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बिजनेस

सेंट्रल इम्प्लाईज को मिलेगी गुड न्यूज, 7वें वेतन आयोग की सिफारिशों पर होगा फैसला

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नई दिल्ली। सेंट्रल इम्प्लाईज के लिए मोदी सरकार जल्द ही गुड न्यूज सुना सकती है। 47 लाख केंद्रीय कर्मचारियों के भत्ते को लेकर बैठक हो सकती है, जिसमें लवासा समिति की सिफारिशों पर चर्चा की जानी है।

लवासा समिति ने 27 अप्रैल को वित्त मंत्री अरुण जेटली को अपनी रिपोर्ट सौंपी थी। इस समिति का गठन पिछले साल जून में सातवें वेतन आयोग की सिफारिशें लागू किए जाने के बाद किया गया था। बैठक में शामिल होने वाले सचिवों में गृहमंत्रलाय, कार्मिक और प्रशिक्षण, स्वास्थ्य और परिवार कल्याण समेत रेलवे के अधिकारी हिस्सा ले सकते हैं।

अगर सचिवों की बैठक में लवासा समिति की सिफारिशों को सही माना जाता है तो इसी हफ्ते इसकी रिपोर्ट केंद्रीय कैबिनेट के समक्ष पेश होगी।

सातवें वेतन आयोग में दो बेसिक वेतन और संशोधित भत्तों के मुद्दे शामिल हैं। सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों में शहरों की श्रेणी के मुताबिक घर के किराए भत्ते में कटौती की बात कही थी।

इसके अलावा आयोग ने 36 छोटे भत्तों को बड़े भत्तों में मिलाने और 52 भत्तों को खत्म करने की सिफारिश की थी।

नेशनल

ऑनलाइन फूड ऑर्डरिंग ऐप को मनमानी करने पर 103 के बदले देने पड़ेंगे 35,453 रु, जानें क्या है पूरा मामला

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हैदराबाद। ऑनलाइन फूड ऑर्डरिंग ऐप स्विगी को ग्राहक के साथ मनमानी करना भारी पड़ गया। कंपनी की इस मनमानी पर एक कोर्ट ने स्विगी पर तगड़ा जुर्माना ठोक दिया। हैदराबाद के निवासी एम्माडी सुरेश बाबू की शिकायत पर उपभोक्ता आयोग ने बड़ा फैसला सुनाया है। बाबू ने आरोप लगाया था कि स्विगी ने उनके स्विगी वन मेंबरशिप के लाभों का उल्लंघन किया और डिलीवरी Food Delivery की दूरी को जानबूझकर बढ़ाकर उनसे अतिरिक्त शुल्क वसूला

क्या है पूरा मामला ?

सुरेश बाबू ने 1 नवंबर, 2023 को स्विगी से खाना ऑर्डर किया था। सुरेश के लोकेशन और रेस्टॉरेंट की दूरी 9.7 किमी थी, जिसे स्विगी ने बढ़ाकर 14 किमी कर दिया था। दूरी में बढ़ोतरी की वजह से सुरेश को स्विगी का मेंबरशिप होने के बावजूद 103 रुपये का डिलीवरी चार्ज देना पड़ा। सुरेश ने आयोग में शिकायत दर्ज कराते हुए कहा कि स्विगी वन मेंबरशिप के तहत कंपनी 10 किमी तक की रेंज में फ्री डिलीवरी करने का वादा किया था।कोर्ट ने बाबू द्वारा दिए गए गूगल मैप के स्क्रीनशॉट्स और बाकी सबूतों की समीक्षा की और पाया कि दूरी में काफी बढ़ोतरी की गई है।

कोर्ट ने स्विगी को अनुचित व्यापार व्यवहार का दोषी पाया और कंपनी को आदेश दिया कि वे सुरेश बाबू को 9 प्रतिशत ब्याज के साथ 350.48 रुपये के खाने का रिफंड, डिलीवरी के 103 रुपये, मानसिक परेशानी और असुविधा के लिए 5000 रुपये, मुकदमे की लागत के लिए 5000 रुपए समेत कुल 35,453 रुपये का भुगतान करे।

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