बिजनेस
सोना में काला बाजार सौदों पर रोक लगाए सरकार : वाई. वी. रेड्डी
नई दिल्ली, 6 जुलाई (आईएएनएस)| सरकार को सोने में काला बाजार लेन-देन को रोकने के लिए कदम उठाने चाहिए, जिसका अर्थव्यवस्था पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। भारतीय रिजर्व बैंक के पूर्व गवर्नर वाई. वी. रेड्डी ने यह बातें कही। रेड्डी ने एक लेख में यह बातें कही है, जिसका शीर्षक ‘द वॉयस ऑफ अथॉरिटी’ है। इसका प्रकाशन गोल्ड इंवेस्टर ने किया है, जो वल्र्ड गोल्ड कौंसिल की प्रकाशन संस्था है।
उन्होंने लिखा, सोने की मांग का कुछ हिस्सा काले बाजार के लेनदेन से उत्पन्न होती है, जिसका आर्थिक व्यवस्था और सामाजिक संरचना पर बुरा प्रभाव पड़ता है। इसलिए इस तरफ तत्काल और गंभीर रूप से ध्यान देने की जरूरत है।
उन्होंने कहा कि काले बाजार के लेन-देन से निपटने के लिए कई उपायों की जरूरत है, ताकि दीर्घकाल में वित्तीय क्षेत्र का विस्तार और विकास हो। इससे अर्थव्यवस्था में वृद्धि होगी और समाज भी विकसित होगा।
रेड्डी ने कहा कि सोना को भारतीय अर्थव्यवस्था का एक अभिन्न हिस्सा माना जाता है। देश को यह सुनिश्चित करने की आवश्यकता है कि सोने का बाजार सुव्यवस्थित तरीके से विकसित हो जिसमें उपभोक्ताओं को पर्याप्त संरक्षण मिले।
उन्होंने कहा कि सोने के काले बाजार को विनियमित किया जा सकता है। हालांकि, वर्तमान सरकार की पहल सही दिशा में आगे बढ़ रही है और सार्वजनिक नीति में एक क्रांतिकारी परिवर्तन को दर्शाती है।
सरकार द्वारा की गई तीन प्रमुख पहलों (सोने की मुद्रीकरण योजना, सरकारी बॉन्ड योजना और भारतीय स्वर्ण सिक्का योजना) की चर्चा करते हुए रेड्डी ने कहा कि स्वर्ण मुद्रीकरण योजना उपभोक्ताओं को अपने सोने से अधिक मूल्य उत्पन्न करने के लिए प्रोत्साहित करता है, लेकिन इसमें कुछ व्यावहारिक और कार्यात्मक चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है।
प्रादेशिक
एस्सार ग्रुप के सह-संस्थापक शशि रुइया का 80 साल की उम्र में निधन
मुंबई। एस्सार ग्रुप के सह-संस्थापक शशि रुइया का 80 साल की उम्र में निधन हो गया है। रुइया के पार्थिव शरीर को प्रार्थना और श्रद्धांजलि के लिए वालकेश्वर के बाणगंगा में रखा जाएगा। अंतिम संस्कार यात्रा रुइया हाउस से शाम 4 बजे हिंदू वर्ली श्मशान के लिए निकलेगी।
शशि रुइया ने अपने भाई रवि रुइया के साथ मिलकर एस्सार की स्थापना की थी। वह करीब एक महीने पहले अमेरिका से इलाज करा लौटे थे। मंगलवार को दोपहर 1 बजे से 3 बजे तक उनका पार्थिव शरीर रुइया हाउस में अंतिम दर्शन के लिए रखा जाएगा। शाम चार बजे रुइया हाउस से शवयात्रा हिंदू वर्ली श्मशान घाट के लिए रवाना होगी।
उद्योगपति शशि रुइया ने अपने पिता नंद किशोर रुइया के मार्गदर्शन में 1965 में अपने व्यावसायिक दुनिया में कदम रखा। उन्होंने अपने भाई रवि के साथ मिलकर 1969 में चेन्नई बंदरगाह पर एक बाहरी ब्रेकवाटर का निर्माण कर एस्सार की नींव रखी। इसके बाद एस्सार ग्रुप ने इस्पात, तेल रिफाइनरी, अन्वेषण और उत्पादन, दूरसंचार, बिजली और निर्माण सहित विभिन्न क्षेत्रों में विस्तार किया।
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