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प्रादेशिक

उप्र में राज्यसभा की 11 सीटों के लिए मतदान

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उप्र में राज्यसभा की 11 सीटों के लिए मतदान

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उप्र में राज्यसभा की 11 सीटों के लिए मतदान

लखनऊ| उत्तर प्रदेश में राज्यसभा की 11 सीटों के लिए शनिवार सुबह मतदान शुरू हो गया। विधान परिषद (एमएलसी) चुनाव में बड़े पैमाने पर हुई क्रॉस वोटिंग की आशंका से सभी राजनीतिक दलों की नींद उड़ी हुई है। एमएलसी चुनाव की ही तर्ज पर राज्यसभा के लिए भाजपा समर्थित प्रीति महापात्रा को हराने के लिहाज से गैर भाजपाई दल देर रात तक अपनी-अपनी रणनीति बनाने में जुटे रहे।

दूसरी ओर, विधान परिषद में भाजपा के दूसरे प्रत्याशी दया शंकर सिंह की हार के बाद प्रीति के वोट प्रबंधक परेशान नजर आ रहे हैं। उधर, बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के देर रात तक पत्ते न खोलने की वजह से कांग्रेस के चुनाव रणनीतिकार भी उलझन में दिखाई दिए।

गौरतलब है कि राज्यसभा की 11 सीटों के लिए 12 प्रत्याशी मैदान में हैं। राज्यसभा चुनाव के एक दिन पहले हुए एमएलसी चुनाव में जमकर क्रॉस वोटिंग हुई। क्रॉस वोटिंग में गैर भाजपा दलों की रणनीति कामयाब रही और सारे जतन करने के बावजूद भाजपा अपने दूसरे प्रत्याशी दयाशंकर सिंह को नहीं जिता सकी। ऐसी ही रणनीति राज्यसभा के चुनाव में भी नजर आने के आसार हैं। लिहाजा, सभी दल अपने-अपने राज्यसभा प्रत्याशियों को चुनाव जिताने की रणनीति में जुट गए हैं। शीर्ष नेताओं ने विधायकों के साथ डिनर पर रणनीति बनाई।

राष्ट्रीय लोकदल (रालोद) ने भाजपा को हराने और सपा व कांग्रेस प्रत्याशी की जीत के लिए व्हिप जारी कर दिया है। रालोद के पास आठ वोट हैं। उसने इसमें से सात वोट सपा प्रत्याशियों को, जबकि एक वोट कांग्रेस के कपिल सिब्बल को देने का फैसला किया है।

बसपा ने राज्यसभा चुनाव के लिए दो प्रत्याशियों, सतीश चंद्र मिश्र और अशोक सिद्घार्थ को उतारा है जबकि भाजपा ने पूर्व कैबिनेट मंत्री शिव प्रताप शुक्ल को राज्यसभा का उम्मीदवार बनाया है। सपा ने पूर्व केंद्रीय मंत्री बेनी प्रसाद वर्मा, समाजवादी पार्टी के पूर्व नेता अमर सिंह, इलाहाबाद के दिग्गज नेता कुंवर रेवती रमण सिंह सहित सात लोगों को चुनावी मैदान में उतारा है।

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जियो ने जोड़े सबसे अधिक ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’- ट्राई

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नई दिल्ली| भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के नवीनतम आंकड़ों के मुताबिक, रिलायंस जियो ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में सबसे आगे है। सितंबर महीने में जियो ने करीब 17 लाख ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़े। समान अवधि में भारती एयरटेल ने 13 लाख तो वोडाफोन आइडिया (वीआई) ने 31 लाख के करीब ग्राहक गंवा दिए। ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में जियो लगातार दूसरे महीने नंबर वन बना हुआ है। एयरटेल और वोडाआइडिया के ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ नंबर गिरने के कारण पूरे उद्योग में सक्रिय ग्राहकों की संख्या में गिरावट देखी गई, सितंबर माह में यह 15 लाख घटकर 106 करोड़ के करीब आ गई।

बताते चलें कि टेलीकॉम कंपनियों का परफॉर्मेंस उनके एक्टिव ग्राहकों की संख्या पर निर्भर करता है। क्योंकि एक्टिव ग्राहक ही कंपनियों के लिए राजस्व हासिल करने का सबसे महत्वपूर्ण जरिया है। हालांकि सितंबर माह में पूरी इंडस्ट्री को ही झटका लगा। जियो, एयरटेल और वीआई से करीब 1 करोड़ ग्राहक छिटक गए। मतलब 1 करोड़ के आसपास सिम बंद हो गए। ऐसा माना जा रहा है कि टैरिफ बढ़ने के बाद, उन ग्राहकों ने अपने नंबर बंद कर दिए, जिन्हें दो सिम की जरूरत नहीं थी।

बीएसएनएल की बाजार हिस्सेदारी में भी मामूली वृद्धि देखी गई। इस सरकारी कंपनी ने सितंबर में करीब 15 लाख वायरलेस डेटा ब्रॉडबैंड ग्राहक जोड़े, जो जुलाई और अगस्त के 56 लाख के औसत से काफी कम है। इसके अलावा, बीएसएनएल ने छह सर्किलों में ग्राहक खो दिए, जो हाल ही की वृद्धि के बाद मंदी के संकेत हैं।

ट्राई के आंकड़े बताते हैं कि वायरलाइन ब्रॉडबैंड यानी फाइबर व अन्य वायरलाइन से जुड़े ग्राहकों की कुल संख्या 4 करोड़ 36 लाख पार कर गई है। सितंबर माह के दौरान इसमें 7 लाख 90 हजार नए ग्राहकों का इजाफा हुआ। सबसे अधिक ग्राहक रिलायंस जियो ने जोड़े। जियो ने सितंबर में 6 लाख 34 हजार ग्राहकों को अपने नेटवर्क से जोड़ा तो वहीं एयरटेल मात्र 98 हजार ग्राहक ही जोड़ पाया। इसके बाद जियो और एयरटेल की बाजार हिस्सेदारी 32.5% और 19.4% हो गई। समान अवधि में बीएसएनएल ने 52 हजार वायरलाइन ब्राडबैंड ग्राहक खो दिए।

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