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बिजनेस

होंडा एक्टिवा 7 महीने में 20 लाख बिकी

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नई दिल्ली, 23 नवंबर (आईएएनएस)| भारत के दोपहिया वाहन उद्योग को नई रफ्तार देने वाली होंडा मोटरसाइकिल एंड स्कूटर इंडिया प्राइवेट लिमिटेड (एचएमएसआई) ने गुरुवार को एक नया रिकॉर्ड बनाया। कंपनी की होंडा एक्टिवा ने महज 7 महीनों के भीतर 20 लाख वाहनों की बिक्री का आंकड़ा पार कर लिया है। होंडा ने एक बयान में कहा कि हर 9वें सेकंे ड में देश का एक नया परिवार अपना पसंदीदा एक्टिवा स्कूटर खरीद रहा है। 2001 में लांचिंग के बाद से एक्टिवा को भारत के 20 लाख परिवारों तक पहुंच बनाने में 7 साल (2001 से 2008 तक) का वक्त लगा था, वहीं अब उसे अप्रैल से अक्टूबर (2017) के बीच महज 7 महीनों के भीतर 20 लाख नए ग्राहक (20,40,134 एक्टिवा स्कूटरों की बिक्री) जोड़ने में कामयाबी मिली है।

कंपनी ने कहा कि महज आधे दशक के दौरान दोपहिया वाहन उद्योग की बिक्री में उसने 52 प्रतिशत की बढ़ोतरी दर्ज की गई है। इसकी तुलना में बिक्री में 180 प्रतिशत की बढ़ोतरी के साथ एक्टिवा भारत का सबसे ज्यादा बिकने वाला दोपहिया वाहन बन गया है। साल 2012-13 में एक्टिवा की 7.3 लाख बिक्री हुई थी, जो 2017-18 में लगभग तिगुनी होकर 20 लाख वाहन तक पहुंच गई।

होंडा मोटरसाइकिल एंड स्कूटर इंडिया प्रा. लि. के वरिष्ठ उपाध्यक्ष (बिक्री एवं विपणन) यादविंदर सिंह गुलेरिया ने कहा, ‘भारत, एक्टिवा को प्यार करता’ है, जिस क्रम में उसने एक नई उपलब्धि हासिल की है और एक्टिवा भारत का सबसे ज्यादा बिकने वाला वाहन बना हुआ है। सबसे ज्यादा पसंद किए जाने वाले दोपहिया ब्रांड के तौर पर एक्टिवा की अप्रत्याशित लोकप्रियता उसके एडवांस्ड फीचर्स, यूनिसेक्स स्टाइल, माइलेज और सुविधाओं के लिहाज से लगातार हुए बदलावों की वजह से संभव हुई है। अब अर्ध-शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में भी स्कूटरों की संख्या तेजी से बढ़ने के साथ ही होंडा को भरोसा है कि एक्टिवा भारत की पहली पसंद बना रहेगा।

स्कूटर सेगमेंट को रफ्तार देते हुए होंडा ने 2001 में 102सीसी का क्रांतिकारी ऑटोमैटिक स्कूटर एक्टिवा को पेश किया था। पहले ही साल में उसकी 55,000 वाहन की बिक्री हुई थी और अगले तीन साल में एक्टिवा स्कूटर सेगमेंट की लीडर के तौर पर सामने आई थी। साल 2005 के दिसंबर तक एक्टिवा की कुल बिक्री का आंकड़ा 10 लाख के पार पहुंच गया था।

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प्रादेशिक

एस्सार ग्रुप के सह-संस्‍थापक शशि रुइया का 80 साल की उम्र में निधन

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मुंबई। एस्सार ग्रुप के सह-संस्‍थापक शशि रुइया का 80 साल की उम्र में निधन हो गया है। रुइया के पार्थिव शरीर को प्रार्थना और श्रद्धांजलि के लिए वालकेश्वर के बाणगंगा में रखा जाएगा। अंतिम संस्कार यात्रा रुइया हाउस से शाम 4 बजे हिंदू वर्ली श्मशान के लिए निकलेगी।

शशि रुइया ने अपने भाई रवि रुइया के साथ मिलकर एस्सार की स्थापना की थी। वह करीब एक महीने पहले अमेरिका से इलाज करा लौटे थे। मंगलवार को दोपहर 1 बजे से 3 बजे तक उनका पार्थिव शरीर रुइया हाउस में अंतिम दर्शन के लिए रखा जाएगा। शाम चार बजे रुइया हाउस से शवयात्रा हिंदू वर्ली श्मशान घाट के लिए रवाना होगी।

उद्योगपति शशि रुइया ने अपने पिता नंद किशोर रुइया के मार्गदर्शन में 1965 में अपने व्यावसायिक दुनिया में कदम रखा। उन्होंने अपने भाई रवि के साथ मिलकर 1969 में चेन्नई बंदरगाह पर एक बाहरी ब्रेकवाटर का निर्माण कर एस्सार की नींव रखी। इसके बाद एस्सार ग्रुप ने इस्पात, तेल रिफाइनरी, अन्वेषण और उत्पादन, दूरसंचार, बिजली और निर्माण सहित विभिन्न क्षेत्रों में विस्तार किया।

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