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उत्तराखंड

उत्तराखंड में अधिकांश नदियां खतरे के निशान के ऊपर

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उत्तराखंड में अधिकांश नदियां खतरे के निशान के ऊपर

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उत्तराखंड में अधिकांश नदियां खतरे के निशान के ऊपरदेहरादून| उत्तराखंड में सोमवार को भारी बारिश जारी रहने की वजह से अधिकांश नदियां खतरे के निशान के ऊपर बह रही हैं। अधिकारियों ने बताया कि सरयू, शारदा, गोरी और भागीरथी नदियां खतरे के निशान से ऊपर हैं, जबकि अलकनंदा और मंदाकिनी उफान पर हैं और कभी भी खतरे के निशान को पार कर सकती हैं।

बारिश संबंधी दुर्घटनाओं में सात लोगों की मौत हो चुकी है और रविवार को हरिद्वार में तीन अन्य लोग बह गए। आपदा प्रबंधन इकाई के मुताबिक, लगातार बारिश की वजह से चार धाम यात्रा मार्ग के विभिन्न स्थानों पर 900 से अधिक तीर्थयात्री फंसे हुए हैं।

अधिकारी ने आईएएनएस को बताया कि कई स्थानों पर सड़कें टूटी हुई हैं। भूस्खलन से वाहनों के आवागमन में दिक्कतें आ रही हैं।उत्तरकाशी में यमुना घाटी से देहरादून का संपर्क पूरी तरह से टूट गया है, जिस वजह से चार लाख से अधिक लोग फंसे हुए हैं।

हरिद्वार-देहरादून मार्ग पर मलबे की वजह से रेल यातायात बाधित है।कुमाऊं प्रभाग के पहाड़ी क्षेत्रों में दर्जनभर से अधिक घर ढह गए हैं, लेकिन किसी के हताहत होने की सूचना नहीं है।

उत्तराखंड

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने राष्ट्रीय कौशल एवं रोजगार सम्मेलन का किया उद्घाटन

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देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मंगलवार को राष्ट्रीय कौशल एवं रोजगार सम्मेलन का उद्घाटन किया। नीति आयोग, सेतु आयोग और राज्य सरकार के संयुक्त प्रयासों से राजधानी देहरादून में दून विश्वविद्यालय में राष्ट्रीय कौशल एवं रोज़गार सम्मलेन का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का उद्घाटन करने के बाद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि इस तरह की कार्यशालाएं प्रदेश के युवाओं के बेहतर भविष्य के लिए बेहद महत्वपूर्ण साबित होंगी। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार युवाओं को बेहतर रोजगार मुहैया कराने की दिशा में सकारात्मक कदम उठा रही है।

कार्यक्रम में कौशल विकास मंत्री सौरभ बहुगुणा ने इसे सरकार की ओर से युवाओं के लिए महत्वपूर्ण कदम बताया। उन्होंने कहा कि कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य उत्तराखंड के तमाम बेरोजगार युवाओं को रोजगार देना है। मुख्यमंत्री ने कहा, “निश्चित तौर पर इस कार्यशाला में जिन विषयों पर भी मंथन होगा, उससे बहुत ही व्यावहारिक चीजें निकलकर सामने आएंगी, जो अन्य युवाओं के लिए समृद्धि के मार्ग प्रशस्त करेगी। हमें युवाओं को प्रशिक्षण देना है, जिससे उनके लिए रोजगार की संभावनाएं प्रबल हो सकें, ताकि उन्हें बेरोजगारी से निजात मिल सके।

उन्होंने कहा, “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2015 में स्किल डेवलपमेंट का विभाग खोला था, ताकि अधिक से अधिक युवाओं को रोजगार मिल सके। इसके अलावा, वो रोजगार खोजने वाले नहीं, बल्कि रोजगार देने वाले बनें। अगर प्रदेश के युवा रोजगार देने वाले बनेंगे, तो इससे बेरोजगारी पर गहरा अघात पहुंचेगा। ” उन्होंने कहा, “हम आगामी दिनों में अन्य रोजगारपरक प्रशिक्षण युवाओं को मुहैया कराएंगे, जो आगे चलकर उनके लिए सहायक साबित होंगे।

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