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अन्तर्राष्ट्रीय

सू की संयुक्त राष्ट्र बैठक में नहीं होंगी शमिल

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ने प्यी ताव, 13 सितम्बर (आईएएनएस)| म्यांमार की स्टेट काउंसिलर आंग सान सू की रोहिंग्या मुद्दे पर बढ़ती आलोचनाओं के बीच न्यूयार्क में संयुक्त राष्ट्र महासभा सत्र में हिस्सा नहीं लेंगी।

राष्ट्रपति कार्यालय के एक प्रवक्ता ने बुधवार को बताया कि उन्होंने दो कारणों से यह दौरा रद्द कर दिया है। पहला रखेन प्रांत में मौजूदा हालात को देखते हुए उन्होंने यह फैसला लिया है। हमपर आतंकवादी हमले हुए हैं एवं हमें लोगों की सुरक्षा तथा मानवीय कार्य संबंधी कई कामों को करना है। दूसरा, हमें यह सूचना मिली है कि हमारे देश पर आतंकवादी हमले की आशंका है।

बीबीसी की रपट के मुताबिक, सू की के 19 से 25 सितंबर के बीच आम सभा सत्र में शामिल होने की संभावना थी।

संयुक्त राष्ट्र के मुताबिक, कम से कम 3,70,000 रोहिंग्या अल्पसंख्यक गत 25 अगस्त से म्यांमार में फैली हिंसा के बाद अबतक बांग्लादेश भाग चुके हैं जिसका मतलब है प्रतिदिन 20,000 रोहिंग्या मुस्लिम बांग्लादेश जा रहें हैं।

संयुक्त राष्ट्र मानवधिकार प्रमुख जैद राड अल हुसैन ने सोमवार को कहा था कि म्यांमार सैना की कार्रवाई ‘नस्ली सफाया करने का किताबी उदाहरण’ है जिसका म्यांमार सेना ने खंडन किया था।

सू की की पूरे दुनियाभर में रोहिंग्या मुद्दे पर काफी आलोचना हो रही है,खासकर उन्होंने मानवधिकार से जुड़े मामलों पर काफी काम किया था जिसके लिए उन्होंने नोबेल शांति पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया था।

सीएनएन की रपट के अनुसार, मानवधिकार मामलों के पूर्व अमेरिकी सचिव टॉम मेलिनोवसकी ने कहा था कि वह रोहिंग्या संकट पर सू की के प्रतिक्रिया से बेहद दुखी हैं।

नोबेल शांति पुरस्कार प्राप्त कर चुके दलाई लामा,डेसमेंस टुटू और मलाला यूसफजाई ने भी उनसे हिंसा रोकने की मांग की है।

संयुक्त राष्ट्र में म्यांमार के प्रतिनिधि ने रोहिंग्या उग्रवादियों को रखेन प्रांत की हिंसा के लिए जिम्मेदार ठहराते हुए कहा कि उनका देश इस तरह के अत्याचार बर्दाश्त नहीं करेगा।

बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना ने बीबीसी को मंगलवार को कहा, मेरा निजी संदेश बेहद साफ है कि उन्हें इस स्थिति को मानवीय आधार पर देखना चाहिए क्योंकि ये लोग, बच्चे, महिलाएं बुरी तरह प्रभावित हुए हैं।

उन्होंने कहा, ये लोग म्यांमार के हैं, पिछले 100 वर्षो से ये लोग वहां रह रहें हैं, कैसे वे लोग इस बात से इंकार कर सकते हैं कि रोहिंग्या उनके नागरिक नहीं हैं।

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अन्तर्राष्ट्रीय

हिजबुल्लाह ने इजरायल पर दागे लगभग 250 रॉकेट, 7 लोग घायल

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बेरूत। हिजबुल्लाह ने एक बार फिर इजरायल पर बड़ा हमला किया है। रविवार को हिजबुल्लाह ने इजरायल पर लगभग 250 रॉकेट और अन्य हथियारों से हमला किया। इस हमले में कम से कम सात लोग घायल हो गए है। हिजबुल्लाह का यह हमला पिछले कई महीनों में किया गया सबसे भीषण हमला है, क्योंकि कुछ रॉकेट इजरायल के मध्य में स्थित तेल अवीव इलाके तक पहुंच गए।

इजराइल की ‘मैगन डेविड एडोम’ बचाव सेवा ने कहा कि उसने हिजबुल्लाह द्वारा इजराइल पर दागे गए हमलों में घायल हुए सात लोगों का इलाज किया. युद्ध विराम के लिए वार्ताकारों की ओर से दबाव बनाए जाने के बीच हिजबुल्लाह ने ये हमले बेरूत में घातक इजराइली हमले के जवाब में किये

सेना का अभियान चरमपंथियों के खिलाफ

इसी बीच लेबनान की सेना ने कहा कि इजराइल के हमले में रविवार को लेबनान के एक सैनिक की मौत हो गई जबकि 18 अन्य घायल हो गए. इस घटना पर इजराइल की सेना ने चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि यह हमला हिजबुल्लाह के विरुद्ध युद्ध क्षेत्र में किया गया और सेना का अभियान केवल चरमपंथियों के खिलाफ हैं.

 

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