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प्रादेशिक

अखिलेश ने की राशन कार्ड वितरण की शुरुआत, सवालों पर साधी चुप्पी

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मुख्यमंत्री अखिलेश यादवलखनऊ , उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने बुधवार को राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना के तहत राशन कार्डो के वितरण की शुरुआत की। पहले चरण में लखनऊ के 100 लाभार्थी परिवारों को कालिदास मार्ग स्थित मुख्यमंत्री के सरकारी आवास पर राशन कार्ड दिया गया। कुछ सवालों के जवाब में हालांकि अखिलेश ने कहा कि आज वह कुछ नहीं बोलेंगे। इस दौरान पत्रकारों के सवालों से बचने के लिए अखिलेश ने कहा, “आप लोगों को क्या चाहिए गेहूं या चावल! इसके बाद वह मात्र 13 मिनट में ही कार्यक्रम समाप्त कर चले गए। राजनीति से संबंधित किसी सवाल का अखिलेश ने कोई जवाब नहीं दिया।”

मुख्यमंत्री ने कहा कि समाजवादी अपने काम से बोलते हैं। राशन कार्ड बांटकर एक अच्छी शुरुआत हो रही है। इससे पहले भी सरकार ने कई ऐसी योजनाएं चलाई हैं, जिनका लाभ लोगों को मिल रहा है। उन्होंने कहा कि सरकार ने समाजवादी पेंशन योजना चलाई, जिसका लाभ लगभग 55 लाख लोगों को मिल रहा है। इस योजना में कोई भी भ्रष्टाचार का आरोप नहीं लगा सकता। अपने काम के दम पर उत्तर प्रदेश में सपा की दोबारा सरकार बनेगी।

अखिलेश ने कहा कि अगली सरकार में और अधिक पारदर्शी तरीके से योजनाओं का संचालन और क्रियान्वयन कराया जाएगा, ताकि विरोधी सवाल न खड़ा कर सकें।  सपा की राज्य कार्यकारिणी की बैठक में शामिल होने के सवाल को टालते हुए उन्होंने कहा कि आप भी जानते हैं कि इसमें कौन शामिल होता है। सपा के रजत जयंती समारोह में हिस्सा लेने के सवाल पर मुख्यमंत्री ने कहा कि अभी इस बारे में कुछ भी कहना जल्दबाजी होगी।

गौरतलब है कि प्रदेश के 28 जिलों में जनवरी से और 47 जिलों में मार्च से खाद्य सुरक्षा योजना तो लागू हो गई, लेकिन योजना में शामिल परिवारों को अब तक राशन कार्ड नहीं मिला था। इसी वजह से कई परिवारों को पता भी नहीं था कि वे योजना में शामिल हैं या नहीं। हालांकि शुरुआती चरण में करीब 40 फीसदी पात्र परिवारों के राशन कार्ड तैयार करने का दावा किया गया, लेकिन इसमें कमजोर कागज का कवर पेज होने के कारण वितरित नहीं किया गया। इसके उपाय के तौर पर 12 करोड़ रुपये के खर्च से कार्डो पर प्लास्टिक कवर चढ़ाने की योजना बनाई गई। उधर राशन कार्ड छपाई का काम करा रहे कल्याण निगम ने भी 20 अक्तूबर तक सभी राशन तैयार करने का दावा किया था।

18+

जियो ने जोड़े सबसे अधिक ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’- ट्राई

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नई दिल्ली| भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के नवीनतम आंकड़ों के मुताबिक, रिलायंस जियो ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में सबसे आगे है। सितंबर महीने में जियो ने करीब 17 लाख ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़े। समान अवधि में भारती एयरटेल ने 13 लाख तो वोडाफोन आइडिया (वीआई) ने 31 लाख के करीब ग्राहक गंवा दिए। ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में जियो लगातार दूसरे महीने नंबर वन बना हुआ है। एयरटेल और वोडाआइडिया के ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ नंबर गिरने के कारण पूरे उद्योग में सक्रिय ग्राहकों की संख्या में गिरावट देखी गई, सितंबर माह में यह 15 लाख घटकर 106 करोड़ के करीब आ गई।

बताते चलें कि टेलीकॉम कंपनियों का परफॉर्मेंस उनके एक्टिव ग्राहकों की संख्या पर निर्भर करता है। क्योंकि एक्टिव ग्राहक ही कंपनियों के लिए राजस्व हासिल करने का सबसे महत्वपूर्ण जरिया है। हालांकि सितंबर माह में पूरी इंडस्ट्री को ही झटका लगा। जियो, एयरटेल और वीआई से करीब 1 करोड़ ग्राहक छिटक गए। मतलब 1 करोड़ के आसपास सिम बंद हो गए। ऐसा माना जा रहा है कि टैरिफ बढ़ने के बाद, उन ग्राहकों ने अपने नंबर बंद कर दिए, जिन्हें दो सिम की जरूरत नहीं थी।

बीएसएनएल की बाजार हिस्सेदारी में भी मामूली वृद्धि देखी गई। इस सरकारी कंपनी ने सितंबर में करीब 15 लाख वायरलेस डेटा ब्रॉडबैंड ग्राहक जोड़े, जो जुलाई और अगस्त के 56 लाख के औसत से काफी कम है। इसके अलावा, बीएसएनएल ने छह सर्किलों में ग्राहक खो दिए, जो हाल ही की वृद्धि के बाद मंदी के संकेत हैं।

ट्राई के आंकड़े बताते हैं कि वायरलाइन ब्रॉडबैंड यानी फाइबर व अन्य वायरलाइन से जुड़े ग्राहकों की कुल संख्या 4 करोड़ 36 लाख पार कर गई है। सितंबर माह के दौरान इसमें 7 लाख 90 हजार नए ग्राहकों का इजाफा हुआ। सबसे अधिक ग्राहक रिलायंस जियो ने जोड़े। जियो ने सितंबर में 6 लाख 34 हजार ग्राहकों को अपने नेटवर्क से जोड़ा तो वहीं एयरटेल मात्र 98 हजार ग्राहक ही जोड़ पाया। इसके बाद जियो और एयरटेल की बाजार हिस्सेदारी 32.5% और 19.4% हो गई। समान अवधि में बीएसएनएल ने 52 हजार वायरलाइन ब्राडबैंड ग्राहक खो दिए।

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