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उत्तराखंड

नैनीताल हाईकोर्ट में सत्ता की जंग जारी

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उत्‍तराखण्‍ड में राष्ट्रपति शासन, नैनीताल हाईकोर्ट, सत्ता की जंग जारी, वादी व प्रतिपक्ष के अधिवक्ताओं में तीखी बहस, बजट अध्याउत्‍तराखण्‍ड में राष्ट्रपति शासन, नैनीताल हाईकोर्ट, सत्ता की जंग जारी, वादी व प्रतिपक्ष के अधिवक्ताओं में तीखी बहस, बजट अध्यादेश के खिलाफ दायर याचिकादेश के खिलाफ दायर याचिका

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उत्‍तराखण्‍ड में राष्ट्रपति शासन, नैनीताल हाईकोर्ट, सत्ता की जंग जारी, वादी व प्रतिपक्ष के अधिवक्ताओं में तीखी बहस, बजट अध्याउत्‍तराखण्‍ड में राष्ट्रपति शासन, नैनीताल हाईकोर्ट, सत्ता की जंग जारी, वादी व प्रतिपक्ष के अधिवक्ताओं में तीखी बहस, बजट अध्यादेश के खिलाफ दायर याचिकादेश के खिलाफ दायर याचिका

वादी व प्रतिपक्ष के अधिवक्ताओं में तीखी बहस

देहरादून। नैनीताल हाईकोर्ट में राष्ट्रपति शासन और बजट अध्यादेश के खिलाफ दायर याचिकाओं पर मंगलवार को भी सुनवाई जारी रही। इस मामले में दिन भर पल-पल पासा पलटता रहा। बजट अध्यादेश और राष्ट्रपति शासन को लेकर की जा रही रही सुनवाई में दोनों पक्षों में जबरदस्त बहस चली। केंद्र सरकार का पक्ष रख रहे अटार्नी जनरल मुकुल रोहतगी ने कहा कि प्रदेश में कांग्रेस ने हाॅर्स ट्रेडिंग का खुला खेल खेलना चाहा। उन्होंने तर्क दिया कि भाजपा विधायक भीमलाल आर्य को निष्कासित नहीं किया गया जबकि एक अन्य विधायक राजेश शुक्ला को उनके पिता के नाम पर स्कूल का नाम रखने का लालच दिया गया है। इसी तरह से अन्य विधायकों की भी खरीद-फरोख्त करने का प्रयास किया जा रहा है। इस स्थिति में केंद्र की अनुशंसा के बाद प्रदेश में राष्ट्रपति शासन लगाया गया।

उत्तराखण्ड में राष्ट्रपति शासन

बहस के दौरान मुकुल रोहतगी ने कहा कि सदन में जब विनियोग विधेयक पर 35 सदस्य वोटिंग की मांग कर रहे थे तो स्पीकर ने इसको अनसुना कर दिया। सरकार तो उसी दिन गिर गई थी। इसके बाद सीएम रावत का स्टिंग सामने आया जो कि हाॅर्स ट्रेडिंग का पुख्ता सबूत था, ऐसे में धारा 356 लगाना शुरू हो गया।  राज्य सरकार की ओर से पैरवी अधिवक्ता हरीश साल्वे ने की। याचिकाकर्ता हरीश चंद रावत के अधिवक्ता ने इसका विरोध किया, इसके बावजूद अदालत ने साल्वे को सुनना चाहा। अधिवक्ता साल्वे ने कहा कि हाॅर्स ट्रेडिंग के पुख्ता सबूत होना चिन्ता की बात है और सदन में विनियोग बिल का गिरना भी चिन्ता की बात है।

उन्होंने कहा कि इस आधार पर राष्ट्रपति शासन लगाना लाजिमी है। इससे पूर्व  सुनवाई के दौरान मुकुल रोहतगी और मनु सिंघवी के बीच विनियोग विधेयक पर तीखी बहस हुई। बहस में मनु सिंघवी ने कहा कि विधानसभी में 18 मार्च को विनियोग विधेयक पास हो गया था। जिस पर मुकुल रोहतगी ने कहा कि अगर विधानसभा में विधेयक पास हो गया था तो रावत सरकार को फ्लोर टेस्ट के लिए आमंत्रित क्यों किया गया। अटॉर्नी जनरल मुकुल रोहतगी ने अपनी पैरवी में न्यायालय से कहा की जब 21 मार्च को सदन की कार्यवाही तय की गई थी तो 28 मार्च को फ्लोर टेस्ट रखने की क्या जरूरत थी जबकि 21 मार्च को ही फ्लोर टेस्ट रखा जा सकता था। उन्होंने कहा की राज्यपाल ने 28 मार्च को फ्लोर टेस्ट रखने को नहीं कहा था। उन्होंने वित्त विधेयक के दौरान ध्वनि मत को फ्लोर टेस्ट मानते हुए दूसरे फ्लोर टेस्ट की जरूरत को गैरजरूरी बताया। याचिकाकर्ता हरीश रावत की तरफ से मुख्य न्यायाधीश केएम जोसफ और न्यायमूर्ति वीके बिष्ट की खंडपीठ में पक्ष रखने के लिए अभिषेक मनु सिंघवी मौजूद है।

उत्तराखंड

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने राष्ट्रीय कौशल एवं रोजगार सम्मेलन का किया उद्घाटन

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देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मंगलवार को राष्ट्रीय कौशल एवं रोजगार सम्मेलन का उद्घाटन किया। नीति आयोग, सेतु आयोग और राज्य सरकार के संयुक्त प्रयासों से राजधानी देहरादून में दून विश्वविद्यालय में राष्ट्रीय कौशल एवं रोज़गार सम्मलेन का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का उद्घाटन करने के बाद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि इस तरह की कार्यशालाएं प्रदेश के युवाओं के बेहतर भविष्य के लिए बेहद महत्वपूर्ण साबित होंगी। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार युवाओं को बेहतर रोजगार मुहैया कराने की दिशा में सकारात्मक कदम उठा रही है।

कार्यक्रम में कौशल विकास मंत्री सौरभ बहुगुणा ने इसे सरकार की ओर से युवाओं के लिए महत्वपूर्ण कदम बताया। उन्होंने कहा कि कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य उत्तराखंड के तमाम बेरोजगार युवाओं को रोजगार देना है। मुख्यमंत्री ने कहा, “निश्चित तौर पर इस कार्यशाला में जिन विषयों पर भी मंथन होगा, उससे बहुत ही व्यावहारिक चीजें निकलकर सामने आएंगी, जो अन्य युवाओं के लिए समृद्धि के मार्ग प्रशस्त करेगी। हमें युवाओं को प्रशिक्षण देना है, जिससे उनके लिए रोजगार की संभावनाएं प्रबल हो सकें, ताकि उन्हें बेरोजगारी से निजात मिल सके।

उन्होंने कहा, “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2015 में स्किल डेवलपमेंट का विभाग खोला था, ताकि अधिक से अधिक युवाओं को रोजगार मिल सके। इसके अलावा, वो रोजगार खोजने वाले नहीं, बल्कि रोजगार देने वाले बनें। अगर प्रदेश के युवा रोजगार देने वाले बनेंगे, तो इससे बेरोजगारी पर गहरा अघात पहुंचेगा। ” उन्होंने कहा, “हम आगामी दिनों में अन्य रोजगारपरक प्रशिक्षण युवाओं को मुहैया कराएंगे, जो आगे चलकर उनके लिए सहायक साबित होंगे।

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