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प्रादेशिक

मुस्लिमों ने दिया शिवपाल सिंह यादव को कंधे से कंधा मिलाकर सहयोग का आश्वासन

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समाजवादी पार्टी, मुस्लिम अल्पसंख्यक, समाजवादी अल्पसंख्यक, अर्थव्यस्था, शिवपाल यादव, नोटबंदी, प्रधानमंत्री

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                            shivpal-singh-yadav

लखनऊ ।  समाजवादी अल्पसंख्यक सभा में नेताजी द्वारा मुस्लिमों व अल्पसंख्यकों के उत्थान के लिए कार्यों के बारे में बताया। नेताजी ने बिना किसी नफे नुकसान का गुणा भाग किये मुस्लिमों के हित में कार्य किये। उनके हर दुख सुख में हमेशा साथ खड़े रहते हैं। शिवपाल सिंह यादव की बातों से उत्साहित मुस्लिमों ने दिया कंधे से कंधा मिलाकर सहयोग का आश्वासन और बैठक में मौजूद नेताओं और कार्यकर्ताओं ने कहा कि 2017 के चुनाव में बेलैट बाक्स साईकिल पर मोहर लगाकर भर दिये जायेंगे।

हर बूथ पर तन मन और धन से चुनाव जीतने का कार्य किया जायेगा। समाजवादी अल्पसंख्यक सभा की मांग पर पार्टी के सभी जिलाध्यक्षों को अल्पसंख्यक सभा और महिला सभा के जिलाध्यक्षों व अन्य पदाधिकारियों को पार्टी की मीटिंगों में मंच पर स्थान देने के निर्देश।अल्पसंख्यकों के लिए लोहिया जी के सिद्धांत भी बताये। सर सैयद जी के लिए भारत रत्न की मांग की थी, दिया जाना चाहिए था।

उत्साहित युवाओं को साम्प्रदायिक ताकतों से सावधान रहने पर बल देते हुए कहा कि ऐसे लोग चुनाव के दौरान या अपने फायदे के लिए किसी भी प्रकार का प्रोपेगंडा कर सकते हैं। नोटबंदी पर प्रधानमंत्री पर खूब बरसे। बिना सोचे समझे उठाया गया कदम बताया। गांव में एटीएम तो दूर बैंकों की छोटी-छोटी शाखाएं भी नहीं है।

ग्रामीण किस प्रकार अपना गुजर-बसर करेंगे। यह सोचने की जरुरत ही नहीं समझी गई। बस सूट-बूट वालों की खुशी और फायदे के लिए देश की तमाम जनता को परेशान करने वाला तानाशाही फैसला लागू कर दिया। आखिर देश की अर्थव्यस्था कैसे चलेगी।

सवाल उठाया कि महिलाओं ने जो एक-एक पैसा बचाकर जोड़ा था क्या वह काला धन था। कहा अधिकांश बड़े लोगों ने 20 प्रतिशत में अपना काला धन सफेद करा लिया जबकि गरीब, मजदूर, किसान और छोटा व्यापारी लाईन में लगा है।

लोगों से पूछा 2014 के चुनाव में मोदी ने क्या नारा दिया था। अच्छे दिन का नारा देकर लोगों के हाथों से रोजगार भी छीन लिया। मोदी ने दूसरे देशों द्वारा सीमाओं पर किये गये कब्जे वाली जमीन वापस लेने का भी वादा किया था लेकिन सत्ता मे आते ही वह इस वादे को भूल गये।

अपने पुराने संघर्षों की भी याद दिलाई और बताया कि किस प्रकार साम्प्रदायिक ताकतों के सत्ता में आते ही सपाईयों पर अत्याचार का सिलसिला शुरु हो गया था। कार्यकर्ताओं के साथ-साथ मुझ पर भी झूठे मुकदमें दर्ज कराये गये।

 

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जियो ने जोड़े सबसे अधिक ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’- ट्राई

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नई दिल्ली| भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के नवीनतम आंकड़ों के मुताबिक, रिलायंस जियो ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में सबसे आगे है। सितंबर महीने में जियो ने करीब 17 लाख ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़े। समान अवधि में भारती एयरटेल ने 13 लाख तो वोडाफोन आइडिया (वीआई) ने 31 लाख के करीब ग्राहक गंवा दिए। ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में जियो लगातार दूसरे महीने नंबर वन बना हुआ है। एयरटेल और वोडाआइडिया के ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ नंबर गिरने के कारण पूरे उद्योग में सक्रिय ग्राहकों की संख्या में गिरावट देखी गई, सितंबर माह में यह 15 लाख घटकर 106 करोड़ के करीब आ गई।

बताते चलें कि टेलीकॉम कंपनियों का परफॉर्मेंस उनके एक्टिव ग्राहकों की संख्या पर निर्भर करता है। क्योंकि एक्टिव ग्राहक ही कंपनियों के लिए राजस्व हासिल करने का सबसे महत्वपूर्ण जरिया है। हालांकि सितंबर माह में पूरी इंडस्ट्री को ही झटका लगा। जियो, एयरटेल और वीआई से करीब 1 करोड़ ग्राहक छिटक गए। मतलब 1 करोड़ के आसपास सिम बंद हो गए। ऐसा माना जा रहा है कि टैरिफ बढ़ने के बाद, उन ग्राहकों ने अपने नंबर बंद कर दिए, जिन्हें दो सिम की जरूरत नहीं थी।

बीएसएनएल की बाजार हिस्सेदारी में भी मामूली वृद्धि देखी गई। इस सरकारी कंपनी ने सितंबर में करीब 15 लाख वायरलेस डेटा ब्रॉडबैंड ग्राहक जोड़े, जो जुलाई और अगस्त के 56 लाख के औसत से काफी कम है। इसके अलावा, बीएसएनएल ने छह सर्किलों में ग्राहक खो दिए, जो हाल ही की वृद्धि के बाद मंदी के संकेत हैं।

ट्राई के आंकड़े बताते हैं कि वायरलाइन ब्रॉडबैंड यानी फाइबर व अन्य वायरलाइन से जुड़े ग्राहकों की कुल संख्या 4 करोड़ 36 लाख पार कर गई है। सितंबर माह के दौरान इसमें 7 लाख 90 हजार नए ग्राहकों का इजाफा हुआ। सबसे अधिक ग्राहक रिलायंस जियो ने जोड़े। जियो ने सितंबर में 6 लाख 34 हजार ग्राहकों को अपने नेटवर्क से जोड़ा तो वहीं एयरटेल मात्र 98 हजार ग्राहक ही जोड़ पाया। इसके बाद जियो और एयरटेल की बाजार हिस्सेदारी 32.5% और 19.4% हो गई। समान अवधि में बीएसएनएल ने 52 हजार वायरलाइन ब्राडबैंड ग्राहक खो दिए।

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