उत्तर प्रदेश
सभी नगरीय निकायों में 155 घंटे का नॉन-स्टॉप महासफाई अभियान’ 26 सितंबर से 02 अक्टूबर तक
लखनऊ | राष्ट्रपिता महात्मा गांधी “बापू” के स्वच्छता सन्देश को जन-जन तक पहुंचाने और उनके स्वभाव और संस्कार में स्वच्छता को स्थापित करने के लिए प्रदेश के सभी निकायों में एकजुटता के साथ विशेष स्वच्छता अभियान की शुरुआत 26 सितंबर को प्रातः 05 बजे से हो रही है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के मार्गदर्शन में प्रदेश के नगरों को वैश्विक नगरों की श्रेणी में स्थापित करने के लिए स्वच्छ भारत मिशन नगरीय उत्तर प्रदेश द्वारा सभी निकायों में ‘‘155 घंटे का नॉन-स्टॉप महासफाई अभियान‘‘ 02 अक्टूबर, रात्रि 08 बजे तक चलाकर बापू को श्रद्धांजलि दी जाएगी, जिसकी निदेशालय स्तर से निरंतर लाईव मॉनीटरिंग भी की जाएगी। स्वच्छता ही सेवा कार्यक्रम में विभिन्न श्रेणियां जैसे कि स्वच्छ स्कूल, स्वच्छ घर, स्वच्छ फूड स्ट्रीट, कल्चरर फेस्ट आदि जैसे कार्यक्रमों का भी आयोजन किया जाएगा। सफाई मित्र सुरक्षा शिविर का आयोजन कर समस्त सफाई मित्रों की स्वास्थ्य जांच, सफाई उपकरण, सुरक्षा किट वितरण तथा विभिन्न सरकारी योजनाओं का लाभ भी प्रदान किया जाएगा।
समस्त वार्डों में श्रमदान कार्यक्रम
अपर निदेशक, स्वच्छ भारत मिशन नगरीय ऋतु सुहास ने बताया कि राष्ट्र को स्वच्छता का संदेश देने वाले राष्ट्रपिता महात्मा गांधी जी के 155वें जन्मदिवस पर श्रद्धांजलि देने के लिए ‘‘स्वच्छता ही सेवा कार्यक्रम 2024‘‘ के तहत समस्त नगरीय निकायों में ‘155 घंटे का नॉन-स्टॉप सफाई अभियान’ 26 सितम्बर को प्रातः 05 बजे से शुरू किया जा रहा है और इसका समापन 02 अक्टूबर को रात्रि 08 बजे होगा। इस दौरान प्रत्येक निकाय के समस्त वार्डों में श्रमदान कार्यक्रम का आयोजन किया जायेगा। सभी गंगा टाउन क्षेत्रों में पूर्ण स्वच्छता हेतु घाट के आस-पास के क्षेत्रों और इसकी परिधि की साफ – सफाई, अर्पण कलश की स्थापना, प्लास्टिक निषेध क्षेत्र बनाना, नागरिकों की सहभागिता एवं घाट सौंदर्यीकरण कराया जाएगा। समस्त स्टेक होल्डर्स, स्वयं सहायता समूह, विभागों, निकायों के अधिशासी अधिकारी व अन्य के साथ बैठक एवं कार्यशाला का आयोजन किया जाएगा। जिसका राज्य स्तर से निदेशालय एवं स्वच्छ भारत मिशन द्वारा समय-समय पर अनुश्रवण व पर्यवेक्षण किया जाएगा, साथ ही गूगल शीट के माध्यम से प्रत्यके दिन निकायों द्वारा समस्त गतिविधियों का डाटा भी अपडेट किया जाएगा।
विभिन्न जागरुकता कार्यक्रम का किया जा रहा आयोजन
अपर निदेशक ने कहा कि नागरिकों के वृहद रुप से स्वच्छता में भागीदारी हेतु विभिन्न जागरुकता कार्यक्रम, जैसे ‘एक पेड़ मां के नाम‘ के अन्तर्गत वृक्षारोपण अभियान, कचरे के पृथक्कीकरण हेतु विभिन्न शौक्षिक संस्थानों में जागरुकता अभियान, जीरो वेस्ट इवेंट, एनजीओ और एसएचजी मोबिलाइजेशन, मैराथाॅन, साइक्लेथॉन और प्लाॅगरन आदि जैसी गतिविधियां, पार्कों, पर्यटक स्थलों, सड़कों और फ्लाईओवरों की दीवार पेंटिंग और सौंदर्यीकरण आदि का कार्य किया जा रहा है। विभिन्न स्थानों में सास्कृतिक कार्यक्रमों जैसे कि नुक्कड नाटक, स्ट्रीट प्ले, रिसाइकिल फैशन शो आदि कराए जा रहे हैं। समस्त पार्कों में वेस्ट/रिसाइकिल वस्तुओं से पुनः निर्मित वस्तुओं द्वारा सौन्दर्यीकरण, जिस हेतु निकायों में बने वेस्ट-टू-वंडर पार्क को सुदृढ एवं बेहतर करने के साथ ही सार्वजनिक स्थलों पर भी वेस्ट-टू-आर्ट के माध्यम से विभिन्न वस्तुओं को लगाया जा रहा है। स्वच्छता की भागीदारी कार्यक्रमों में ब्रांड एम्बेसडर्स, स्वच्छ योद्धा, स्वच्छ चैपिंयन्स आदि नागरिकों का सहयोग लिया जा रहा है।
स्वच्छ स्कूल : स्वच्छता की भागीदारिता में स्कूल, काॅलेज, विश्वविद्यालयों (स्वच्छ सारथी क्लब) का महत्वपूर्ण योगदान है। बच्चे हमारी धरोहर व भविष्य है, जिनमें स्वच्छता की जागरुकता व स्वच्छता के प्रति विभिन्न कार्यों में योगदान अतुलनीय है, जिस हेतु इस वर्ष सभी निकायों में स्वच्छ सारथी क्लब के माध्यम से स्वच्छ स्कूल बनाये जा रहे है, जोकि प्लास्टिक मुक्त, स्वच्छ टाॅयलेट व स्वच्छ परिसर से युक्त होंगे तथा प्रत्येक निकाय में स्वच्छता के मानको को पूर्ण करते हुए सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करते वाले स्कूलों को “स्वच्छ स्कूल” की उपाधि से सम्मानित भी किया जाएगा।
स्वच्छ फूड स्ट्रीट : कार्यक्रम अंतर्गत समस्त निकायों में ऐसे स्थलों को चिन्हित किया जायेगा जहां रोड साइड लोगों के खान-पान संबंधी एवं गलियों में ठेले व दुकाने होती हैं, उन सभी स्थानों पर ट्विन डस्टबिन, प्लास्टिक मुक्त क्षेत्र व स्वच्छता हेतु जागरुकता अभियान चलाया जाएगा। साथ ही वृहद अभियान चलाकर निकाय में समस्त सार्वजनिक स्थान, सरकारी कार्यालय, सार्वजनिक एवं बाजार क्षेत्र, शिक्षण संस्थानों, पब्लिक ट्रांसपोर्ट- रेलवे , बस स्टेशन, अभयारण्य, चिड़ियाघर और संरक्षित क्षेत्र, ट्रैकिंग और कैंपिंग स्थल, गंगा टाउन-घाट, जल निकाय (नदियां, झीलें, तालाब, नाले आदि) पर्यटन स्थल, धार्मिक एवं आध्यात्मिक स्थान, सभी शौचालय – सी.टी./पी.टी. की सफाई, एस.बी.एम परिसंपत्तियों का उन्नयन आदि पर नागरिकों के सहयोग से वृहद साफ-सफाई पूर्ण करायी जाएगी।
स्वच्छ घर : कार्यक्रम अंतर्गत प्रत्येक वार्ड में स्वच्छ वातावरण प्रोत्साहन समिति का गठन किया गया है, जो वार्ड में विभिन्न घटक के आधार पर ‘ स्वच्छ घर‘ का चयन करेंगे। प्रत्येक वार्ड में सर्वश्रेष्ठ तीन घरों को प्रशस्ति पत्र से सम्मानित किया जाएगा एवं प्रत्येक वार्ड से दो उत्कृष्ट कार्य करने वाले सफाई कर्मियों को सम्मानित किया जाएगा।
स्वच्छ विरासत हैरिटेज एवं धार्मिक स्थलों की साफ-सफाई : कार्यक्रम अंतर्गत स्वयं सेवी संस्थान, युवाओं, कॉलेजों, कला क्लबों, सामुदायिक संगठनों के साथ जुड़ाव, विरासत स्थलों और आस-पास के क्षेत्रों और इसकी परिधि की सफाई, प्लास्टिक निषेध क्षेत्र की स्थापना, सौंदर्यीकरण एवं स्वच्छता से संबंधित वाल पेंटिंग, नागरिकों की सहभागिता व घाट सौंदर्यीकरण का कार्य पूर्ण किया जाएगा।
स्वच्छ बाजार : कार्यक्रम के अन्तर्गत समस्त निकायों में न्यूनतम 01 बाजार को चिन्हित करते हुए जागरुकता अभियान, सभी शौचालय -सीटी/पीटी की सफाई, विक्रेता संवेदीकरण, समस्त बाजारों में उच्चतम साफ सफाई, प्लास्टिक निषेध क्षेत्र की स्थापना, ट्विन बिन्स, प्रत्येक निकायों द्वारा स्ट्रीट वेंडिग जोन को चिन्हित् कर इनमें साफ-सफाई एवं मार्ग प्रकाश की व्यवस्था कराया जायेगा।
स्वच्छ घाट : कार्यक्रम के अन्तर्गत सभी गंगा टाउन क्षेत्रों में पूर्ण स्वच्छता हेतु घाट के आस-पास के क्षेत्रों और इसकी परिधि की साफ -सफाई, अर्पण कलश की स्थापना, प्लास्टिक निषेध क्षेत्र बनाना, नागरिकों की सहभागिता एवं घाट सौंदर्यीकरण कराया जाना।
स्वच्छ भारत दिवस पर किया जाएगा सम्मानित
उन्होंने बताया कि राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के 155वें जन्मदिवस पर समस्त सफाई कर्मियों को सम्मानित करने के साथ ही कार्यक्रम में सहयोग देने वाले ब्रांड एम्बेसडर्स, स्वच्छ योद्धा, स्वच्छ चैपिंयन्स, समस्त स्वच्छ वातावरण प्रोत्साहन समिति के सदस्यों को बैठक बुलाकर व नागरिकों को भी सम्मानित किया जाएगा। वही संपूर्ण स्वच्छता के मानकों को पूर्ण करने वाले 02 नगर निगम, 05 नगर पालिका और 10 नगर पंचायतों को भी राज्य स्तर पर सम्मानित किया जायेगा।
बता दें कि, प्रदेश के नगरों को स्वच्छ और सुन्दर बनाने, आम जनमानस को शुद्ध वातावरण व पेयजल की आपूर्ति सुनिश्चित करने हेतु प्रदेश के नगरीय निकायों में 17 सितम्बर से 02 अक्टूबर तक विशेष स्वच्छता अभियान चलाया जा रहा है। जिसके अंतर्गत प्रदेश में 136563 कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है। 59550 सम्पूर्ण स्वच्छता एवं लक्षित इकाइयों को चिन्हित किया गया, वहीं 38000 के लगभग इकाइयों को स्वच्छ व सुन्दर बनाया गया। अभियान में डेढ़ लाख से अधिक लोगों ने प्रतिभाग किया है। सफाई मित्रों के लिए 5413 “सफाईमित्र सुरक्षा शिविर” का आयोजन करने का लक्ष्य रखा गया है, जिसके अंतर्गत 2161 शिविरों का आयोजन कर स्वास्थ्य परीक्षण किया गया और सरकारी योजनाओं का लाभ दिया जा रहा है। प्रदेश में नियमित रूप से प्रातः 05 बजे से 08 बजे तक साफ-सफाई करायी जाती है। माइक्रो प्लान बनाकर प्रत्येक मोहल्लों, वार्डो की सड़कों व गलियों की सफाई के लिए सफाई कर्मियों की बीट बनाकर और नियमित ऑनलाइन व ऑफलाइन मॉनीटरिंग की जा रही है। मुख्य बाजारों, प्रमुख सार्वजनिक स्थलों बस स्टेशन, रेलवे स्टेशन, सांस्कृतिक एवं पर्यटन स्थलों, शिक्षण संस्थानों इत्यादि के आस-पास के क्षेत्रों में शाम 04 बजे से 08 बजे के बीच भी द्वितीय पाली में सफाई का कार्य एवं कूड़े का उठान किया जा रहा है। निकाय क्षेत्र में स्थित जलाशय, तालाब व नदी के तट की साफ-सफाई स्वयं के संसाधनों तथा जन सहयोग (वॉलंटियर /स्वैच्छिक संगठन / व्यापार मण्डल / उद्योग मण्डल) के माध्यम से कराया जा रहा है।
उत्तर प्रदेश
महाकुम्भ में अग्नि जनित घटनाओं के खिलाफ एडब्ल्यूटी बनेगा सुरक्षा कवच
महाकुम्भनगर। उत्तर प्रदेश में महाकुम्भ-2025 को लेकर तैयारियां जोर-शोर से जारी हैं। इसी क्रम में, उत्तर प्रदेश अग्निशमन व आपात सेवा विभाग एडवांस्ड फीचर्स युक्त 4 आर्टिकुलेटिंग वॉटर टावर (एडब्ल्यूटी) का भी मेला क्षेत्र को इस्तेमाल करेगी। इन आर्टिकुलेटिंग वॉटर टावर को मेला क्षेत्र में टेंट सिटी और बड़ी टेंट सेटअप के दृष्टिगत डिप्लॉय किया गया है। यह वीडियो तथा थर्मल इमेजिनिंग सिस्टम समेत कई आधुनिक फीचर्स से लैस हैं तथा इनके जरिए मेला क्षेत्र में अग्नि जनित घटनाओं की रोकथाम के साथ ही दमकलकर्मियों के जीवन रक्षण में भी मदद मिलेगी। यह जोखिम से भरे फायर ऑपरेशंस को अंजाम देने के साथ ही अग्निरक्षकों की सुरक्षा के लिए भी कवच के तौर पर कार्य कार करने में सक्षम होगा।
कई तरह की खूबियों से लैस है एडब्ल्यूटी
महाकुम्भ के नोडल/मुख्य अग्निशमन अधिकारी प्रमोद शर्मा ने बताया कि आर्टिकुलेटिंग वॉटर टावर (एडब्ल्यूटी) एक आधुनिक अग्निशमन वाहन है। मुख्यत: इसका प्रयोग बहुमंजिलीय एवं विशेष ऊँचाई के टेन्ट तथा भवन की आग बुझाने में किया जाता है। चार बूम से निर्मित ए.डब्ल्यू.टी 35मी की ऊंचाई तथा 30मी की क्षैतिज दूरी की पहुंच तक अग्निशमन कार्य को संचालित कर सकते हैं। यह कई प्रकार के आधुनिक फीचर्स से लैस है तथा वीडियो तथा थर्मल इमेजिंग कैमरे से युक्त होने के कारण इसकी उपयोगिता और बढ़ जाती है। यही कारण है कि यह न केवल रेस्क्यू ऑपरेशंस को अंजाम देकर जान-माल की रक्षा करने में सक्षम हैं बल्कि अग्निरक्षकों के जीवनरक्षण और उनकी सुरक्षा में कवच का कार्य भी करते हैं।
131.48 करोड़ के वाहन व उपकरणों को किया जा रहा डिप्लॉय
डिप्टी डायरेक्टर अमन शर्मा ने बताया कि महाकुम्भ को अग्नि दुर्घटना रहित क्षेत्र बनाने के लिए विभाग को 66.75 करोड़ का बजट आवंटित हुआ है, जबकि विभागीय बजट 64.73 करोड़ है। इस प्रकार, कुल 131.48 करोड़ रुपए की लागत से वाहन व उपकरणों को महाकुम्भ मेला में अग्नि जनित दुर्घटनाओं से सुरक्षा के लिए डिप्लॉय किया जा रहा है। इनको पूरी तरह से मेला क्षेत्र में डिप्लॉय करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। उल्लेखनीय है कि सीएम योगी के विजन अनुसार, इस बार महाकुम्भ में अलग-अलग प्रकार के 351 से अधिक अग्निशमन वाहन, 2000 से अधिक ट्रेन्ड मैनपावर, 50 से अधिक अग्निशमन केंद्र व 20 फायर पोस्ट बनाए जा रहे हैं। प्रत्येक अखाड़ों के टेंट्स को फायर फाइटिंग इक्विप्मेंट्स से भी लैस किया जा रहा है।
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