प्रादेशिक
उ.प्र : फिर गरमाया प्रोन्नति में आरक्षण मुद्दा, 11 नवंबर को शक्ति प्रदर्शन
लखनऊ, उत्तर प्रदेश में प्रोन्नति में आरक्षण का मुद्दा एक बार फिर गरमा गया है। समर्थक और विरोधी दोनों ही संगठनों ने 11 नवम्बर को लखनऊ में रैली के आयोजन का ऐलान किया है। इस मुद्दे को लेकर विरोधी पक्ष ने भाजपा पर राजनीति करने का आरोप लगाया है। प्रोन्नति में आरक्षण का विरोध कर रही सर्वजन हिताय संरक्षण समिति के अध्यक्ष शैलेंद्र दूबे ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर वोट बैंक की राजनीति करने का आरोप लगाया है।
दूबे ने कहा कि दरअसल उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव के पहले वोट बैंक की राजनीति के तहत यह सब खेल खेला जा रहा है। इसको लेकर प्रदेश के 18 लाख कर्मचारियों और 6 लाख शिक्षकों में भारी गुस्सा है।
उन्होंने कहा कि सर्वोच्च न्यायालय का निर्णय बदलने के लिए पहले भी चार बार संविधान संशोधन किए जा चुके हैं। अब पांचवीं बार संविधान संशोधन की कवायद भाजपा को काफी महंगी पड़ेगी। पदोन्नति में आरक्षण की घटिया राजनीति को प्रदेश में पूरी तरह दफन करने के लिए हमारी समिति व्यापक संघर्ष की रणनीति बना रही है। इस मुद्दे पर 11 नवम्बर को लखनऊ में एक बड़ी रैली का आयोजन होगा।
उधर, आरक्षण बचाओ संघर्ष समिति के संयोजक अवधेश कुमार वर्मा ने कहा कि 11 नवम्बर को वह भी लखनऊ में एक बड़ी रैली कर अपनी ताकत दिखाएंगे। 16 नवंबर से शुरू होने वाले संसद के शीतकालीन सत्र में प्रोन्नति में आरक्षण सम्बंधी विधेयक पास करवाने को लेकर मोदी सरकार पर दबाव बनाने के लिए प्रदेश के सभी जिलों में धरना, प्रदर्शन व सम्मेलन किए जाएंगे।
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जियो ने जोड़े सबसे अधिक ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’- ट्राई
नई दिल्ली| भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के नवीनतम आंकड़ों के मुताबिक, रिलायंस जियो ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में सबसे आगे है। सितंबर महीने में जियो ने करीब 17 लाख ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़े। समान अवधि में भारती एयरटेल ने 13 लाख तो वोडाफोन आइडिया (वीआई) ने 31 लाख के करीब ग्राहक गंवा दिए। ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में जियो लगातार दूसरे महीने नंबर वन बना हुआ है। एयरटेल और वोडाआइडिया के ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ नंबर गिरने के कारण पूरे उद्योग में सक्रिय ग्राहकों की संख्या में गिरावट देखी गई, सितंबर माह में यह 15 लाख घटकर 106 करोड़ के करीब आ गई।
बताते चलें कि टेलीकॉम कंपनियों का परफॉर्मेंस उनके एक्टिव ग्राहकों की संख्या पर निर्भर करता है। क्योंकि एक्टिव ग्राहक ही कंपनियों के लिए राजस्व हासिल करने का सबसे महत्वपूर्ण जरिया है। हालांकि सितंबर माह में पूरी इंडस्ट्री को ही झटका लगा। जियो, एयरटेल और वीआई से करीब 1 करोड़ ग्राहक छिटक गए। मतलब 1 करोड़ के आसपास सिम बंद हो गए। ऐसा माना जा रहा है कि टैरिफ बढ़ने के बाद, उन ग्राहकों ने अपने नंबर बंद कर दिए, जिन्हें दो सिम की जरूरत नहीं थी।
बीएसएनएल की बाजार हिस्सेदारी में भी मामूली वृद्धि देखी गई। इस सरकारी कंपनी ने सितंबर में करीब 15 लाख वायरलेस डेटा ब्रॉडबैंड ग्राहक जोड़े, जो जुलाई और अगस्त के 56 लाख के औसत से काफी कम है। इसके अलावा, बीएसएनएल ने छह सर्किलों में ग्राहक खो दिए, जो हाल ही की वृद्धि के बाद मंदी के संकेत हैं।
ट्राई के आंकड़े बताते हैं कि वायरलाइन ब्रॉडबैंड यानी फाइबर व अन्य वायरलाइन से जुड़े ग्राहकों की कुल संख्या 4 करोड़ 36 लाख पार कर गई है। सितंबर माह के दौरान इसमें 7 लाख 90 हजार नए ग्राहकों का इजाफा हुआ। सबसे अधिक ग्राहक रिलायंस जियो ने जोड़े। जियो ने सितंबर में 6 लाख 34 हजार ग्राहकों को अपने नेटवर्क से जोड़ा तो वहीं एयरटेल मात्र 98 हजार ग्राहक ही जोड़ पाया। इसके बाद जियो और एयरटेल की बाजार हिस्सेदारी 32.5% और 19.4% हो गई। समान अवधि में बीएसएनएल ने 52 हजार वायरलाइन ब्राडबैंड ग्राहक खो दिए।
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