प्रादेशिक
दलित छात्रा रैगिंग : कर्नाटक पुलिस ने 3 लोगों को गिरफ्तार किया
कोझिकोड/बेंगलुरू| कर्नाटक पुलिस ने नर्सिग की तीन छात्राओं को अपनी जूनियर अस्वथी के. पी. के साथ रैगिंग और उसे कीटनाशक पीने को मजबूर करने के आरोप में गिरफ्तार किया। इस घटना के बाद पीड़िता गंभीर रूप से बीमार हो गई। उसकी हालत अब भी नाजुक है। लक्ष्मी, अथिरा और कृष्णप्रिया को शुक्रवार शाम गिरफ्तार किया। कर्नाटक के गुलबर्गा के जिला मजिस्ट्रेट ने उन्हें 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया।
पीड़िता के साथ-साथ आरोपी छात्राएं भी केरल की रहने वाली हैं, जो कर्नाटक के गुलबर्गा स्थित अल कमर कॉलेज ऑफ नर्सिग की छात्रा हैं।
इस मामले में कर्नाटक पुलिस एक अन्य आरोपी शिल्पा जोसे को तलाश रही है, जो फरार है। अस्वथी एक 19 वर्षीया दलित लड़की है, जिसे नौ मई को उसकी सीनियरों द्वारा होस्टल के कमरे में बाथरूम साफ करने में प्रयुक्त होने वाला कीटनाशक पीने के लिए मजबूर किया। इसके कारण उसके आंतरिक अंगों पर गंभीर जख्म पड़ा।
पीड़िता की हालत गंभीर बताई जा रही है और उसका इलाज केरल के कोझिकोड जिले के एक अस्पताल में चल रहा है। उसे यहां दो जून को भर्ती किया गया था। इस मामले में कोझिकोड में 22 जून को एक प्राथमिकी (एफआईआर) भी दर्ज की गई। इसके बाद जिला पुलिस ने इस एफआईआर पर कार्रवाई के लिए कर्नाटक पुलिस की मदद की मांगी।
कर्नाटक पुलिस अधिकारियों की नौ सदस्यीय टीम अभी पीड़िता का बयान लेने के लिए कोझिकोड में है। उन्होंने इस मामले में फरार आरोपी शिल्पा को पकड़ने के लिए केरल पुलिस की भी मदद मांगी है। ऐसा माना जा रहा है कि चौथी आरोपी केरल में ही है। अस्वाथी की मां ने कहा, “जिस प्रकार मुझे पीड़ा हो रही है, उस पीड़ा से कोई भी मां नहीं गुजरी होगी।”
केरल विधानसभा में विपक्ष के नेता रामेश चेन्निथाला शनिवार को पीड़िता का हालचाल पूछने अस्पताल पहुंचे और उन्होंने उसके इलाज के संदर्भ में चिकित्सकों से भी बात की। चेन्निथाला ने संवाददाताओं को बताया, “मैंने केरल और कर्नाटक के मुख्यमंत्रियों से बात की है और इस मामले की जांच में तेजी लाने और आरोपियों को गिरफ्तार करने की मांग की।”
उत्तर प्रदेश
योगी सरकार टीबी रोगियों के करीबियों की हर तीन माह में कराएगी जांच
लखनऊ | योगी सरकार ने टीबी रोगियों के संपर्क में रहने वाले व्यक्तियों एवं पूर्व टीबी रोगियों की स्क्रीनिंग कराने का निर्णय लिया है। यह स्क्रीनिंग हर तीन महीने पर होगी। वहीं साल के खत्म होने में 42 दिन शेष हैं, ऐसे में वर्ष के अंत तक हर जिलों को प्रिजेंम्टिव टीबी परीक्षण दर के कम से कम तीन हजार के लक्ष्य को हासिल करने के निर्देश दिये हैं। इसको लेकर सीएम योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर प्रमुख सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य ने सभी जिला क्षय रोग अधिकारियों (डीटीओ) को पत्र जारी किया है।
लक्ष्य को पूरा करने के लिए रणनीति को किया जा रहा और अधिक सुदृढ़
प्रमुख सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य पार्थ सारथी सेन शर्मा ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश को वर्ष 2025 तक टीबी मुक्त करने का लक्ष्य रखा गया है। ऐसे मेें टीबी रोगियों की युद्धस्तर पर स्क्रीनिंग की जा रही है। इसी क्रम में सभी डीटीओ डेटा की नियमित माॅनीटरिंग और कमजोर क्षेत्रों पर ध्यान देने के निर्देश दिये गये हैं। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय क्षय उन्मूलन कार्यक्रम (एनटीईपी) का लक्ष्य टीबी मामलों, उससे होने वाली मौतों में कमी लाना और टीबी रोगियों के लिए परिणामों में सुधार करना है। ऐसे में इस दिशा में प्रदेश भर में काफी तेजी से काम हो रहा है। इसी का परिणाम है कि इस साल अब तक प्रदेश में टीबी रोगियों का सर्वाधिक नोटिफिकेशन हुआ है। तय समय पर इस लक्ष्य को पूरा करने के लिए रणनीति को और अधिक सुदृढ़ किया गया है।
कांटेक्ट ट्रेसिंग और स्क्रीनिंग से टीबी मरीजों की तेजी से होगी पहचान
राज्य क्षय रोग अधिकारी डाॅ. शैलेन्द्र भटनागर ने बताया कि टीबी के संभावित लक्षण वाले रोगियों की कांटेक्ट ट्रेसिंग और स्क्रीनिंग को बढ़ाते हुए फेफड़ों की टीबी (पल्मोनरी टीबी) से संक्रमित सभी लोगों के परिवार के सदस्यों और कार्यस्थल पर लोगों की बलगम की जांच को बढ़ाने के निर्देश दिए गए हैं। कांटेक्ट ट्रेसिंग और स्क्रीनिंग जितनी ज्यादा होगी, उतने ही अधिक संख्या में टीबी मरीजों की पहचान हो पाएगी और उनका इलाज शुरू हो पाएगा। इसी क्रम में उच्च जोखिम वाले लोगों जैसे 60 साल से अधिक उम्र के बुजुर्गों, डायबिटीज रोगियों, धूम्रपान एवं नशा करने वाले व्यक्तियों, 18 से कम बॉडी मास इंडेक्स (बीएमआई) वाले व्यक्तियों, एचआईवी ग्रसित व्यक्तियों और वर्तमान में टीबी का इलाज करा रहे रोगियों के सम्पर्क में आए व्यक्तियों की हर तीन माह में टीबी की स्क्रीनिंग करने के निर्देश दिये गये हैं।
हर माह जिलों का भ्रमण कर स्थिति का जायजा लेने के निर्देश
टीबी को जड़ से खत्म करने के लिए नैट मशीनों का वितरण सभी ब्लाॅकों पर टीबी की जांच को ध्यान रखने में रखते हुए करने के निर्देश दिये गये हैं। साथ ही उन टीबी इकाइयों की पहचान करने जो आशा के अनुरूप काम नहीं कर रहे हैं उनमें सुधार करने के लिए जरूरी कदम उठाने का आदेश दिया गया है। क्षेत्रीय टीबी कार्यक्रम प्रबन्धन इकाई (आरटीपीएमयू) द्वारा हर माह में जनपदों का भ्रमण करते हुए वहां की स्थिति का जायजा लेने के भी निर्देश दिए हैं।
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