आध्यात्म
कर्म का फल ही मायिक है
आत्मज्ञान प्राप्त करने के हेतु 8 अन्तरंग साधन सहस्त्रों जन्म करने पड़ते हैं। यथा 1 विवेक, 2 वैश्राग्य, 3 शमादिषट् संपत्ति, 4 मुमुक्षत्व, 5 महावाक्य श्रवण, 6 मनन, 7 निदिध्यासन, 8 समाधि। यदि वह ज्ञानी ज्ञान प्राप्त भी कर लेता है तो वह आत्मज्ञान ही है। इससे माया नहीं जाती। गुणात्मिका माया बनी रहती है। समाधि को यों समझिये जैसे किसी को मधुमक्खी काट रही हों, और वह जल में डूब जाय, तो बच जायगा। किंतु जल से बाहर (समाधि से बाहर) आते ही पुनः मधुमक्खी रूपी माया दबोच लेती है। जड़भरत आदि उदाहरण हैं।
राधे राधे राधे राधे राधे राधे
कर्म, योग अरु ज्ञान सब, साधन यदपि बखान।
पै बिनु भक्ति सबै जनु, मृतक देह बिनु प्रान।।8।।
भावार्थ- यद्यपि शास्त्रों में कर्म, योग, ज्ञान तीनों का निरूपण है किन्तु भक्ति के बिना ये सब समस्त साधन प्राणहीन मृतक के समान हैं।
व्याख्या- कर्म यदि श्रुति स्मृति के विधान के अनुसार हो, तभी वह कर्म कहलाता है। किंतु उसका फल स्वर्ग है। वेदादि समस्त धर्मग्रंथों में मायिक स्वर्ग की निन्दा की गयी है-
यथा-
अविद्यायामंतरे वर्तमानाः स्वयंधीराः पण्डितं मन्यमानाः।
जङ्घन्यमानाः परियन्ति मूढा अन्धेनैव नीयमाना यथान्धाः।।
(मुण्डको. 1-2-8)
इष्टापूर्तं मन्यमाना वरिष्ठं नान्यच्छेट्र यो वेदयन्ते प्रमूढाः।
नाकस्य पृष्ठे ते सुकृतेऽनुभूत्वेमं लोकं हीनतरं वा विशन्ति।।
(मुण्डको. 1-2-10)
प्लावा ह्येते अदृढा यज्ञरूपा अष्टादशोक्तमवरं येषु कर्म।
एतच् छेट्रयो येऽभिनन्दन्ति मूढा जरामृत्युं ते पुनरेवापि यन्ति।।
(मुण्डको. 1-2-7)
ते तं भुक्त्वा स्वर्गलोकं विशालं क्षीणे पुण्ये मर्त्यलोकं विशन्ति।
(गीता 9-21)
दुःखोदर्कास्तमोनिष्ठाः क्षुद्रानन्दाः शुचार्पिताः।।
(भाग. 11-14-11)
स्वर्गहु स्वल्प अंत दुखदायी (रामायण)
अतः जब कर्म का फल ही मायिक है, तो उसकी चर्चा क्या? फिर जो जो विधान कर्म में अपेक्षित हैं, वे इस कलियुग में अप्राप्य से हैं। यथा-
देशे काले उपायेन द्रव्यं श्रद्धासमन्वितम्।
पात्रे प्रदीयते यत्तत्सकलंधर्म लक्षणम्।।
इन छः साधनों से कर्म होता है। वे सब असंभव हैं। वेद में एक कथा है। एक यज्ञ में एक मंत्र रखा गया है। जिसका अर्थ था कि इन्द्र का शत्रु विजय प्राप्त करे। मंत्र था- ‘इंद्रशत्रुर्विवर्धस्व’।
उत्तर प्रदेश
जगतगुरु कृपालु जी महाराज की तीनों बेटियों का एक्सीडेंट, बड़ी बेटी डॉ. विशाखा त्रिपाठी की मौत
नोएडा। उत्तर प्रदेश के नोएडा में यमुना एक्सप्रेसवे पर रविवार सुबह करीब 5 बजे भीषण हादसा हो गया। इस हादसे में जगतगुरु कृपालु जी महाराज की बड़ी बेटी डॉ. विशाखा त्रिपाठी की मौत हो गई। इसके अलावा उनकी दो बेटियां गंभीर रूप से घायल हैं। घायल दोनों बेटियों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है जहां उनका इलाज चल रहा है। हादसे के बाद जगतगुरु कृपालु परिषत की ओर से शोक संदेश भी जारी किया गया है। संदेश जारी करने के बाद भक्तों द्वारा इस घटना को लेकर दुख व्यक्त किया जा रहा है।
दिल्ली जाते समय हुआ हादसा बताया जा रहा है कि मथुरा से जगतगुरु कृपालु जी महाराज की तीनों बेटियां डॉ. विशाखा त्रिपाठी, डॉ. कृष्णा त्रिपाठी और डॉ. श्यामा त्रिपाठी कार से दिल्ली एयरपोर्ट जाने के लिए निकलीं थीं। उनके साथ आश्रम से जुड़े अन्य लोग भी मौजूद थे। दिल्ली एयरपोर्ट से उनको फ्लाइट पड़कर सिंगापुर जाना था। कार यमुना एक्सप्रेसवे पर दनकौर कोतवाली क्षेत्र में पहुंची थी। इसी दौरान तेज रफ्तार की एक डीसीएम ने आगे चल रही दोनों कारों में टक्कर मार दिया। टक्कर लगने के बाद कार क्षतिग्रस्त हो गईं।
हादसे में बड़ी बेटी का निधन
हादसे में कृपालु जी की बड़ी बेटी 65 साल की डॉ. विशाखा त्रिपाठी का निधन हुआ है. हादसा दो छोटी बेटियों, डॉ. श्यामा त्रिपाठी व डॉ. कृष्णा त्रिपाठी की हालत गंभीर बताई जाती जा रही है. सभी घायलों को पास के अस्पताल में भर्ती करवाया गया है. सिंगापुर जाने के लिए तीनों बहनें फ्लाइट पकड़ने एयरपोर्ट के लिए जा रही थीं.
-
मनोरंजन3 days ago
क्या श्वेता तिवारी ने कर ली है तीसरी शादी, जानें इस खबर की सच्चाई
-
नेशनल3 days ago
धीरेन्द्र शास्त्री की एकता यात्रा आज से शुरू, सीएम मोहन यादव और भोजपुरी सिंगर खेसारी लाल यादव ने भेजी शुभकामनाएं
-
नेशनल3 days ago
पीएम मोदी पर लिखी किताब के प्रचार के लिए स्मृति ईरानी चार देशों की यात्रा पर
-
ऑफ़बीट3 days ago
IND VS AUS: ताश के पत्तों की तरह बिखरा भारत का बैटिंग आर्डर, पूरी टीम 150 रनों पर ढेर
-
ऑफ़बीट2 days ago
बिहार का ‘उसैन बोल्ट’, 100 किलोमीटर तक लगातार दौड़ने वाला यह लड़का कौन
-
खेल-कूद3 days ago
IND VS AUS: पर्थ में भारतीय गेंदबाजों का कहर, बैकफुट पर ऑस्ट्रेलिया, 67 रनों पर गंवाए 7 विकेट
-
नेशनल2 days ago
आज शाम दिल्ली स्थित बीजेपी मुख्यालय जाएंगे पीएम मोदी, कार्यकर्ताओं को करेंगे संबोधित
-
छत्तीसगढ़3 days ago
सीएम विष्णुदेव साय ने देखी ‘द साबरमती रिपोर्ट’, पत्नी भी थीं साथ