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प्रादेशिक

उत्तराखण्ड: पंद्रह साल बाद पंचायती राज्य एक्ट!

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उत्‍तराखण्‍ड में पंद्रह साल बाद पंचायती राज्य एक्ट, विधानसभा में एक्ट पारित, पंचायतें होंगी अधिक सशक्त

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उत्‍तराखण्‍ड में पंद्रह साल बाद पंचायती राज्य एक्ट, विधानसभा में एक्ट पारित, पंचायतें होंगी अधिक सशक्त

देहरादून। आखिरकार उत्तराखण्ड राज्य गठन के 15 साल बाद प्रदेश को अपना पंचायत राज एक्ट मिलने के आसार बढ़ गये हैं। विधानसभा में वीरवार को यह एक्ट पारित हो गया। इस एक्ट के पारित होने से  राज्य में पंचायतों को और अधिक सशक्त बनाया जा सकता है इसके अलावा पंचायतों को अधिक अधिकार भी मिल सकेंगे। विधानसभा में एक्ट के पारित होने से पंचायतों को नये कर लगाने में आसानी होगी। जानकारी के मुताबिक नये एक्ट के मुताबिक ग्राम पंचायतें भू राजस्व पर खेतबाड़ी करने वाले लोगों पर, ग्राम पंचायतों के तहत आने वाले समस्त क्रय-विक्रय पर कर लगा सकेगी।इसके अलावा स्वच्छता शुल्क, पेयजल और सिंचाई पर यदि पंचायतें उसे संचालित करती हैं तो कर लगा सकती है। हाट बाजार, मेलों, विवाह स्थल, मंडप, रिजार्ट, मनोरंजन स्थल, पंचायतों के अधीन आने वाली शराब की दुकानों व भवन निर्माण भी कर लगा सकती है। गौरतलब है कि अब तक राज्य का अपना पंचायती एक्ट नहीं था। इस कारण लंबे समय से सामाजिक व राजनीतिक संगठन इस एक्ट की मांग कर रहे हैं।

उत्तराखण्ड विधानसभा में एक्ट पारित, पंचायतें होंगी अधिक सशक्त

इसके अलावा संगठनों की मांग है कि प्रदेश में संविधान का 73वां संशोधन भी लागू किया जाए। इस संशोधन के तहत ग्राम पंचायतों को 29 विषय दिये गये हैं, जिनके माध्यम से पंचायतें स्वालम्बन को हासिल कर सकती हैं। उत्तरजन संगठन के सलाहकार व गढ़वाल मंडल के पूर्व कमिश्नर एसएस पांगती का कहना है कि यदि पंचायतों को 29 विषय जिनमें बिजली निर्माण, माध्यमिक शिक्षा व खनन का अधिकार भी है तो निश्चित तौर पर पंचायतें पूरी तरह से अधिकार संपन्न होंगी और गांवों से पलायन रुक जाएगा।

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जियो ने जोड़े सबसे अधिक ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’- ट्राई

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नई दिल्ली| भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के नवीनतम आंकड़ों के मुताबिक, रिलायंस जियो ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में सबसे आगे है। सितंबर महीने में जियो ने करीब 17 लाख ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़े। समान अवधि में भारती एयरटेल ने 13 लाख तो वोडाफोन आइडिया (वीआई) ने 31 लाख के करीब ग्राहक गंवा दिए। ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में जियो लगातार दूसरे महीने नंबर वन बना हुआ है। एयरटेल और वोडाआइडिया के ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ नंबर गिरने के कारण पूरे उद्योग में सक्रिय ग्राहकों की संख्या में गिरावट देखी गई, सितंबर माह में यह 15 लाख घटकर 106 करोड़ के करीब आ गई।

बताते चलें कि टेलीकॉम कंपनियों का परफॉर्मेंस उनके एक्टिव ग्राहकों की संख्या पर निर्भर करता है। क्योंकि एक्टिव ग्राहक ही कंपनियों के लिए राजस्व हासिल करने का सबसे महत्वपूर्ण जरिया है। हालांकि सितंबर माह में पूरी इंडस्ट्री को ही झटका लगा। जियो, एयरटेल और वीआई से करीब 1 करोड़ ग्राहक छिटक गए। मतलब 1 करोड़ के आसपास सिम बंद हो गए। ऐसा माना जा रहा है कि टैरिफ बढ़ने के बाद, उन ग्राहकों ने अपने नंबर बंद कर दिए, जिन्हें दो सिम की जरूरत नहीं थी।

बीएसएनएल की बाजार हिस्सेदारी में भी मामूली वृद्धि देखी गई। इस सरकारी कंपनी ने सितंबर में करीब 15 लाख वायरलेस डेटा ब्रॉडबैंड ग्राहक जोड़े, जो जुलाई और अगस्त के 56 लाख के औसत से काफी कम है। इसके अलावा, बीएसएनएल ने छह सर्किलों में ग्राहक खो दिए, जो हाल ही की वृद्धि के बाद मंदी के संकेत हैं।

ट्राई के आंकड़े बताते हैं कि वायरलाइन ब्रॉडबैंड यानी फाइबर व अन्य वायरलाइन से जुड़े ग्राहकों की कुल संख्या 4 करोड़ 36 लाख पार कर गई है। सितंबर माह के दौरान इसमें 7 लाख 90 हजार नए ग्राहकों का इजाफा हुआ। सबसे अधिक ग्राहक रिलायंस जियो ने जोड़े। जियो ने सितंबर में 6 लाख 34 हजार ग्राहकों को अपने नेटवर्क से जोड़ा तो वहीं एयरटेल मात्र 98 हजार ग्राहक ही जोड़ पाया। इसके बाद जियो और एयरटेल की बाजार हिस्सेदारी 32.5% और 19.4% हो गई। समान अवधि में बीएसएनएल ने 52 हजार वायरलाइन ब्राडबैंड ग्राहक खो दिए।

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