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बिजनेस

एसोचैम ने जीएसटी को लेकर टैली सोल्यूशंस से हाथ मिलाया

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एसोचैम, जीएसटी, टैली सोल्यूशंस, डी. एस. रावत, मुख्य वित्तीय अधिकारी सथ्य प्रमोद

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एसोचैम, जीएसटी, टैली सोल्यूशंस, डी. एस. रावत, मुख्य वित्तीय अधिकारी सथ्य प्रमोद

                                                      GST

नई दिल्ली  | एसोसिएटेड चैंबर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री ऑफ इंडिया (एसोचैम) ने जीएसटी (वस्तु एवं सेवा कर) कानून के मद्देनजर खुदरा कारोबारियों को शिक्षित और प्रशिक्षित करने के लिए सॉफ्टवेयर कंपनी टैली सोल्यूशंस से हाथ मिलाया है। एसोचैम ने टैली सोल्यूशंस के साथ एक समझौता ज्ञापन (एमयोयू) पर हस्ताक्षर किया।

एसोचैम और टैली सोल्यूशंस मिलकर खुदरा विक्रेताओं के लिए अगले कुछ महीनों में देश भर में सम्मेलन की श्रृंखला का आयोजन करेगी। इन सम्मेलनों में सरकार के कर विशेषज्ञ अधिकारी भी शामिल होंगे ताकि जीएसटी को लेकर गलतफहमियों को दूर कर सकें। साथ ही जीएसटी को लागू करने के तरीकों के बारे में भी इन सम्मेलनों में परिचर्चा की जाएगी।

टैली सोल्यूशंस के मुख्य वित्तीय अधिकारी सथ्य प्रमोद ने बताया, “जीएसटी की चर्चा के दौरान से ही टैली उद्योग जगत को नई कर प्रणाली के बारे में जागरूक करने का प्रयास कर रहा है। साथ ही वे अपने कारोबार को इसके अनुरूप आसानी से ढाल सकें, इस दिशा में प्रयास कर रहा है।

एसोचैम के साथ साझेदारी से हमें बेहद बड़ा मंच प्राप्त हो रहा है, जो हमारे लिए खुदरा विक्रेताओं तक पहुंचने में मददगार साबित होगा। अगले कुछ महीने में उन्हें किन तकनीकी परिवर्तन की जरूरत पड़ेगी, इससे हम उन्हें परिचित कराएंगे।”

एसोचैम के महासचिव डी. एस. रावत ने कहा, “जीएसटी को लेकर व्यापार समुदाय में काफी हलचल है कि किस प्रकार इस नए कानून के हिसाब से तकनीकी परिवर्तन करने होंगे। जमीनी स्तर पर छोटे व्यापारियों के बीच विधेयक के मसौदे को लेकर स्पष्ट जानकारी का अभाव है। हम टैली के साथ भागीदारी करके खुश हैं। इससे हमारे सदस्यों को नई कर नीति के महत्व को समझने में तथा इसे अपनाने में मदद मिलेगी।”

इन सम्मेलनों की पहली श्रंखला की शुरुआत मुंबई में होगी, जोकि 23 मार्च तक चलेगी। इस दौरान मुंबई, चेन्नई, दिल्ली, हैदराबाद, पुणे, इंदौर, कोचीन, गोवा, कोयंबटूर, जयपुर, लखनऊ, देहरादून, भुवनेश्वर, जम्मू और गुवाहटी में सम्मलेन का आयोजन किया जाएगा।

 

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जियो ने जोड़े सबसे अधिक ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’- ट्राई

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नई दिल्ली| भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के नवीनतम आंकड़ों के मुताबिक, रिलायंस जियो ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में सबसे आगे है। सितंबर महीने में जियो ने करीब 17 लाख ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़े। समान अवधि में भारती एयरटेल ने 13 लाख तो वोडाफोन आइडिया (वीआई) ने 31 लाख के करीब ग्राहक गंवा दिए। ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में जियो लगातार दूसरे महीने नंबर वन बना हुआ है। एयरटेल और वोडाआइडिया के ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ नंबर गिरने के कारण पूरे उद्योग में सक्रिय ग्राहकों की संख्या में गिरावट देखी गई, सितंबर माह में यह 15 लाख घटकर 106 करोड़ के करीब आ गई।

बताते चलें कि टेलीकॉम कंपनियों का परफॉर्मेंस उनके एक्टिव ग्राहकों की संख्या पर निर्भर करता है। क्योंकि एक्टिव ग्राहक ही कंपनियों के लिए राजस्व हासिल करने का सबसे महत्वपूर्ण जरिया है। हालांकि सितंबर माह में पूरी इंडस्ट्री को ही झटका लगा। जियो, एयरटेल और वीआई से करीब 1 करोड़ ग्राहक छिटक गए। मतलब 1 करोड़ के आसपास सिम बंद हो गए। ऐसा माना जा रहा है कि टैरिफ बढ़ने के बाद, उन ग्राहकों ने अपने नंबर बंद कर दिए, जिन्हें दो सिम की जरूरत नहीं थी।

बीएसएनएल की बाजार हिस्सेदारी में भी मामूली वृद्धि देखी गई। इस सरकारी कंपनी ने सितंबर में करीब 15 लाख वायरलेस डेटा ब्रॉडबैंड ग्राहक जोड़े, जो जुलाई और अगस्त के 56 लाख के औसत से काफी कम है। इसके अलावा, बीएसएनएल ने छह सर्किलों में ग्राहक खो दिए, जो हाल ही की वृद्धि के बाद मंदी के संकेत हैं।

ट्राई के आंकड़े बताते हैं कि वायरलाइन ब्रॉडबैंड यानी फाइबर व अन्य वायरलाइन से जुड़े ग्राहकों की कुल संख्या 4 करोड़ 36 लाख पार कर गई है। सितंबर माह के दौरान इसमें 7 लाख 90 हजार नए ग्राहकों का इजाफा हुआ। सबसे अधिक ग्राहक रिलायंस जियो ने जोड़े। जियो ने सितंबर में 6 लाख 34 हजार ग्राहकों को अपने नेटवर्क से जोड़ा तो वहीं एयरटेल मात्र 98 हजार ग्राहक ही जोड़ पाया। इसके बाद जियो और एयरटेल की बाजार हिस्सेदारी 32.5% और 19.4% हो गई। समान अवधि में बीएसएनएल ने 52 हजार वायरलाइन ब्राडबैंड ग्राहक खो दिए।

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