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प्रादेशिक

भाजपा को कम जानते हैं आदिवासी मतदाता : मंत्री

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भाजपा को कम जानते हैं आदिवासी मतदाता : मंत्रीभोपाल | मध्य प्रदेश के नेपानगर विधानसभा उपचुनाव में भाजपा की जीत और शहडोल संसदीय उपचुनाव में पार्टी उम्मीदवार की बढ़त से भाजपा नेता और सरकार के मंत्री उत्साहित हैं। राज्य के गृह एवं परिवहन मंत्री भूपेंद्र सिंह ने कहा, “शहडोल के कई क्षेत्रों के आदिवासी मतदाता भाजपा को कम जानते हैं और वे भाजपा को मामा की पार्टी के तौर पर ज्यादा जानते हैं।”

नेपानगर में भाजपा उम्मीदवार मंजू दादू ने 42,198 मतों के अंतर से जीत दर्ज की है, वहीं शहडोल में भाजपा उम्मीदवार ज्ञान सिंह जीत की ओर बढ़ रहे हैं। इस पर भाजपा नेताओं और सरकार के मंत्रियों की प्रतिक्रियाएं आ रही हैं।

राज्य के गृहमंत्री भूपेंद्र सिंह ने संवाददाताओं से चर्चा करते हुए भाजपा को उपचुनाव में मिली सफलता पर जीत का श्रेय सीधे मुख्यमंत्री को दिया और उनकी लोकप्रियता का हवाला देते हुए कहा, “वे भी शहडोल संसदीय क्षेत्र के चुनाव प्रचार में गए थे। यह आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र है। इस दौरान उन्होंने महसूस किया कि वहां के कई क्षेत्रों के आदिवासी नेता भाजपा को कम जानते हैं और वे भाजपा को मामा शिवराज की पार्टी के तौर पर जानते हैं।”

सिंह भी भाजपा उम्मीदवार के समर्थन में प्रचार करने शहडोल गए थे।

उन्होंने आगे कहा, “मुख्यमंत्री की इस लोकप्रियता को कांग्रेस ने भी भुनाने की कोशिश की और यही कारण था कि कांग्रेस के नेताओं ने शिवराज मामा का चुनाव चिह्न हाथ का पंजा तक बताया था। बाद में हमारी पार्टी के लोगों को मतदाताओं को यह बताना पड़ता था कि शिवराज मामा की पार्टी का चुनाव चिह्न कमल का फूल है।”

18+

जियो ने जोड़े सबसे अधिक ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’- ट्राई

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नई दिल्ली| भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के नवीनतम आंकड़ों के मुताबिक, रिलायंस जियो ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में सबसे आगे है। सितंबर महीने में जियो ने करीब 17 लाख ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़े। समान अवधि में भारती एयरटेल ने 13 लाख तो वोडाफोन आइडिया (वीआई) ने 31 लाख के करीब ग्राहक गंवा दिए। ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में जियो लगातार दूसरे महीने नंबर वन बना हुआ है। एयरटेल और वोडाआइडिया के ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ नंबर गिरने के कारण पूरे उद्योग में सक्रिय ग्राहकों की संख्या में गिरावट देखी गई, सितंबर माह में यह 15 लाख घटकर 106 करोड़ के करीब आ गई।

बताते चलें कि टेलीकॉम कंपनियों का परफॉर्मेंस उनके एक्टिव ग्राहकों की संख्या पर निर्भर करता है। क्योंकि एक्टिव ग्राहक ही कंपनियों के लिए राजस्व हासिल करने का सबसे महत्वपूर्ण जरिया है। हालांकि सितंबर माह में पूरी इंडस्ट्री को ही झटका लगा। जियो, एयरटेल और वीआई से करीब 1 करोड़ ग्राहक छिटक गए। मतलब 1 करोड़ के आसपास सिम बंद हो गए। ऐसा माना जा रहा है कि टैरिफ बढ़ने के बाद, उन ग्राहकों ने अपने नंबर बंद कर दिए, जिन्हें दो सिम की जरूरत नहीं थी।

बीएसएनएल की बाजार हिस्सेदारी में भी मामूली वृद्धि देखी गई। इस सरकारी कंपनी ने सितंबर में करीब 15 लाख वायरलेस डेटा ब्रॉडबैंड ग्राहक जोड़े, जो जुलाई और अगस्त के 56 लाख के औसत से काफी कम है। इसके अलावा, बीएसएनएल ने छह सर्किलों में ग्राहक खो दिए, जो हाल ही की वृद्धि के बाद मंदी के संकेत हैं।

ट्राई के आंकड़े बताते हैं कि वायरलाइन ब्रॉडबैंड यानी फाइबर व अन्य वायरलाइन से जुड़े ग्राहकों की कुल संख्या 4 करोड़ 36 लाख पार कर गई है। सितंबर माह के दौरान इसमें 7 लाख 90 हजार नए ग्राहकों का इजाफा हुआ। सबसे अधिक ग्राहक रिलायंस जियो ने जोड़े। जियो ने सितंबर में 6 लाख 34 हजार ग्राहकों को अपने नेटवर्क से जोड़ा तो वहीं एयरटेल मात्र 98 हजार ग्राहक ही जोड़ पाया। इसके बाद जियो और एयरटेल की बाजार हिस्सेदारी 32.5% और 19.4% हो गई। समान अवधि में बीएसएनएल ने 52 हजार वायरलाइन ब्राडबैंड ग्राहक खो दिए।

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