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हवाला डायरी मामले में जैन, अन्य बरी

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नई दिल्ली, 1 सितम्बर (आईएएनएस)| अदालत ने वर्ष 1991 के ‘हवाला डायरी’ मामले के आरोपियों एस.के. जैन, उनके कर्मचारी जे.के. जैन और अन्य को विदेशी मुद्रा विनिमय अधिनियम के उल्लंघन के आरोपों में बरी कर दिया। इसके साथ ही यह मामला अब बंद हो गया है। अतिरिक्त मुख्य महानगर दंडाधिकारी ज्योति क्लेर ने हाल ही में सुनाए गए एक फैसले में हवाला कांड के कथित आरोपी व डायरी के लेखक एस.के.जैन और जे.के.जैन को तथा मोहम्मद अमीर दीन हबीब और एस.एस.ओ. सैयद आरिफ को बरी कर दिया। क्लेर ने कहा कि इनके खिलाफ फेमा उल्लंघन के आरोपों को साबित करने वाले कोई साक्ष्य नहीं मिले हैं।

प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) का आरोप था कि एस.के.जैन ने भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की मंजूरी के बिना विदेशी मुद्रा को भारतीय मुद्रा में परिवर्तित किया था।

ईडी ने इस अपराध के लिए जे.के.जैन के खिलाफ आरोपपत्र दाखिल किया था।

अदालत के मुताबिक, फेरा की धारा 8 (1) और 8 (2) के तहत तय किए गए आरोप के मद्देनजर कथित आरोपों के तथ्य पेश होने चाहिए, लेकिन इन आरोपों में ये तथ्य गायब हैं।

फैसले के मुताबिक, ऐसे कोई साक्ष्य नहीं हैं, जिससे पता चले कि ऐसा कोई शख्स था, जिससे विदेशी मुद्रा प्राप्त हुई हो। इस बात के भी कोई साक्ष्य नहीं हैं कि विदेशी मुद्रा किस तरह मिली थी।

‘जैन हवाला डायरी मामला’ केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने 1991 में दर्ज किया था।

सीबीआई को कई दस्तावेज मिले थे, जिनसे पता चला था कि जे.के.जैन को जैन बंधुओं की ओर से एस.एस.ओ.सैयद आरिफ सहित विभिन्न सूत्रों से पैसे मिले थे।

जे.के.जैन भिलाई इंजीनियरिंग कॉर्प कंपनी के साथ काम कर रहे थे, जबकि हबीब और आरिफ मुंबई स्थित कंपनी में साझेदार थे।

मामलों के लंबित होने के दौरान दो आरोपियों एन.के.जैन और बी.आर.जैन की मौत हो गई।

यह स्कैंडल चार हवाला दलालों के जरिए नेताओं द्वारा कथित तौर पर भुगतान भेजने से संबंधित था।

इस मामलों में जिन नेताओं के नाम हटा दिए गए, उनमें भाजपा नेता लालकृष्ण आडवाणी, कांग्रेस के दिवंगत नेता वी.सी.शुक्ला, माधवराव सिंधिया, पी.शिव शंकर और जनता दल के नेता शरद यादव रहे हैं। सर्वोच्च न्यायालय ने अपने फैसले में इन सभी को बरी कर दिया था।

ईडी का आरोप था कि आरोपी 26 अवैध लेन-देन में शामिल थे और इन्होंने 1998 से 1991 के दौरान लगभग 2,26,50,000 डॉलर की मुद्रा को भारतीय मुद्रा में परिवर्तित किया।

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महाराष्ट्र के वाशिम में बोले सीएम योगी- ‘बंटिए मत, बंटे थे तो कटे थे’, एक हैं तो सेफ हैं

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वाशिम। यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने महाराष्ट्र के वाशिम में एक जनसभा को संबोधित किया। यहां उन्होंने एक बार अपना पुराना बयान दोहराया। सीएम योगी ने कहा कि बंटिए मत, क्योंकि जब भी बंटे थे तो कटे थे। एक हैं तो नेक हैं, एक हैं तो सेफ हैं। अपनी ताकत का एहसास करवाइए, जातियों में मत बंटना। इस दौरान सीएम योगी ने अयोध्या, काशी और मथुरा का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि अयोध्या में अभी भगवान राम ने दिवाली का आनंद लिया है। पूरी दुनिया ने देखा कैसे अयोध्या दीपों से जगमगा रही थी। ये तो शुरूआत है, केवल अयोध्या ही नहीं, अब तो हम काशी और मथुरा की तरफ भी बढ़ चुके हैं।

सीएम योगी ने आगे कहा कि वाशिम विधानसभा क्षेत्र में उमड़ा यह अपार जन सिंधु महाराष्ट्र में भाजपा की विजय गाथा लिखने जा रहा है। उन्होंने कहा कि छत्रपति शिवाजी महाराज ने जिस दुष्ट अफजल को मार गिराया था उसके नाम पर औरंगाबाद का नाम होना, याद करना इसको हटना ही चाहिए था, इसे संभाजीनगर के रूप में पहचान मिलनी ही थी। छत्रपति शिवाजी महाराज का संघर्ष हो या संभाजी महाराज का, हमें नई प्रेरणा देता है। छत्रपति शिवाजी महाराज हम सबको एकजुट करके लेकर गए थे। हर भारतवासी को अपने साथ जोड़े थे। अपनी सेना का हिस्सा बनाए थे।

उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र चुनाव में दो महा गठबंधन चुनाव लड़ रहे हैं। एक तरफ महायुति गठबंधन है और दूसरी और महा अघाड़ी के रूप में ‘महाअनाड़ी’ गठबंधन है। मैं अनाड़ी इसलिए कहता हूं जिसे राष्ट्र की चिंता नहीं हो, वह अनाड़ी ही होगा। एक समय था जब आतंकवादी देश में घुसकर विस्फोट करते थे, आज पीएम मोदी के नेतृत्व में कोई सीमा पर अतिक्रमण करता है तो उसका राम नाम सत्य हो जाता है। सीएम योगी ने वाशिम में शिवाजी बनाम औरंगजेब का वैचारिक मुद्दा उठाकर हिन्दुत्व को तेज धार देने वाली स्पीच दी।

योगी ने कहा कि जिस तरह से वाशिम विधानसभा क्षेत्र में लोग उमड़े हैं, यह महाराष्ट्र में भाजपा की विजय गाथा लिखने जा रहा है। उन्होंने कहा कि सत्ताएं तो आएंगी-जाएंगी, लेकिन हमारा ‘भारत’ रहना चाहिए और ‘भारत’ दुनिया की सबसे बड़ी ताकत बनना चाहिए। विपक्षी कहते थे राम हुए नहीं, कृष्ण हुए नहीं, आज भले ये चुनाव में कह रहे हो लेकिन इन पर भरोसा मत करिएगा। राम हमारी रग-रग में हैं, कण-कण में हैं। इसके अलावा सीएम योगी ने आगे कहा कि बंटिए मत! क्योंकि जब भी बंटे थे तो कटे थे। एक हैं तो नेक हैं, एक हैं तो सेफ हैं।

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