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खेल-कूद

महिला कबड्डी को नए सांचे में ढाल रहा ‘महिला कबड्डी चैलेंज

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महिला कबड्डी को नए सांचे में ढाल रहा 'महिला कबड्डी चैलेंज

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महिला कबड्डी को नए सांचे में ढाल रहा 'महिला कबड्डी चैलेंज

मोनिका चौहान 

नई दिल्ली| महिला कबड्डी को भारत में जारी ‘महिला कबड्डी चैलेंज’ ने एक नए सांचे में ढाला है और नए सिरे से लोकरिप्रयता के शखर पर पहुंचाया है। दूसरे लोग कहें, तो शायद इस पर यकीन करना मुश्किल होता लेकिन अगर देश की तीन धुरंधर कबड्डी खिलाड़ी ऐसा कहें तो इस पर विश्वास करना आसान हो जाता है।

पुरुषों के लोकप्रिय लीग टूर्नमेंट स्टार स्पोर्ट्स प्रो कबड्डी लीग (पीकेएल) के साथ प्रायोगिक तौर पर इसी वर्ष शुरू हुए महिला कबड्डी चैलेंज की तीन टीमों-आईस दिवाज, स्टॉर्म क्वींस और फायर बर्ड्स की कप्तानों का कुछ यहीं कहना है।

इन तीनों कप्तानों का कहना है कि इस चैलेंज से महिला कबड्डी के खेल को एक नई रूपरेखा मिली है और केवल यहीं नहीं इससे उन्हें भी देश के घर-घर में एक नई पहचान मिली है।

भारत की महिला कबड्डी टीम ने 2010 और 2014 में हुए एशियाई खेलों में स्वर्ण पदक हासिल किया था। केवल यहीं नहीं 2012, 2013 और 2014 में हुए विश्व कप खेलों में भी भारतीय टीम विजयी रही थी।

इसके अलावा 2010 में हुए दक्षिण एशियाई खेलों में भारतीय महिला कबड्डी टीम ने फाइनल मुकाबले में बांग्लादेश को हराकर प्रथम स्थान हासिल किया। इन सबके बावजूद भी महिला कूबड्डी को वह मंच हासिल नहीं हुआ, जिसका हकदार एक विजेता योद्धा होता है।

इस पर आईएएनएस को दिए अपने एक बयान में फायर बर्डस टीम की कप्तान और अर्जुन पुरस्कार हासिल करने वाली देश की अग्रणी महिला कबड्डी खिलाड़ी ममता पुजारी ने कहा, “यह मिनी लीग हमें एक बेहतरीन प्लेटफार्म उपलब्ध करा रहा है। हमारे लिए पुरुषों के लिए निर्मित कोर्ट पर खेलना एक चुनौती होगी और हमने खुद को इस चुनौती के लिए भली-भांति तैयार किया है। इस मिनी लीग में देश की चुनिंदा 42 श्रेष्ठ खिलाड़ी हिस्सा ले रही हैं। अब लोगों को पता लग सकेगा कि देश में महिला कबड्डी का क्या स्तर है।”

‘महिला कबड्डी चैलेंज’ से मिली एक नई पहचान पर आईस दिवाज की कप्तान ने कहा, “काफी अच्छा अनुभव मिल रहा है। लोग हमें पहले से जानते तो थे लेकिन अब घर-घर में हमें पहचान मिल रही है। बच्चों से लेकर बड़ों तक सभी हमें पहचानने लगे हैं, और यह जिंदगी का सबसे बड़ा बदलाव है।”

चीन के क्वांगचो में 2010 में और दक्षिण कोरिया के इंचियोन में 2014 में हुए एशियाई खेलों में स्वर्ण पदक हासिल करने वाली भारतीय महिला कबड्डी टीम का अहम हिस्सा रही तथा’महिला कबड्डी चैलेंज’ में स्टॉर्म क्वींस की कप्तान तेजस्विनी ने कहा कि एशियाई खेलों में पदक जीतने पर उन्हें उस स्तर पर पहचान नहीं मिली थी, जो इस चैलेंज से मिली है। आज वह घर-घर में एक लोकप्रिय चेहरा बन गई हैं।

इन तीनों खिलाड़ियों का यह मानना है कि अगर यह चैलेंज पूर्ण रूप से एक लीग के तौर पर शुरू होता है, तो इससे कई नई महिला कबड्डी खिलाड़ियों को आगे आकर खुद को साबित करने का हौसला मिलेगा।

उन्होंने यह भी कहा कि इसके साथ ही महिला कबड्डी के ओलम्पिक खेलों में जाने के भी नए रास्ते खुल जाएंगे।

तेजस्विनी का कहना है कि कबड्डी का खेल आसान नहीं है। इसमें मानसिक और शारीरिक रूप से काफी शक्ति का इस्तेमाल होता है। इस खेल में चोटें लगना आम बात है और इसमें अगर ऐसी पहचान मिलती है, तो आपकी मेहनत सफल हो जाती है। महिला कबड्डी एक लीग के रूप में अगर शुरू होती है और भी लड़कियां इसे करियर के तौर पर अपनाने के लिए आगे आएंगी।

खेल-कूद

IND VS AUS: पर्थ में भारतीय गेंदबाजों का कहर, बैकफुट पर ऑस्ट्रेलिया, 67 रनों पर गंवाए 7 विकेट

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नई दिल्ली। पर्थ टेस्ट में भारतीय गेंदबाजों ने ऑस्ट्रेलिया को बैकफुट पर धकेल दिया है। भारत के पहली पारी में 150 रनों के जवाब में ऑस्ट्रेलियाई टीम सात विकेट खोकर 67 रन ही बना पाई है। ऑस्ट्रेलिया की शुरुआत खराब रही थी। तीसरे ही ओवर में बुमराह ने नाथन मैकस्वीनी को एल्बीडब्ल्यू आउट किया। वह 10 रन बना सके। इसके बाद बुमराह ने उस्मान ख्वाजा को कोहली के हाथों कैच कराया, फिर अगली ही गेंद पर स्टीव स्मिथ को एल्बीडब्ल्यू आउट किया। ख्वाजा आठ रन और स्मिथ खाता नहीं खोल सके। ट्रेविस हेड को डेब्यू कर रहे तेज गेंदबाज हर्षित राणा ने क्लीन बोल्ड किया। वह 11 रन बना सके। वहीं, मिचेल मार्श छह रन बनाकर मोहम्मद सिराज का शिकार बने। सिराज ने इसके बाद लाबुशेन को एल्बीडब्ल्यू किया। वह 52 गेंद में दो रन बना सके। ऑस्ट्रेलियाई कप्तान पैट कमिंस को भारतीय कप्तान बुमराह ने पंत के हाथों कैच कराया। वह तीन रन बना सके। फिलहाल एलेक्स कैरी 19 रन और मिचेल स्टार्क छह रन बनाकर नाबाद हैं। बुमराह के अलावा मोहम्मद सिराज ने दो विकेट लिए, जबकि हर्षित राणा को एक विकेट मिला।

भारतीय पारी

पर्थ के मैदान पर टीम इंडिया के बल्लेबाजी क्रम की एक बार फिर पोल खुल गई। 49.4 ओवर खेलकर ही भारत की पूरी टीम सिर्फ 150 रन बनाकर ढेर हो गई। टीम के छह बल्लेबाज दहाई का आंकड़ा पार नहीं कर सके। टीम इंडिया की शुरुआत ही बेहद खराब हुई। यशस्वी जायसवाल बिना खाता खोले ही मिचेल स्टार्क की गेंद पर पवेलियन लौट गए। देवदत्त पडिक्कल ने 23 गेंदों का सामना किया, लेकिन वो अपने नाम के आगे एक रन तक नहीं लिखवा सके। नंबर चार पर बल्लेबाजी करने उतरे विराट कोहली से फैन्स को काफी उम्मीदें थीं। हालांकि, विराट का किस्मत ने एक बार फिर साथ नहीं दिया और वह जोश हेजलवुड के हाथ से निकली बेहतरीन गेंद पर अपना विकेट गंवा बैठे। भोजनकाल से पहले 23वें ओवर में मिचेल स्टार्क ने के एल राहुल (26) को आउट कर भारत को बड़ा झटका दिया।

लंच के बाद चार विकेट पर 51 रन के आगे खेलने उतरी भारतीय टीम दूसरे सेशन में 24.4 ओवर में मात्र 99 रन ही जोड़ पाई और बचे हुए बाकी विकेट गवां दिये। 59 के स्कोर पर भारतीय टीम को पांचवां झटका लगा। मिचेल मार्श ने ध्रुव जुरेल को मार्नस लाबुशेन के हाथों कैच आउट कराया। जुरेल 11 रन बनाकर आउट हुए।

इसके बाद वॉश‍िंगटन सुंदर मात्र चार रन बनाकर म‍िचेल मार्श की गेंद पर व‍िकेटकीपर एलेक्स कैरी को कैच थमा बैठे। भारत ने छह विकेट गिरने के बाद ऑलराउंडर नीतीश कुमार रेड्डी बल्लेबाजी करने आए और उन्होंने ऋषभ पंत के साथ छठे विकेट के लिए 48 रन जोड़े। भारत को सातवां झटका ऋषभ पंत के रूप में लगा। वह 37 रन बनाकर पैट कम‍िंंस की गेंद पर दूसरी स्ल‍िप में खड़े स्टीव स्म‍िथ को कैच थमा बैठे।
इसके बाद हर्ष‍ित राणा मात्र 7 रन बनाकर जोश हेजलवुड की गेंद पर मार्नस लॉबुशेन को कैच थमा बैठे। भारत का नौवां विकेट जसप्रीत बुमराह के रूप में गिरा, जो जोश हेजलवुड की गेंद पर विकेटकीपर कैरी को कैच थमा बैठे। वहीं आखिरी विकेट नीतीश रेड्डी का गिरा। रेड्डी को पैट कमिंस ने उस्मान ख्वाजा के हाथों कैच आउट कराया।

 

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