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सूखे बुंदेलखंड में गला तर करने का अभियान

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छतरपुर, 28 जनवरी (आईएएनएस)| बुंदेलखंड इन दिनों सूखा और पानी के संकट से जूझ रहा है। खेत खाली पड़े हैं, मगर इस इलाके में कुछ ऐसे लोग भी हैं, जिन्होंने अपने कुएं और हैंडपंप में पानी होने की स्थिति में खेती को महत्व देने की बजाय प्यासों का गला तर करने में लगे हैं, क्योंकि इंसानों की जान बचाना उन्हें ज्यादा जरूरी लग रहा है।

मध्य प्रदेश के बुंदेलखंड छतरपुर जिले के भौंयरा ग्राम पंचायत के युवा किसान रक्षपाल सिंह यादव ने सूखे के दौर में अपने पड़ोसियों की मदद का संकल्प लिया है। यादव बताते हैं, उनकी दो एकड़ भूमि है, जिसके लिए उनके हैंडपंप में पर्याप्त पानी है, मगर उन्होंने गेहूं की बजाय चना और सरसों की फसल बोई है, क्योंकि इसमें पानी कम लगता है।

उन्होंने आगे बताया, उन्होंने ज्यादा पानी मांगने वाली फसल सिर्फ इसलिए नहीं बोई, ताकि हैंडपंप के जरिए आसपास के लोगों की पानी की जरूरत पूरी की जा सके। दिन में दो घंटे से ज्यादा हैंडपंप चलता है, इससे लगभग 25 परिवार अपनी जरूरत का पानी हासिल कर लेते हैं।

बड़ा मलहरा में आयोजित बुंदेलखंड में जलसंकट के समाधान के लिए कार्यकर्ता निर्माण शिविर में हिस्सा लेने आए यादव ने कहा कि उनके लिए अपनी खेती और पेट भरने से ज्यादा जरूरी है, अपने पड़ोसियों की मदद करना।

जल-जन जोड़ो, बुंदेलखंड जल मंच और परमार्थ समाजसेवी संस्थान द्वारा आयोजित इस शिविर में पहुंचे गांधीवादी रमेश शर्मा ने कहा, बुंदेलखंड को समस्या से मुक्त कराना है, तो इसके लिए वर्षा से पूर्व हमें ऐसी तैयारी करनी होगी, जिससे वर्षा का पानी सहेजा जा सके।

शर्मा ने युवा किसान यादव की सराहना करते हुए कहा, ऐसे समझदार किसान जिस इलाके में हैं, वहां समस्या से लड़ना मुश्किल नहीं है। जहां एक-दूसरे का साथ देने का भाव है, वहां के लोग किसी भी समस्या का मुकाबला कर सकते। बस, जरूरत इस बात की है कि हम समस्या का समय रहते निदान करने का रास्ता निकालें।

बुंदेलखंड में दो राज्यों- मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश के 13 जिले आते हैं। इनमें मध्य प्रदेश के छह जिले- छतरपुर, टीकमगढ़, पन्ना, दमोह, सागर और दतिया शामिल हैं। वहीं, उत्तर प्रदेश के सात जिले- झांसी, ललितपुर, जालौन, हमीरपुर, बांदा, महोबा, कर्वी (चित्रकूट) आते हैं।

दमोह निवासी और एकता परिषद से संबद्ध घनश्याम ने कहा कि पानी की समस्या से निपटने के लिए सभी को मिलकर काम करना होगा। समाज, शासन और प्रशासन साथ है, इन हालात में समस्या से लड़ना मुश्किल नहीं है।

इन सभी 13 जिलों का हाल एक समान है, जहां तालाब सूखे पड़े हैं, कुओं में पानी नहीं है। यह हाल तब है, जब सूरज की तपिश की बजाय इन दिनों कोहरे का कहर है। जब सूरज आग बरसाएगा, तब क्या हाल होगा, इसकी कल्पना की जा सकती है। दूसरी बात यह कि गांव में काम न होने के कारण हजारों परिवार अपना घरबार छोड़कर पलायन कर गए हैं। वहीं कई ऐसे लोग हैं जो संकट में दूसरों की मदद कर रहे हैं।

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5.6 मिलियन फॉलोअर्स वाले एजाज खान को मिले महज 155 वोट, नोटा से भी रह गए काफी पीछे

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मुंबई। टीवी एक्टर और पूर्व बिग बॉस कंटेस्टेंट एजाज खान इस बार महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में अपनी किस्मत आजमाने उतरे थे। हालांकि जो परिणाम आए हैं उसकी उन्होंने सपने में भी उम्मीद नहीं की होगी। एजाज आजाद समाज पार्टी (कांशीराम) के टिकट पर वर्सोवा सीट से चुनावी मैदान में उतरे थे लेकिन उन्होंने अभी तक केवल 155 वोट ही हासिल किए हैं।

आपको जानकर हैरानी होगी कि नोटा को भी 1298 वोट मिल चुके हैं। इस सीट से शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) के हारून खान बढ़त बनाए हुए हैं जिन्हें अबतक करीब 65 हजार वोट मिल चुके हैं।

बता दें कि ये वहीं एजाज खान हैं जिनके सोशल मीडिया पर 5.6 मिलियन फॉलोअर्स हैं। ऐसे में बड़ी ही हैरानी की बात है कि उनके इतने चाहने वाले होने के बावजूद भी  1000 वोट भी हासिल नहीं कर पाए। केवल 155 वोट के साथ उन्हें करारा झटका लगा है।

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