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बिजनेस

होण्डा 2 व्हीलर्स, डीटीटीई में प्रौद्योगिकी प्रशिक्षण के लिए साझेदारी

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नई दिल्ली, 27 मार्च (आईएएनएस)| होण्डा मोटरसाइकिल एंड स्कूटर इंडिया ने प्रशिक्षण एवं तकनीकी शिक्षा महानिदेशालय के साथ एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किया है, जो तकनीकी श्रमशक्ति उपलब्ध कराने के लिए दिल्ली सरकार की नोडल संस्था है। होण्डा और डीटीटीई अब दिल्ली में दो ओद्यौगिक प्रशिक्षण संस्थानों- जफरपुर एवं नंदनगरी- के विद्यार्थियों को उद्योग विशिष्ट नौकरी उन्मुख शिक्षा प्रदान करेंगे। समझौता ज्ञापन के तहत होण्डा 2 व्हीलर्स इंडिया भारत के सबसे ज्यादा बिकने वाले दोपहिया वाहन एक्टिवा, भारत की सबसे ज्यादा बिकने वाली 125 सीसी मोटरसाइकिल सीबी शाईन की युनिट्स उपलब्ध कराएगी। इसके अलावा, होण्डा ने दोनों आईटीआई संस्थानों के लिए पूर्ण संचालित सर्विस वर्कशॉप्स में भी निवेश किया है। यह समझौता ज्ञापन युवाओं को गुणवत्तापूर्ण प्रशिक्षण प्रदान कर उन्हें उद्योग जगत में काम करने के लिए तैयार करेगा।

होण्डा मोटरसाइकिल एण्ड स्कूटर इण्डिया प्रा. लि. के उपाध्यक्ष (ग्राहक सेवा) प्रभु नागराज ने बताया, 2026 तक भारतीय ऑटोमोबाइल उद्योग का जीडीपी (सकल घरेलू उत्पाद) में योगदान लगभग दोगुना हो जाएगा। इसी विकास के मद्देनजर उद्योग जगत को कुशल श्रमशक्ति के निर्माण के लिए निवेश करना होगा। डीटीटीई के साथ इस साझेदारी के माध्यम से छात्र उद्योगोन्मुख प्रशिक्षण पा सकेंगे और अपने आप को नौकरियों के लिए तैयार कर सकेंगे। अगले वित्त वर्ष में होण्डा कई अन्य आईटीआई संस्थानों के साथ करार करेगी।

उन्होंने बताया कि 2016 से होण्डा विद्यार्थियों को उद्योगोन्मुख प्रशिक्षण प्रदान कर रही है। होण्डा अब तक अपने पांच टेक्निकल सेंटर्स ऑफ एक्सीलेन्स में 3,000 तकनीशियनों को प्रशिक्षण प्रदान कर चुकी है। ये केंद्र लखनऊ, भुवनेश्वर, पुणे, बेंगलुरू और करनाल में हैं।

कंपनी ने बयान में कहा कि प्रशिक्षण पूरा होने के बाद होण्डा उम्मीदवारों को होण्डा 2 व्हीलर्स इण्डिया डीलरशिप्स में नौकरियों के अवसर भी प्रदान करेगी।

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नेशनल

ऑनलाइन फूड ऑर्डरिंग ऐप को मनमानी करने पर 103 के बदले देने पड़ेंगे 35,453 रु, जानें क्या है पूरा मामला

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हैदराबाद। ऑनलाइन फूड ऑर्डरिंग ऐप स्विगी को ग्राहक के साथ मनमानी करना भारी पड़ गया। कंपनी की इस मनमानी पर एक कोर्ट ने स्विगी पर तगड़ा जुर्माना ठोक दिया। हैदराबाद के निवासी एम्माडी सुरेश बाबू की शिकायत पर उपभोक्ता आयोग ने बड़ा फैसला सुनाया है। बाबू ने आरोप लगाया था कि स्विगी ने उनके स्विगी वन मेंबरशिप के लाभों का उल्लंघन किया और डिलीवरी Food Delivery की दूरी को जानबूझकर बढ़ाकर उनसे अतिरिक्त शुल्क वसूला

क्या है पूरा मामला ?

सुरेश बाबू ने 1 नवंबर, 2023 को स्विगी से खाना ऑर्डर किया था। सुरेश के लोकेशन और रेस्टॉरेंट की दूरी 9.7 किमी थी, जिसे स्विगी ने बढ़ाकर 14 किमी कर दिया था। दूरी में बढ़ोतरी की वजह से सुरेश को स्विगी का मेंबरशिप होने के बावजूद 103 रुपये का डिलीवरी चार्ज देना पड़ा। सुरेश ने आयोग में शिकायत दर्ज कराते हुए कहा कि स्विगी वन मेंबरशिप के तहत कंपनी 10 किमी तक की रेंज में फ्री डिलीवरी करने का वादा किया था।कोर्ट ने बाबू द्वारा दिए गए गूगल मैप के स्क्रीनशॉट्स और बाकी सबूतों की समीक्षा की और पाया कि दूरी में काफी बढ़ोतरी की गई है।

कोर्ट ने स्विगी को अनुचित व्यापार व्यवहार का दोषी पाया और कंपनी को आदेश दिया कि वे सुरेश बाबू को 9 प्रतिशत ब्याज के साथ 350.48 रुपये के खाने का रिफंड, डिलीवरी के 103 रुपये, मानसिक परेशानी और असुविधा के लिए 5000 रुपये, मुकदमे की लागत के लिए 5000 रुपए समेत कुल 35,453 रुपये का भुगतान करे।

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