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सुधार जनता द्वारा संचालित होना चाहिए : मोदी

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ब्रिस्बेन| भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को यहां जी20 के नेताओं को संबोधित करते हुए कहा कि सुधारों को छल से या चुपचाप लागू नहीं किया जा सकता, यह जनता द्वारा संचालित होना चाहिए। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता सैयद अकबरूद्दीन ने एक ट्वीट में यह जानकारी दी कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जी20 की बैठक में कहा कि सुधारात्मक कार्य ‘लोक केंद्रित और जनता द्वारा संचालित’ होने चाहिए।

मोदी ने कहा, “सुधारों का प्रतिरोध तो स्वाभाविक है.. इसे राजनीतिक दबाव से परे होना चाहिए। सुधार जनता द्वारा संचालित होने चाहिए.. छल से या चुपचाप लागू नहीं किए जाने चाहिए।”

मोदी ने आगे कहा, “वैश्विक स्तर पर सरकार की योजनाओं और कार्यक्रम के तहत लागू किए गए सुधारात्मक कार्य असहाय और अक्षम होते हैं, जनता पर बोझ होते हैं। इसे बदले जाने की जरूरत है।”

उन्होंने कहा, “सुधार एक सतत एवं चरणबद्ध प्रक्रिया है.. इसे संस्थागत होना चाहिए।”

मोदी ने कहा, “सुधारों को प्रक्रिया सहज बनाने वाला होना चाहिए..और शासन की प्रक्रिया में सुधार किया जाना चाहिए।”

 

 

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नेशनल

भारत में चीनी लहसुन की घुसपैठ, सेहत के लिए है काफी खतरनाक

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लखनऊ। इलाहाबाद हाई कोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार के खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग के नामित अधिकारी को शुक्रवार को तलब किया। कोर्ट ने इस दौरान सवाल किया कि प्रतिबंधित ‘चीनी लहसुन’ अब भी बाजार में कैसे उपलब्ध है। कोर्ट की लखनऊ पीठ ने केंद्र के वकील से देश में ऐसी वस्तुओं के प्रवेश को रोकने के लिए मौजूद सटीक व्यवस्था के बारे में भी प्रश्न किया है और यह भी पूछा है कि इसके प्रवेश के स्रोत का पता लगाने के लिए क्या कोई कवायद की गई है?

इलाहाबाद हाई कोर्ट ने “चीनी लहसुन” की बिक्री पर लगाई रोक

न्यायमूर्ति राजन रॉय और न्यायमूर्ति ओ पी शुक्ला की पीठ ने वकील मोतीलाल यादव द्वारा दायर जनहित याचिका (पीआईएल) पर यह आदेश पारित किया। याचिकाकर्ता ने आरोप लगाया है कि ‘चीनी लहसुन’ के हानिकारक प्रभाव होते हैं जिसकी वजह से देश में इस पर प्रतिबंध है। कोर्ट को बताया गया कि प्रतिबंध के बावजूद, लखनऊ सहित पूरे देश में ऐसा लहसुन आसानी से उपलब्ध है. याचिकाकर्ता ने अदालती कार्यवाही के दौरान न्यायाधीशों के समक्ष लगभग आधा किलो ‘चीनी लहसुन’ के साथ-साथ सामान्य लहसुन भी पेश किया।

लहसुन खरीदते समय इन बातों पर रखे ध्यान

लहसुन खरीदने के वक्त ध्‍यान रखें कि लहसुन की गांठ का साइज छोटा हो, क्‍योंकि देसी लहसुन, चाइनीज गार्लिक के मुकाबले कुछ छोटा दिखता है। जहां देसी लहसुन की कलियां या तुरी बारीक और पतली होती हैं वहीं चाइनीज लहसुन की कलियां खिली हुईं और मोटी आपको नजर आएंगी। दोनों के रंग में भी अंतर होता है। चाइनीज लहसुन क्योंकि कैमिकल्‍स के इस्‍तेमाल से तैयार किया जाता है, इसमें सिंथेटिक प्रोसेस का यूज होता है। यह एकदम सफेद, साफ और चमकदार आपको नजर आएगा। वहीं देसी लहसुन कुछ क्रीम या पीलापन लिए हुए सफेद लहसुन होता है।

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