प्रादेशिक
सुनामी के बाद सुनी जाने लगी महिलाओं की आवाज
चेन्नई| आज से 10 साल पहले दक्षिण एशिया में तबाही मचाने वाले समुद्री तूफान सुनामी से सबसे ज्यादा तमिलनाडु का नागापट्टनम शहर प्रभावित हुआ था। लेकिन आश्चर्य की बात है कि तबाही मचाने वाले इस तूफान से दो सकारात्मक परिणाम भी मिले। अब मछुआरा समुदाय में महिलाओं की आवाज सुनी जाती है और बच्चों की कम उम्र में शादी पर भी पूरी तरह से रोक लग गई है। गैर सरकारी संघटनों के मुताबिक, सुनामी से अकेले नागापट्टनम में 6,100 लोगों की मौत हो गई थी। आपदा के कुछ सालों तक मछुआरा समुदाय भिक्षा पर निर्भर रहा। लेकिन अब वे अपनी मूल स्थिति में पहुंच गए हैं। वे अब अपने पैरों पर खड़े हैं।
लीगल ऐड टू वुमेन (लॉ) ट्रस्ट की निदेशक ए. गांधीमति नेकहा, “राज्य के इस हिस्से में मछुआरा समुदाय में अब परिवार के भीतर और बाहर महिलाओं की आवाज सुनी जाती है, साथ ही बाल विवाह की प्रथा भी अब खत्म होने को है।” प्री-स्कूल की अध्यापिका एस. लक्ष्मी ने नागपट्टनम से फोन पर बताया कि एक दूसरा पहलू यह भी है कि अब मछुआरा समुदाय की लड़कियां स्कूल और कॉलेजों में पढ़ने के लिए जाती हैं।
लक्ष्मी ने कहा कि मछुआरा समुदाय के कई परिवारों में अब केवल दो से तीन बच्चे हैं। पहले इन परिवारों में ज्यादा बच्चे होते थे। स्वयं सहायता समूहों के उत्थान ने भी जानलेवा लहरों से प्रभावित परिवारों की महिलाओं की सहायता की। 26 दिसंबर 2004 को विनाशकारी सुनामी समुद्र के भीतर भूकंप के कारण उत्पन्न हुई थी। इस भूकंप का केंद्र इंडोनेशिया के सुमात्रा में था। सुनामी से तमिलनाडु के तटीय शहर नागापट्टनम, कुड्डालोर, चेन्नई और कन्याकुमारी प्रभावित हुए थे।
इन जालनेवा लहरों के कारण राज्य में 8,000 लोगों की जान चली गई थी, अकेले नागापट्टनम में 6,100 लोगों की मौत हो गई थी। भारत के अन्य हिस्सों समेत, इंडोनेशिया, थाईलैंड, श्रीलंका और मालदीव में सुनामी के कारण 230,000 लोगों की मौत हो गई थी। गांधीमति ने कहा कि इसका नकारात्मक परिणाम यह भी है कि कुछ परिवारों में महिलाओं पर शारीरिक हमले बढ़े हैं। उन्होंने कहा, “नई आवासीय इकाइयों में महिलाओं के लिए ज्यादा एकांत स्थान नहीं है। सुनामी से पहले यह नहीं था।” मछुआरा समुदाय के लोगों में हालांकि, अभी भी एक अज्ञात भय व्याप्त है, और अगर समुद्र की लहरों में थोड़ी भी तेजी होती है तो वे पीछे ही रहते हैं। 2012 में नागापट्टनम के कई मछुआरों में मयान पंचांग की प्रलय की भविष्यवाणी वाले दिन का भय था। लक्ष्मी के मुताबिक, इस समय भी कई मछुआरे समुद्र में जाने का साहस नहीं कर रहे हैं। लक्ष्मी के पति भी एक मछुआरे हैं। उन्होंने कहा, “नए वर्ष के बाद ही मछुआरे सामान्य रूप से मछली पकड़ने का काम शुरू करेंगे।”
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जियो ने जोड़े सबसे अधिक ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’- ट्राई
नई दिल्ली| भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के नवीनतम आंकड़ों के मुताबिक, रिलायंस जियो ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में सबसे आगे है। सितंबर महीने में जियो ने करीब 17 लाख ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़े। समान अवधि में भारती एयरटेल ने 13 लाख तो वोडाफोन आइडिया (वीआई) ने 31 लाख के करीब ग्राहक गंवा दिए। ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में जियो लगातार दूसरे महीने नंबर वन बना हुआ है। एयरटेल और वोडाआइडिया के ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ नंबर गिरने के कारण पूरे उद्योग में सक्रिय ग्राहकों की संख्या में गिरावट देखी गई, सितंबर माह में यह 15 लाख घटकर 106 करोड़ के करीब आ गई।
बताते चलें कि टेलीकॉम कंपनियों का परफॉर्मेंस उनके एक्टिव ग्राहकों की संख्या पर निर्भर करता है। क्योंकि एक्टिव ग्राहक ही कंपनियों के लिए राजस्व हासिल करने का सबसे महत्वपूर्ण जरिया है। हालांकि सितंबर माह में पूरी इंडस्ट्री को ही झटका लगा। जियो, एयरटेल और वीआई से करीब 1 करोड़ ग्राहक छिटक गए। मतलब 1 करोड़ के आसपास सिम बंद हो गए। ऐसा माना जा रहा है कि टैरिफ बढ़ने के बाद, उन ग्राहकों ने अपने नंबर बंद कर दिए, जिन्हें दो सिम की जरूरत नहीं थी।
बीएसएनएल की बाजार हिस्सेदारी में भी मामूली वृद्धि देखी गई। इस सरकारी कंपनी ने सितंबर में करीब 15 लाख वायरलेस डेटा ब्रॉडबैंड ग्राहक जोड़े, जो जुलाई और अगस्त के 56 लाख के औसत से काफी कम है। इसके अलावा, बीएसएनएल ने छह सर्किलों में ग्राहक खो दिए, जो हाल ही की वृद्धि के बाद मंदी के संकेत हैं।
ट्राई के आंकड़े बताते हैं कि वायरलाइन ब्रॉडबैंड यानी फाइबर व अन्य वायरलाइन से जुड़े ग्राहकों की कुल संख्या 4 करोड़ 36 लाख पार कर गई है। सितंबर माह के दौरान इसमें 7 लाख 90 हजार नए ग्राहकों का इजाफा हुआ। सबसे अधिक ग्राहक रिलायंस जियो ने जोड़े। जियो ने सितंबर में 6 लाख 34 हजार ग्राहकों को अपने नेटवर्क से जोड़ा तो वहीं एयरटेल मात्र 98 हजार ग्राहक ही जोड़ पाया। इसके बाद जियो और एयरटेल की बाजार हिस्सेदारी 32.5% और 19.4% हो गई। समान अवधि में बीएसएनएल ने 52 हजार वायरलाइन ब्राडबैंड ग्राहक खो दिए।
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