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मनोरंजन

हजार वर्षो में अर्जित दर्शन को बचाकर रखने की जरूरत : बॉब डिलन

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लंदन, 7 जून (आईएएनएस)| साहित्य के नोबेल से नवाजे गए अमेरिका के दिग्गज संगीतकार बॉब डिलन ने अंतत: नोबेल के समक्ष अपना व्याख्यान दे दिया, जिसमें उन्होंने अपने प्रेरणास्रोत संगीतकारों, पुस्तकों और घटनाओं का विस्तार से जिक्र किया है। युद्ध विरोधी गीतों के ‘आधुनिक मसीहा’ के तौर पर देखे जाने वाले डिलन के नोबेल व्याख्यान में भी मानव संवेदना के गहरे धागों को महसूस किया जा सकता है, जिसमें उन्होंने हजारों वर्षो की परंपरा से अर्जित दर्शन और विवेक को संजोए रखने पर जोर दिया है।

डिलन ने सोमवार को दिए अपने व्याख्यान में कहा, जब मुझे नोबेल देने की घोषणा हुई, तो मुझे आश्चर्य हुआ कि मेरे गीतों का साहित्य से क्या लेना-देना। गीत गाने के लिए होते हैं, न कि पढ़े जाने के लिए, जैसे विलियम शेक्सपीयर की रचनाएं मंच पर मंचित करने के लिए।

लोक संगीत को मुख्यधारा का संगीत बनाने वाले डिलन ने अपने गीतों और साहित्य के बीच के संबंधों का फिर घटनावार ब्यौरा दिया। डिलन ने खुद पर सर्वाधिक प्रभाव डालने वाले दो प्रमुख संगीतकारों ‘बडी हॉली’ और ‘लीडबेली’ का जिक्र किया।

इसके अलावा डिलन ने अपने जीवन को सर्वाधिक प्रभावित करने वाली तीन पुस्तकों- ‘मॉबी डिक’, ‘ऑल क्वाइट ऑन द वेस्टर्न फ्रंट’ और ‘दो ओडिसी’ का न सिर्फ जिक्र किया, बल्कि तीनों पुस्तकों के सारांश भी सुनाए। डिलन ने कहा कि उन्हें इन पुस्तकों से सिद्धांत, संवेदना और दुनिया के बारे में तथ्यपरक नजरिया हासिल हुआ।

अपने पहले प्रेरणास्रोत संगीतकार बडी हॉली से जुड़ी एक घटना का जिक्र करते हुए डिलन कहते हैं, मैं 18 का था और बडी 22 के करीब। जब मैंने पहली बार उन्हें सुना तो मुझे वह अपने जैसे लगे। मुझे वह अपने बड़े भाई जैसे लगे। पहली बार में करीब 100 मीलकर चलकर साक्षात बडी का संगीत सुनने गया था। वह शानदार लग रहे थे। तभी अचानक वह रहस्यमयी घटना घटी। उन्होंने अपनी जर्द आंखों से सीधा मेरी ओर देखा और जैसे मेरे अंदर कुछ संचारित किया, कुछ ऐसा जो मैं समझ नहीं सका। लेकिन इसने मुझे हिलाकर रख दिया।

अपने संगीत और रचे गीतों के बारे में डिलन का कहना है कि किसी गीत में सबसे अहम है कि वह सुनने वाले को खुद में डुबा ले।

वह कहते हैं, किसी गीत के क्या मायने हैं, यह अहम नहीं है। उसके कई अर्थ हो सकते हैं। अगर कोई गीत आपके दिल को छू लेता है, तो उसकी सबसे अहम बात है। मुझे नहीं पता कि मैंने जो गीत रचे, उनके क्या अर्थ हैं।

अपने गीतों की तरह डिलन ने अपने व्याख्यान में भी युद्ध की विभीषिका पर बात की और कहा, हजारों वर्षो की वह संस्कृति, दर्शन, विवेक- प्लेटो, अरस्तु, सुकरात – क्या हो गया इन सबका? हमें इसे बचाना होगा।

डिलन के पूरे व्याख्यान को नोबेल की आधिकारिक वेबसाइट ‘नोबेलप्राइज डॉट ऑर्ग’ पर सुना और पढ़ा जा सकता है।

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मनोरंजन

रणवीर सिंह और दीपिका पादुकोण ने किया स्वर्ण मंदिर का दर्शन, सोशल मीडिया पर शेयर की फोटो

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अमृसतर। रणवीर सिंह और दीपिका पादुकोण ने सितंबर में अपनी बेटी दुआ का स्वागत किया था। कपल ने सोशल मीडिया पर ये खबर अपने फैंस संग शेयर की। वहीं हाल ही में दोनों ने अपनी बेटी के नाम का खुलासा भी किया। मां बनने के बाद जहां दीपिका अपनी मम्मा ड्यूटी में व्यस्त हैं, वहीं रणवीर सिंह अब अपनी अपकमिंग फिल्म की शूटिंग में व्यस्त होने वाले हैं।

रणवीर सिंह पहुंचे स्वर्ण मंदिर

उनकी तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हो रही हैं। फोटो में रणवीर स्वर्ण मंदिर के आगे सिर झुकाए नजर आ रहे हैं। वहीं दूसरी फोटो में वह आदित्य धर के साथ दिखाई दे रहे हैं। फोटो शेयर करते हुए रणवीर ने कैप्शन में लिखा- ‘जाको राखे साइयां, मार सके न कोय’। रणवीर सिंह की तस्वीर पर फैन्स ने खूब रिएक्शन दिए हैं। सभी ने रणवीर सिंह के लुक और स्वर्ण मंदिर दर्शन के लिए प्रार्थना की है। फैन्स ने भी कमेंट में रणवीर सिंह को उनकी आने वाली फिल्म के लिए बधाई दी है।

अमृतसर में होनी है फिल्म की शूटिंग

रणवीर सिंह के अलावा आदित्य धर दोनों ने स्वर्ण मंदिर दर्शन की तस्वीर सोशल मीडिया पर शेयर की है। इन तस्वीरों में एक्टर सफेद कुर्ता-पायजामा में नजर आ रहे हैं। रणवीर सिंह की तस्वीरों पर फैन्स खूब कमेंट कर रहे हैं। दूसरी तरफ इस फिल्म के पहले चरण की शूटिंग बैंकॉक में हो चुकी है। दूसरे भाग की शूटिंग अमृतसर में होनी है। मेकर्स ने अभी तक अपनी फिल्म के नाम का खुलासा नहीं किया है।

 

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