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स्कूल ने पार की हैवानियत की सभी हदें, इतनी छोटी सी बात पर छात्रा को डेढ़ घंटे बाथरूम में रखा बंद

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नई दिल्ली। दिल्ली के एक प्राइवेट स्कूल में नाबालिग छात्रा से हैवानियत का मामला सामने आया है। यहां तीसरी क्लास में पढ़ने वाली छात्रा को डेढ़ घंटे तक टॉयलेट में सिर्फ इसलिए बंद कर दिया क्योंकि उसने टॉयलेट गंदा कर दिया था। वह वहां से निकलने के रोती रही लेकिन बाहर बैठी मेड का दिल नहीं पसीजा। मेड ने टॉयलेट में बंद छात्रा से पूरा टॉयलेट साफ़ करवाने के बाद ही उसे बाहर आने दिया।

पुलिस ने बताया कि 8 साल की यह बच्ची अपने परिवार के साथ शादीपुर इलाके में रहती है। यह बच्ची प्रसाद नगर स्थित फेथ अकादमी स्कूल में तीसरी कक्षा की छात्रा है। मंगलवार को स्कूल में शालू ने टीचर से टॉयलेट जाने की अनुमति मांगी, टीचर ने उसे भेज दिया।

टॉयलेट करने के बाद जैसे ही वह बाहर निकलने लगी, तो वहां बैठी मेड ने उसे पकड़ लिया और कहा कि उसने टॉयलेट गंदा किया है। यह कहते हुए उसने इस बच्ची की पिटाई कर उसे टॉयलेट में बंद कर दिया. डेढ़ घंटा टॉयलेट में बंद करने के बाद मेड ने उससे पूरा टॉयलट साफ करवाया। इसके बाद ही मेड ने उसे बाहर आने दिया।

उधर, छुट्टी के बाद घर पहुंची छात्रा ने अपनी घरवालों को पूरी बात बताई। बच्ची के पिता ने मामले की सूचना पुलिस को दी। पुलिस ने मारपीट, बंधक बनाने और जुवेनाइल जस्टिस एक्ट-75 के तहत मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।

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बिहार का ‘उसैन बोल्ट’, 100 किलोमीटर तक लगातार दौड़ने वाला यह लड़का कौन

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चंपारण। बिहार का टार्जन आजकल खूब फेमस हो रहा है. बिहार के पश्चिम चंपारण के रहने वाले राजा यादव को लोगों ने बिहार टार्जन कहना शुरू कर दिया है. कारण है उनका लुक और बॉडी. 30 मार्च 2003 को बिहार के बगहा प्रखंड के पाकड़ गांव में जन्मे राज़ा यादव देश को ओलंपिक में गोल्ड मेडल दिलाना चाहते हैं.

लिहाजा दिन-रात एकक़र फिजिकल फिटनेस के साथ-साथ रेसलिंग में जुटे हैं. राज़ा को कुश्ती विरासत में मिली है. दादा जगन्नाथ यादव पहलवान और पिता लालबाबू यादव से प्रेरित होकर राज़ा यादव ने सेना में भर्ती होने की कोशिश की. सफलता नहीं मिली तो अब इलाके के युवाओं के लिए फिटनेस आइकॉन बन गए हैं.

महज 22 साल की उम्र में राजा यादव ‘उसैन बोल्ट’ बन गए. संसाधनों की कमी राजा की राह में रोड़ा बन रहा है. राजा ने एनडीटीवी से कहा कि अगर उन्हें मौका और उचित प्रशिक्षण मिले तो वे पहलवानी में देश का भी प्रतिनिधित्व कर सकते हैं. राजा ओलंपिक में गोल्ड मेडल लाने के लिए दिन रात मैदान में पसीना बहा रहे हैं. साथ ही अन्य युवाओं को भी पहलवानी के लिए प्रेरित कर रहे हैं.

’10 साल से मेहनत कर रहा हूं. सरकार ध्यान दे’

राजा यादव ने कहा, “मेरा जो टारगेट है ओलंपिक में 100 मीटर का और मेरी जो काबिलियत है उसे परखा जाए. इसके लिए मैं 10 सालों से मेहनत करते आ रहा हूं तो सरकार को भी ध्यान देना चाहिए. मेरे जैसे सैकड़ों लड़के गांव में पड़े हुए हैं. उन लोगों के लिए भी मांग रहा हूं कि उन्हें आगे बढ़ाने के लिए सुविधा मिले तो मेरी तरह और युवक उभर कर आएंगे.”

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