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ऑफ़बीट

सुहागरात पर दुल्‍हन की जगह दिखी कौन कि दूल्‍हे के उड़ गए होश

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कानपुर। कन्नौज में शनिवार को हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है। यहां सुहाग रात में दूल्‍हे को पता चला की उसकी पत्नी किन्नर है जबकि लड़की यानी दुल्‍हन को इसका पता पहले से ही था। गांव में पंचायत के बाद वधू पक्ष ने छोटी बेटी से ब्याह करने का वादा किया था।

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मामला बीती 13 मई का है। उस दिन युवक की शादी हुई थी। सुहागरात में युवक ने गौर से देखा तो पता चला कि उसकी पत्नी किन्नर है तो उसे तगड़ा झटका लगा। युवक को माजरा समझ में नहीं आया और उसने यह बात अपनी भाभी से कही।

इसके बाद कोहराम मच गया। रात को ही ससुरालियों को बुलाया गया। मामले को सुलझाने की कोशिशें शुरू हो हुईं। वधू के पिता ने दूल्‍हे का विवाह अपनी छोटी बेटी से करने का वादा किया। पिता ने कहा कि वह अपनी बेटी से युवक का विवाह एक म‍हीने बाद करा देगा। लेकिन लड़की पक्ष के लोग अपने वादे से मुकर गए।

इस पर दूल्‍हे पक्ष के लोग थाने पहुंच गए। वहां उन्‍होंने मामला दर्ज करा दिया है। वहीं पीड़ित ने पुलिस से इस मामले में न्याय की गुहार लगाई है। बता दें कि बारात ठठिया थाने के सुखी कुढ़ना गांव आयी थी। वहीं, लड़का पक्ष कानपुर देहात के उखरी उरिया गांव के रहने वाले बताए जा रहे हैं।

फिलहाल मामले में शनिवार को एक बार फिर पंचायत बैठने की उम्मीद लगाई जा रही है, लेकिन सवाल ये खड़ा होता है कि क्या लड़के पक्ष के लोगों की मांग पर लड़की वाले क्‍या रुख अपनाते है। पुलिस दोनों पक्षों में सुलह कराने में जुटी है।

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बिहार का ‘उसैन बोल्ट’, 100 किलोमीटर तक लगातार दौड़ने वाला यह लड़का कौन

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चंपारण। बिहार का टार्जन आजकल खूब फेमस हो रहा है. बिहार के पश्चिम चंपारण के रहने वाले राजा यादव को लोगों ने बिहार टार्जन कहना शुरू कर दिया है. कारण है उनका लुक और बॉडी. 30 मार्च 2003 को बिहार के बगहा प्रखंड के पाकड़ गांव में जन्मे राज़ा यादव देश को ओलंपिक में गोल्ड मेडल दिलाना चाहते हैं.

लिहाजा दिन-रात एकक़र फिजिकल फिटनेस के साथ-साथ रेसलिंग में जुटे हैं. राज़ा को कुश्ती विरासत में मिली है. दादा जगन्नाथ यादव पहलवान और पिता लालबाबू यादव से प्रेरित होकर राज़ा यादव ने सेना में भर्ती होने की कोशिश की. सफलता नहीं मिली तो अब इलाके के युवाओं के लिए फिटनेस आइकॉन बन गए हैं.

महज 22 साल की उम्र में राजा यादव ‘उसैन बोल्ट’ बन गए. संसाधनों की कमी राजा की राह में रोड़ा बन रहा है. राजा ने एनडीटीवी से कहा कि अगर उन्हें मौका और उचित प्रशिक्षण मिले तो वे पहलवानी में देश का भी प्रतिनिधित्व कर सकते हैं. राजा ओलंपिक में गोल्ड मेडल लाने के लिए दिन रात मैदान में पसीना बहा रहे हैं. साथ ही अन्य युवाओं को भी पहलवानी के लिए प्रेरित कर रहे हैं.

’10 साल से मेहनत कर रहा हूं. सरकार ध्यान दे’

राजा यादव ने कहा, “मेरा जो टारगेट है ओलंपिक में 100 मीटर का और मेरी जो काबिलियत है उसे परखा जाए. इसके लिए मैं 10 सालों से मेहनत करते आ रहा हूं तो सरकार को भी ध्यान देना चाहिए. मेरे जैसे सैकड़ों लड़के गांव में पड़े हुए हैं. उन लोगों के लिए भी मांग रहा हूं कि उन्हें आगे बढ़ाने के लिए सुविधा मिले तो मेरी तरह और युवक उभर कर आएंगे.”

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