उत्तराखंड
उत्तराखंड में बिजली कर्मचारियों की छुट्टी पर रोक
देहरादून। उत्तराखण्ड पावर कारपोरेशन ने फील्ड में तैनात सभी अधिकारियों और कर्मचारियों की छुट्टी पर रोक लगा दी है। यूपीसीएल के निदेशक एचआर एवं प्रवक्ता पी सी ध्यानी का कहना है कि आंधी से पूरे राज्य में बिजली आपूर्ति बुरी तरह बाधित हुई थी जिसके मददेनजर प्रबंध निदेशक ने पावर सप्लाई सुचारू होने तक फील्ड कर्मचारियों की लीव पर रोक लगाई है ताकि यूपीसीएल जल्द से जल्द बिजली आपूर्ति सुचारू करने में कामयाब हो सके।
उनका कहना है इलाके में बिजली व्यवस्था चरमराने से आम लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। गौरतलब है कि हर साल जनता को ऐसी मुसीबतों का सामना करना पड़ता है। ये तो मौसम की शुरुआत भर है अभी तो सारा सीजन पड़ा है। एक तरह से देखा जाए तो मॉनसून ने दस्तक भी नहीं दी है। रविवार शाम करीब चार बजे बारिश के साथ आए तूफान से 60 पोल और दर्जनों लाइनें टूट गई थी। जिसकी वजह से विद्युत की आपूर्ति सुचारू नहीं हो पा रही थी। साथ ही सात ट्रांसफार्मर क्षतिग्रस्त हुए थे। रविवार रात से सोमवार सुबह तक आधे शहर के साथ ग्रामीण क्षेत्रों में भी बिजली गुल रही। कुछ इलाकों में सोमवार शाम तक बिजली आपूर्ति सुचारु हो सकी। बाकी जगहों पर काम चल रहा है बिजली के साथ-साथ लोगों को पानी की परेशानी भी झेलनी पड़ रही है।
उत्तराखंड
शीतकाल की शुरू होते ही केदारनाथ धाम के कपाट बंद
उत्तराखंड। केदारनाथ धाम में भाई दूज के अवसर पर श्रद्धालुओं के लिए शीतकाल का आगमन हो चुका है। बाबा केदार के कपाट रविवार सुबह 8.30 बजे विधि-विधान के साथ बंद कर दिए गए। इसके साथ ही इस साल चार धाम यात्रा ठहर जाएगी। ठंड के इस मौसम में श्रद्धालु अब अगले वर्ष की प्रतीक्षा करेंगे, जब कपाट फिर से खोलेंगे। मंदिर के पट बंद होने के बाद बाबा की डोली शीतकालीन गद्दीस्थल की ओर रवाना हो गई है।इसके तहत बाबा केदार के ज्योतिर्लिंग को समाधिरूप देकर शीतकाल के लिए कपाट बंद किए गए। कपाट बंद होते ही बाबा केदार की चल उत्सव विग्रह डोली ने अपने शीतकालीन गद्दीस्थल, ओंकारेश्वर मंदिर, उखीमठ के लिए प्रस्थान किया।
बता दें कि हर साल शीतकाल की शुरू होते ही केदारनाथ धाम के कपाट बंद कर दिया जाते हैं. इसके बाद बाबा केदारनाथ की डोली शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ के लिए रवाना होती है. अगले 6 महीने तक बाबा केदार की पूजा-अर्चना शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ में ही होती है.
उत्तरकाशी ज़िले में स्थिति उत्तराखंड के चार धामों में से एक गंगोत्री में मां गंगा की पूजा होती है। यहीं से आगे गोमुख है, जहां से गंगा का उदगम है। सबसे पहले गंगोत्री के कपाट बंद हुए हैं। अब आज केदारनाथ के साथ-साथ यमुनोत्री के कपाट बंद होंगे। उसके बाद आखिर में बदरीनाथ धाम के कपाट बंद किए जाएंगे।
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