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उत्तराखंड

अजय टम्टा मोदी मंत्रिमण्डल में शामिल

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केन्द्रीय मंत्रिमण्डल का विस्तार, उत्तराखंड को प्रतिनिधित्व, अल्मोड़ा से सांसद अजय टम्टा

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केन्द्रीय मंत्रिमण्डल का विस्तार, उत्तराखंड को प्रतिनिधित्व, अल्मोड़ा से सांसद अजय टम्टा

Ajay Tamta Sworn in

राष्ट्रपति भवन में ली राज्य मंत्री पद की शपथ

देहरादून। केन्द्रीय मंत्रिमण्डल के आज हुए विस्तार में आखिर उत्तराखंड को भी प्रतिनिधित्व मिल ही गया। राष्ट्रपति भवन के अशोक हाॅल में आयोजित शपथ ग्रहण समारोह में अल्मोड़ा से सांसद अजय टम्टा ने बतौर राजय मंत्री पद की शपथ ली। अजय टम्टा अल्मोड़ा जनपद से दलित नेता हैं।

कोश्यारी समर्थकों को निराशा

पिछले लोकसभा चुनाव में उत्तराखंड की पांचों लोकसभा सीटें भाजपा ने कब्जायीं, मगर इसके बावजूद इनमें से किसी को भी मोदी मंत्रिमण्डल में स्थान नहीं मिला। जबकि राज्य से चुने गए पांच सांसदों में से तीन पूर्व मुख्यमंत्री हैं, फिर भी इसके बावजूद किसी को मोदी टीम में शामिल नहीं किया गया।

भाजपा के साथ सबसे बड़ी मुसीबत यह भी है कि उत्तराखंड उसके लिए खासी बड़ी पहेली साबित हो रही है। हाल ही में प्रांतीय परिषद की बैठक में हल्द्वानी पहुंचे भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह तो यहां तक कह गये कि उत्तराखंड में नहीं जीते तो क्या जीते। राष्ट्रपति शासन लगाने में नुकसान उठाने के बाद से ही भाजपा प्रदेश में बंधे-बंधाये फार्मूले से अलग हटने के लिए मजबूर भी हो गई थी।

भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष अजय भट्ट भी इस समय कुमाऊं से हैं। ऐसे में नैनीताल सांसद भगत सिंह कोश्यारी को केंद्र में तरजीह देने पर गढ़वाल की उपेक्षा की तोहमत का खतरा भी था। दूसरी और पूर्व मुख्यमंत्री और हरिद्वार सांसद रमेश पोखरियाल निशंक के समर्थक भी संतुलन के लिहाज से उम्मीद लगाये बैठे थे।

निशंक को ठीक चुनाव से पहले जगह देने पर कांग्रेस को बैठे-बिठाये एक मुद्दा देने का खतरा भी था। ऐसे में इस आपसी विवाद को थामने के लिए अजय टम्टा के हाथ बाजी जाने दी गई। दूसरी ओर, इस बहाने गढ़वाल और कुमाऊं के संतुलन को साधने की कोशिश भी की गई है।

अब भाजपा के लिए गढ़वाल से चुनाव में चेहरा तलाश करना ज्यादा आसान भी हो सकता है। हालांकि भाजपा का एक खेमा यह भी कह रहा है कि मुख्यमंत्री हरीश रवत के सामने किसी चेहरे को प्रोजेक्ट करने से भाजपा शायद बचेगी।

दूसरी ओर, अजय टम्टा को संघ की नजदीकी का फायदा भी मिला है। 2014 के लोक सभा चुनाव में अजय टम्टा को संघ के दबाव में टिकट मिलने का दावा किया जाता रहा है। यह कनेक्शन एक बार फिर से काम आया है।

वहीं, यह भी कहा जा रहा है कि अजय टम्टा को उनके युवा होने का भी फायदा मिला। पूर्व मुख्यमंत्री भुवन चंद्र खंडूड़ी और पूर्व मुख्यमंत्री भगत सिंह कोश्यारी 70 की उम्र पार कर चुके हैं। युवा निशंक भी हैं पर निशंक कांग्रेस के सीधे निशाने पर रहे हैं।

वहीं, अजय टम्टा को केंद्रीय मंत्रिमंडल में शामिल किया जाना दलित विरोधी छवि से बाहर निकलने की छटपटाहट को भी माना जा रहा है। हालांकि, यह अभी साफ नहीं है कि भाजपा को इसका फायदा विधानसभा चुनाव में कितना मिलेगा।

केंद्रीय मंत्रिमंडल विस्तार में सांसद भगत सिंह कोश्यारी से अधिक सांसद अजय टम्टा को तरजीह मिलना पार्टी में नए समीकरणों की ओर इशारा कर रहा है। जिस तरह प्रदेश में सियासी संकट के दौरान कोश्यारी सक्रिय रहे उससे माना जा रहा था कि केंद्रीय लीडरशिप उन्हें मंत्रिमंडल विस्तार का हिस्सा जरूर बनाएगी।

उत्तराखंड

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने राष्ट्रीय कौशल एवं रोजगार सम्मेलन का किया उद्घाटन

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देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मंगलवार को राष्ट्रीय कौशल एवं रोजगार सम्मेलन का उद्घाटन किया। नीति आयोग, सेतु आयोग और राज्य सरकार के संयुक्त प्रयासों से राजधानी देहरादून में दून विश्वविद्यालय में राष्ट्रीय कौशल एवं रोज़गार सम्मलेन का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का उद्घाटन करने के बाद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि इस तरह की कार्यशालाएं प्रदेश के युवाओं के बेहतर भविष्य के लिए बेहद महत्वपूर्ण साबित होंगी। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार युवाओं को बेहतर रोजगार मुहैया कराने की दिशा में सकारात्मक कदम उठा रही है।

कार्यक्रम में कौशल विकास मंत्री सौरभ बहुगुणा ने इसे सरकार की ओर से युवाओं के लिए महत्वपूर्ण कदम बताया। उन्होंने कहा कि कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य उत्तराखंड के तमाम बेरोजगार युवाओं को रोजगार देना है। मुख्यमंत्री ने कहा, “निश्चित तौर पर इस कार्यशाला में जिन विषयों पर भी मंथन होगा, उससे बहुत ही व्यावहारिक चीजें निकलकर सामने आएंगी, जो अन्य युवाओं के लिए समृद्धि के मार्ग प्रशस्त करेगी। हमें युवाओं को प्रशिक्षण देना है, जिससे उनके लिए रोजगार की संभावनाएं प्रबल हो सकें, ताकि उन्हें बेरोजगारी से निजात मिल सके।

उन्होंने कहा, “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2015 में स्किल डेवलपमेंट का विभाग खोला था, ताकि अधिक से अधिक युवाओं को रोजगार मिल सके। इसके अलावा, वो रोजगार खोजने वाले नहीं, बल्कि रोजगार देने वाले बनें। अगर प्रदेश के युवा रोजगार देने वाले बनेंगे, तो इससे बेरोजगारी पर गहरा अघात पहुंचेगा। ” उन्होंने कहा, “हम आगामी दिनों में अन्य रोजगारपरक प्रशिक्षण युवाओं को मुहैया कराएंगे, जो आगे चलकर उनके लिए सहायक साबित होंगे।

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