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सुशील मोदी भाजपा के ‘खलनायक’ : पार्टी सांसद

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पटना, 24 जुलाई (आईएएनएस)| भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सांसद भोला सिंह ने अपनी ही पार्टी के वरिष्ठ नेता और पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी (सुमो) पर निशाना साधा है। उन्होंने सुमो को पार्टी का ‘खलनायक’ बताते हुए कहा कि वे ही मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को भाजपा के साथ नहीं आने दे रहे हैं। उन्होंने भाजपा को नसीहत देते हुए कहा कि भाजपा को नीतीश के लिए दरवाजा खोल देना चाहिए। बिहार के बेगूसराय के सांसद भोला सिंह ने सोमवार को कहा, बिहार की राजनीति के दुश्चक्र और दशा-दिशा का अगर कोई खलनायक है, तो वह स्वयं सुशील मोदी हैं। जिसे नायक होना चाहिए था, आज खलनायक है।

सिंह ने आगे कहा कि सुशील मोदी खुद मुख्यमंत्री बनने के लिए बिहार को बदनाम करने में भी नहीं हिचकते। उन्होंने पार्टी को ‘कत्लगाह’ बना दिया है। उन्होंने मोदी पर आरोप लगाते हुए कहा कि बिहार भाजपा में खास वर्ग के लोगों को परेशान किया जा रहा है।

भाजपा सांसद ने कहा कि पार्टी में कुछ ऐसे लोग आ गए हैं, जिन्हें पार्टी से कोई मतलब ही नहीं है।

भोला सिंह ने नीतीश की तारीफ करते हुए कहा कि बिहार केशरी के बाद बड़ी मुश्किल से बिहार को ऐसा मुख्यमंत्री मिला है, जिसका अपना कोई परिवार नहीं है, जिसकी अपनी कोई दौलत नहीं है।

उन्होंने कहा, भाजपा को नीतीश के आने के लिए दरवाजा खोल देना चाहिए। भाजपा ने अभी खिड़की खोली है, जिसे सुशील मोदी बंद कर रहे हैं।

अपनी ही पार्टी के सांसद के इस बयान पर बिहार भाजपा के नेता असहज नजर आ रहे हैं। भाजपा नेता और बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष प्रेम कुमार ने कहा कि ऐसे बयानों पर कार्रवाई के लिए पार्टी में अनुशासन समिति बनी है, वही निर्णय लेती है।

भाजपा के प्रवक्ता विनोद नारायण झा ने पार्टी सांसद के इस बयान पर आपत्ति जाहिर करते हुए कहा, भोला सिंह अब बुजुर्ग हो चुके हैं। कई पार्टियों में भी रह चुके हैं। उनका बयान मगर आपत्तिजनक है। सुशील मोदी ने बिहार में भाजपा की साख को मजबूत किया है। अगर उनको तकलीफ है, तो पार्टी के उचित फोरम पर ऐसी बात रखनी चाहिए। ऐसे बयानों से पार्टी को नुकसान होता है।

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नेशनल

ईवीएम के बजाय बैलेट पेपर का इस्तेमाल करने की मांग वाली याचिका को सुप्रीम कोर्ट ने किया खारिज

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नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को देश में चुनावों के दौरान इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) के बजाय बैलेट पेपर का इस्तेमाल करने की मांग वाली याचिका को खारिज कर दिया है. कोर्ट ने कहा है कि जब वे नहीं जीते तो मतलब ईवीएम में छेड़छाड़ की गई है और जब चुनाव जीत गए तो उन्होंने कुछ नहीं कहा. हम इसे कैसे देख सकते हैं? इसके बाद कोर्ट ने इस याचिका को खारिज कर दिया और कहा कि यह वो जगह नहीं है जहां आप इस सब पर बहस कर सकते हैं.

याचिकाकर्ता ने बताया कि चंद्रबाबू नायडू और वाईएस जगन मोहन रेड्डी जैसे प्रमुख नेताओं ने भी ईवीएम से छेड़छाड़ के बारे में चिंता जताई थी तो सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने टिप्पणी की, “जब चंद्रबाबू नायडू या रेड्डी हार गए, तो उन्होंने कहा कि ईवीएम से छेड़छाड़ की गई थी और जब वे जीते, तो उन्होंने कुछ नहीं कहा. हम इसे कैसे देख सकते हैं? इसके बाद कोर्ट ने इस याचिका को खारिज कर दिया और कहा कि यह वो जगह नहीं है जहां आप इस सब पर बहस कर सकते हैं.

याचिकाकर्ता ने जब कहा कि सभी जानते हैं कि चुनावों में पैसे बांटे जाते हैं, तो पीठ ने टिप्पणी की, “हमें कभी किसी चुनाव के लिए पैसे नहीं मिले।” याचिकाकर्ता ने कहा कि उनकी याचिका में एक और अनुरोध चुनाव प्रचार के दौरान पैसे और शराब के इस्तेमाल को विनियमित करने के लिए एक व्यापक रूपरेखा तैयार करने और यह सुनिश्चित करने का था कि इस तरह की प्रथाएं कानून के तहत प्रतिबंधित और दंडनीय हों। याचिका में जागरूकता बढ़ाने और सूचित निर्णय लेने के महत्व के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए एक व्यापक मतदाता शिक्षा अभियान चलाने का निर्देश देने की मांग की गई। याचिकाकर्ता ने कहा, आज 32 प्रतिशत शिक्षित लोग मतदान नहीं कर रहे हैं। यह कितनी त्रासदी है। आने वाले वर्षों में क्या होगा यदि लोकतंत्र इसी तरह खत्म होता रहा और हम कुछ नहीं कर पाए।

 

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