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खेल-कूद

कप्तानी कोहली को सौंपने का सही समय: शास्त्री

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नई दिल्ली। भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान और पूर्व निदेशक रवि शास्त्री का मानना है कि टीम के महेन्द्र सिंह धौनी के लिए सीमित ओवरों की टीमों की जिम्मेदारी टेस्ट टीम के कप्तान विराट कोहली को सौंपने का यह सही समय आ गया है। शास्त्री का मानना है कि कोहली हर प्रारूप में टीम की कमान संभालने को तैयार हैं। शास्त्री का कहना है कि आने वाले समय में भारत को एकदिवसीय से ज्यादा टेस्ट क्रिकेट खेलनी हैं और ऐसे में धौनी के लिए इस अंतराल को भरना मुश्किल होगा।

उन्होंने कहा कि अगर वह चयनकर्ता होते तो जरूर कोहली को सभी प्रारूप में टीम का कप्तान बनाने के बारे में सोच रहे होते। शास्त्री ने टीवी चैनल इंडिया टुडे को दिए साक्षात्कार में कहा, “मैं निश्चित ही कोहली को सभी प्रारूपों में टीम का कप्तान बनाने के बारे में सोचता। आपको देखना होगा की अगले तीन साल में टीम कहां होगी। अगले तीन साल तक कोई भी बड़ा टूर्नामेंट नहीं है। इसके बाद विश्व कप है। इसलिए यह कोहली को कप्तानी सौंपने का सही समय है।

उन्होंने कहा, “अगर आप अगले 18 महीने का कार्यक्रम देखें तो भारत को बहुत कम एकदिवसीय मैच खेलने हैं। इन दो सालों में काफी लंबा अंतराल है। इसलिए यह समय इस बारे में सोचने का है कि आप अगले तीन साल में क्या कर सकते हैं। अगर मैं मुख्य चयनकर्ता होता तो निश्चित ही इस बारे में सोच रहा होता। इसमें कोई सवाल ही नहीं है। शास्त्री ने कहा कि यह बेशक मुश्किल फैसला है, लेकिन टीम के हित में यह फैसला लेना पड़ेगा।

उन्होंने कहा, खेल को आगे बढ़ाना होगा उसके लिए कड़े फैसले लेने होंगे। यही जिंदगी है इसमें कुछ गलत नहीं है। यह भारतीय क्रिकेट के भले के लिए है। अगर आप भविष्य के बारे में सोचते हैं और आप को लगता है कि धौनी अभी भी सर्वश्रेष्ठ कप्तान हैं तो उन्हें कप्तान बनाए रखिए। लेकिन समस्या टेस्ट और एकदिवसीय के बीच अंतराल की है। आपको सोचना होगा की आपके पास धौनी का विकल्प है, मुझे लगता है कि हां है।”

शास्त्री ने भारतीय टीम के साथ अगस्त 2014 से 2016 में खेले गए टी-20 विश्व कप तक बतौर निदेशक काम किया है। धौनी ने दिसंबर 2014 तक हर प्रारूप में टीम की कमान संभाली थी। उन्होंने 2014 में आस्ट्रेलिया में खेली जा रही टेस्ट श्रृंखला के दौरान इस्तीफा दे दिया था। जिसके बाद कोहली को टेस्ट टीम की कमान सौंपी गई थी। शास्त्री ने कहा कि अगर धौनी को कप्तान की जिम्मेदारी से मुक्त कर दिया जाता है तो वह एक खिलाड़ी के तौर पर अभी भी टीम में अहम भूमिका निभा सकते हैं।

उन्होंने कहा, “आप कोहली को कप्तान बनाते हैं तो धौनी से कुछ नहीं ले रहे हैं। वह एक खिलाड़ी के तौर पर अभी भी टीम में अहम योगदान दे सकते हैं। अब समय आ गया है कि उन्हें खेल का आनंद लेने दिया जाए। शास्त्री ने कहा, “अंत में यह बात मायने रखती है कि धौनी कितने जुनूनी हैं। उनमें अभी भी भारत के लिए खेलने की ललक है या नहीं। इसके साथ ही समय आ गया है कि आपने जिस खिलाड़ी को इतने दिनों से तैयार किया उसे परखा जाए। कोहली तैयार हैं।

खेल-कूद

विराट कोहली ने की है 12वीं तक पढ़ाई, इस सब्जेक्ट का नाम सुनकर ही आ जाता था पसीना

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नई दिल्ली। भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान विराट कोहली आज अपना 36वां जन्मदिन मना रहे हैं। अपने 16 साल के करियर में विराट इतने आगे निकल गए हैं कि उनके रिकार्ड्स को तोड़ना लगभग नामुमकिन सा लगता है। आज विराट के जन्मदिन के मौके पर हम आपको ऐसी बात बताने जा रहे हैं जो आपने शायद पहले कभी नहीं सुनी होगी। आज हम आपको बताएंगे कि मैदान पर अपनी बल्लेबाजी से गेंदबाजों को डराने वाले विराट किससे डरा करते थे।

आपको जानकर हैरानी होगी कि मैदान पर रिकॉर्ड्स के अंबार लगाने वाले विराट कोहली ने केवल 12वीं तक की ही पढ़ाई की है। क्रिकेट के प्रति दीवानगी के चलते उन्होंने अपनी पढ़ाई बीच में ही छोड़ दी। विराट ने दिल्ली की ‘विशाल भारती पब्लिक स्कूल’ से पढ़ाई की है। स्कूल की वेबसाइट में भी एल्युमनाई में कोहली का जिक्र है और उनकी तस्वीरें भी लगा रखी है।

दिल्ली के जानेमाने स्कूल में से एक इस स्कूल को कई अवार्ड मिल चुके हैं। विराट का फेवरेट सब्जेक्ट हिस्ट्री था। विराट हमेशा से ही अतीत की बातें सीखने के लिए उत्सुक रहते थे। मैथ्स एक ऐसा सब्जेक्ट था जिसके बारे में सुनकर विराट के पसीने छूट जाते थे। कहा जाता है कि एक बार विराट को मैथ्स में 100 में केवल 3 ही मार्क्स मिले थे।

विराट कोहली की ही कप्तानी में भारतीय टीम ने 2008 का अंडर-19 वर्ल्ड कप जीती थी। यह टूर्नामेंट मलेशिया में खेला गया था। इस शानदार प्रदर्शन के दम पर कोहली ने टीम इंडिया के लिए अपना पहला इंटरनेशनल मैच 18 अगस्त 2008 को श्रीलंका के खिलाफ खेला था।

 

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