उत्तराखंड
केदारनाथ पहुंचे यात्रियों का आंकड़ा एक लाख के पार
पिछले वर्ष पूरे यात्रा सीजन में पहुंचे थे इतनी संख्या में यात्री
रुद्रप्रयाग। इस बार केदारनाथ यात्रा पर उम्मीद से ज्यादा यात्री पहुंच रहे हैं। मात्र 25 दिनों में एक लाख सत्तर हजार का आंकड़ा पार हो चुका है, जबकि अभी भी यात्रा को पांच माह का समय शेष है। ऐसे में माना जा रहा है कि इस पूरे सीजन में यह आंकड़ा पांच लाख तक पहुंच जाएगा। वहीं पिछले वर्ष पूरे सीजन में डेढ़ लाख यात्री ही केदारनाथ पहुंचे थे, लेकिन इस बार यात्रियों की संख्या बढ़ने से होटल, लॉज, ढाबा व्यवसायियों के चेहरों पर रौनक लौट आई है।
श्रद्धालुओं में बाबा की यात्रा को लेकर उत्साह
वर्ष 2013 की आपदा को शायद ही कोई भुला पाएगा। उस आपदा ने सबकुछ तबाह करके रख दिया था। इतनी बड़ी दैवीय आपदा किसी ने सपने में भी नहीं सोची थी। जो तूफान आया, वह लोगों की आंखों में आज भी खौफ पैदा कर देता है। इस आपदा में किसी ने अपनों को खोया तो किसी ने अपना भविष्य। केदारनाथ की आपदा ने लोगों के जेहन में डर पैदा कर दिया था और सबके मन में एक ही सवाल बन गया कि अब केदारपुरी पता नहीं फिर से कब तैयार हो पाये। लेकिन इन सभी कयासों को सरकार, शासन व प्रशासन ने दरकिनार करते हुए नई केदारपुरी का निर्माण किया और इसमें इनका साथ दिया नेहरू पर्वतारोहण संस्थान (निम) की टीम ने। निम के प्रधानाचार्य कर्नल अजय कोठियाल के नेतृत्व में केदारपुरी को फिर से बसाने की कवायद शुरू की गई और दो सालों में निम ने केदारपुरी की तस्वीर बदल दी। निम के अथक प्रयासों से ही केदारपुरी फिर से जिंदा हुई है।
व्यापारियों के चेहरों पर लौटी रौनक
पिछले वर्ष जहां पूरे यात्रा सीजन में एक लाख 54 हजार तीर्थ यात्री केदारनाथ पहुंचे, वहीं इस बार यह आंकड़ा मात्र पच्चीस दिनों में पूरा हो गया और अभी पांच माह का यात्रा सीजन बचा हुआ है। ऐसे में अनुमान लगाया जा रहा है कि इस बार यात्रियों की संख्या पांच लाख के करीब पहुंच सकती है। इस बार हर दिन आठ से दस हजार तीर्थयात्री केदारनाथ पहुंच रहे हैं और अब तक एक लाख सत्तर हजार यात्री बाबा के दरबार में मत्था टेक चुके हैं। श्रद्धालुओं ने बताया कि आपदा के बाद भी उनकी आस्था में कोई कमी नहीं आई है। बाबा के दरबार पर आकर शांति महसूस हो रही है। आपदा के दौरान जिस तरह से केदारनाथ की स्थिति देखने को मिली, उससे बहुत दुख हुआ और मन में यही था कि अब बाबा का धाम कब तक संवर पायेगा। मगर दो-तीन सालों में ही केदारपुरी फिर से अपने पुराने स्वरूप में आ चुकी है। नेहरू पर्वतारोहण संस्थान की टीम ने अच्छा काम किया है।
वहीं इस बार यात्रियों की आमद बढ़ने से होटल, ढाबा व लॉज संचालकों में भी खुशी देखी जा रही है। आपदा से पूर्व जिस तरह की चहलकदमी यात्रा पड़ावों पर देखी जाती थी, वह स्थिति फिर से बन गई है। सुबह से देर सांय तक यात्रियां की चहल कदमी पड़ावों पर देखी जा सकती है। ऐसे में व्यापारियों के चेहरे खिले हुए हैं। इधर, प्रशासन की ओर से भी यात्रा को लेकर संजीदगी देखने को मिल रही है। यात्रा में बढ़ रही संख्या से प्रशासन में भी खुशी बनी है। प्रशासन और पुलिस की टीम भी यात्रियों की सेवा में जुटी हुई है। मौसम खराब होने के साथ ही यात्रियों को धाम में जरा सी परेशानी होने पर सहायता प्रदान की जा रही है, जिससे यात्रियों में उत्साह देखा जा रहा है।
उत्तराखंड
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने राष्ट्रीय कौशल एवं रोजगार सम्मेलन का किया उद्घाटन
देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मंगलवार को राष्ट्रीय कौशल एवं रोजगार सम्मेलन का उद्घाटन किया। नीति आयोग, सेतु आयोग और राज्य सरकार के संयुक्त प्रयासों से राजधानी देहरादून में दून विश्वविद्यालय में राष्ट्रीय कौशल एवं रोज़गार सम्मलेन का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का उद्घाटन करने के बाद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि इस तरह की कार्यशालाएं प्रदेश के युवाओं के बेहतर भविष्य के लिए बेहद महत्वपूर्ण साबित होंगी। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार युवाओं को बेहतर रोजगार मुहैया कराने की दिशा में सकारात्मक कदम उठा रही है।
कार्यक्रम में कौशल विकास मंत्री सौरभ बहुगुणा ने इसे सरकार की ओर से युवाओं के लिए महत्वपूर्ण कदम बताया। उन्होंने कहा कि कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य उत्तराखंड के तमाम बेरोजगार युवाओं को रोजगार देना है। मुख्यमंत्री ने कहा, “निश्चित तौर पर इस कार्यशाला में जिन विषयों पर भी मंथन होगा, उससे बहुत ही व्यावहारिक चीजें निकलकर सामने आएंगी, जो अन्य युवाओं के लिए समृद्धि के मार्ग प्रशस्त करेगी। हमें युवाओं को प्रशिक्षण देना है, जिससे उनके लिए रोजगार की संभावनाएं प्रबल हो सकें, ताकि उन्हें बेरोजगारी से निजात मिल सके।
उन्होंने कहा, “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2015 में स्किल डेवलपमेंट का विभाग खोला था, ताकि अधिक से अधिक युवाओं को रोजगार मिल सके। इसके अलावा, वो रोजगार खोजने वाले नहीं, बल्कि रोजगार देने वाले बनें। अगर प्रदेश के युवा रोजगार देने वाले बनेंगे, तो इससे बेरोजगारी पर गहरा अघात पहुंचेगा। ” उन्होंने कहा, “हम आगामी दिनों में अन्य रोजगारपरक प्रशिक्षण युवाओं को मुहैया कराएंगे, जो आगे चलकर उनके लिए सहायक साबित होंगे।
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