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बिजनेस

मूडीज ने नोटबंदी से जूझ रहे भारत की रेटिंग बरकरार रखी

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मूडीज ने नोटबंदी से जूझ रहे भारत की रेटिंग बरकरार रखी

नई दिल्ली | अमेरिकी क्रेडिट रेटिंग एजेंसी मूडीज ने भारत की दीर्घकालिक सॉवरिन रेटिंग में कोई बदलाव नहीं किया। वहीं, भारत फिलहाल नोटबंदी के बाद लोगों को नकदी उपलब्ध कराने की समस्या से जूझ रहा है।

सरकार ने गुरुवार को बुआई के सीजन को देखते हुए कई कदम उठाने की घोषणा की है। किसानों को हर सप्ताह 25,000 रुपये निकालने की तथा कृषि व्यापारियों को प्रति सप्ताह 50,000 रुपये अपने बैंक एकाउंट से निकालने की छूट दी गई है। वहीं, शादियों के सीजन को देखते हुए शादी वाले घर के एक सदस्य को एक बार में 2,50,000 रुपये निकालने की अनुमति दी गई है।

मूडीज ने बुधवार को कहा था कि उसने भारत की रेटिंग नहीं बढ़ाई है और स्थिर रखा है। इससे पहले रेटिंग एजेंसी स्टैंडर्ड एंड पुअर्स ने भी भारत की रेटिंग अपग्रेड नहीं की थी।

मूडीज इनवेस्टर सर्विस ने एक बयान जारी कर कहा, “हालांकि पिछली रेटिंग से अब तक काफी प्रगति हुई है। मूडीज का निष्कर्ष यह है कि भारतीय संस्थानों को मजबूती प्रदान करने के लिए महत्वपूर्ण कदम उठाए गए हैं।”

इसमें आगे कहा गया, “हालांकि नीतिगत प्रयासों से सुधारों के लाभ की स्पष्ट तस्वीर नहीं दिखती, जिसमें निरंतरता, उच्च विकास और देश के कर्ज को बोझ में कमी का वादा शामिल है। अपग्रेड करने के लिए ये बहुत जरूरी है।”

इस बीच अंतर्राष्ट्रीय कंसलटेंसी फर्म डेलोएट ने एक रिपोर्ट में कहा है कि नोटबंदी से कृषि क्षेत्र और अनौपचारिक क्षेत्रों से जुड़े मजदूरों को नुकसान होगा साथ ही भारत का उपभोग पैर्टन भी अगली तिमाही तक बदल जाएगा।

इसमें कहा गया कि ई-कॉमर्स, पेमेंट बैंक और पेमेंट गेटवे को कैशलेस तरीका लागू होने से फायदा होगा।

18+

जियो ने जोड़े सबसे अधिक ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’- ट्राई

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नई दिल्ली| भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के नवीनतम आंकड़ों के मुताबिक, रिलायंस जियो ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में सबसे आगे है। सितंबर महीने में जियो ने करीब 17 लाख ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़े। समान अवधि में भारती एयरटेल ने 13 लाख तो वोडाफोन आइडिया (वीआई) ने 31 लाख के करीब ग्राहक गंवा दिए। ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में जियो लगातार दूसरे महीने नंबर वन बना हुआ है। एयरटेल और वोडाआइडिया के ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ नंबर गिरने के कारण पूरे उद्योग में सक्रिय ग्राहकों की संख्या में गिरावट देखी गई, सितंबर माह में यह 15 लाख घटकर 106 करोड़ के करीब आ गई।

बताते चलें कि टेलीकॉम कंपनियों का परफॉर्मेंस उनके एक्टिव ग्राहकों की संख्या पर निर्भर करता है। क्योंकि एक्टिव ग्राहक ही कंपनियों के लिए राजस्व हासिल करने का सबसे महत्वपूर्ण जरिया है। हालांकि सितंबर माह में पूरी इंडस्ट्री को ही झटका लगा। जियो, एयरटेल और वीआई से करीब 1 करोड़ ग्राहक छिटक गए। मतलब 1 करोड़ के आसपास सिम बंद हो गए। ऐसा माना जा रहा है कि टैरिफ बढ़ने के बाद, उन ग्राहकों ने अपने नंबर बंद कर दिए, जिन्हें दो सिम की जरूरत नहीं थी।

बीएसएनएल की बाजार हिस्सेदारी में भी मामूली वृद्धि देखी गई। इस सरकारी कंपनी ने सितंबर में करीब 15 लाख वायरलेस डेटा ब्रॉडबैंड ग्राहक जोड़े, जो जुलाई और अगस्त के 56 लाख के औसत से काफी कम है। इसके अलावा, बीएसएनएल ने छह सर्किलों में ग्राहक खो दिए, जो हाल ही की वृद्धि के बाद मंदी के संकेत हैं।

ट्राई के आंकड़े बताते हैं कि वायरलाइन ब्रॉडबैंड यानी फाइबर व अन्य वायरलाइन से जुड़े ग्राहकों की कुल संख्या 4 करोड़ 36 लाख पार कर गई है। सितंबर माह के दौरान इसमें 7 लाख 90 हजार नए ग्राहकों का इजाफा हुआ। सबसे अधिक ग्राहक रिलायंस जियो ने जोड़े। जियो ने सितंबर में 6 लाख 34 हजार ग्राहकों को अपने नेटवर्क से जोड़ा तो वहीं एयरटेल मात्र 98 हजार ग्राहक ही जोड़ पाया। इसके बाद जियो और एयरटेल की बाजार हिस्सेदारी 32.5% और 19.4% हो गई। समान अवधि में बीएसएनएल ने 52 हजार वायरलाइन ब्राडबैंड ग्राहक खो दिए।

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