्माण भागीदार विसट्रॉन कॉरपोरेशन के साथ मिलकर आईफोन एसई की असेंबलिंग कर रही है।
अमेरिका के कपर्टिनों की आईफोन निर्माता कंपनी ने भारत सरकार से देश में और अधिक हैंडसेट की असेंबलिंग करने के लिए कर में राहत समेत अन्य प्रोत्साहन की मांग की थी।
विशेषज्ञों का कहना है कि सरकार द्वारा सीमा शुल्क में बढ़ोतरी करने के बाद अब एप्पल के पास दो रास्ते हैं।
काउंटरप्वाइंट रिसर्च के एसोसिएट निदेशक (मोबाइल डिवाइस और इकोसिस्टम) तरुण पाठक ने आईएएनएस को बताया, एप्पल को या तो अपने हैंडसेट की कीमत बढ़ानी होगी या देश में ज्यादा हैंडसेट की असेंबलिंग करनी होगी।
उन्होंने कहा कि घरेलू और कुछ चीनी निर्माताओं पर इस फैसले का कोई असर नहीं होगा। क्योंकि उनमें से ज्यादातर भारत में ही अपने फोन की असेंबलिंग करते हैं।
बिजनेस
जियो ने जोड़े सबसे अधिक ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’- ट्राई
नई दिल्ली| भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के नवीनतम आंकड़ों के मुताबिक, रिलायंस जियो ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में सबसे आगे है। सितंबर महीने में जियो ने करीब 17 लाख ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़े। समान अवधि में भारती एयरटेल ने 13 लाख तो वोडाफोन आइडिया (वीआई) ने 31 लाख के करीब ग्राहक गंवा दिए। ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में जियो लगातार दूसरे महीने नंबर वन बना हुआ है। एयरटेल और वोडाआइडिया के ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ नंबर गिरने के कारण पूरे उद्योग में सक्रिय ग्राहकों की संख्या में गिरावट देखी गई, सितंबर माह में यह 15 लाख घटकर 106 करोड़ के करीब आ गई।
बताते चलें कि टेलीकॉम कंपनियों का परफॉर्मेंस उनके एक्टिव ग्राहकों की संख्या पर निर्भर करता है। क्योंकि एक्टिव ग्राहक ही कंपनियों के लिए राजस्व हासिल करने का सबसे महत्वपूर्ण जरिया है। हालांकि सितंबर माह में पूरी इंडस्ट्री को ही झटका लगा। जियो, एयरटेल और वीआई से करीब 1 करोड़ ग्राहक छिटक गए। मतलब 1 करोड़ के आसपास सिम बंद हो गए। ऐसा माना जा रहा है कि टैरिफ बढ़ने के बाद, उन ग्राहकों ने अपने नंबर बंद कर दिए, जिन्हें दो सिम की जरूरत नहीं थी।
बीएसएनएल की बाजार हिस्सेदारी में भी मामूली वृद्धि देखी गई। इस सरकारी कंपनी ने सितंबर में करीब 15 लाख वायरलेस डेटा ब्रॉडबैंड ग्राहक जोड़े, जो जुलाई और अगस्त के 56 लाख के औसत से काफी कम है। इसके अलावा, बीएसएनएल ने छह सर्किलों में ग्राहक खो दिए, जो हाल ही की वृद्धि के बाद मंदी के संकेत हैं।
ट्राई के आंकड़े बताते हैं कि वायरलाइन ब्रॉडबैंड यानी फाइबर व अन्य वायरलाइन से जुड़े ग्राहकों की कुल संख्या 4 करोड़ 36 लाख पार कर गई है। सितंबर माह के दौरान इसमें 7 लाख 90 हजार नए ग्राहकों का इजाफा हुआ। सबसे अधिक ग्राहक रिलायंस जियो ने जोड़े। जियो ने सितंबर में 6 लाख 34 हजार ग्राहकों को अपने नेटवर्क से जोड़ा तो वहीं एयरटेल मात्र 98 हजार ग्राहक ही जोड़ पाया। इसके बाद जियो और एयरटेल की बाजार हिस्सेदारी 32.5% और 19.4% हो गई। समान अवधि में बीएसएनएल ने 52 हजार वायरलाइन ब्राडबैंड ग्राहक खो दिए।
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