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प्रादेशिक

यूपी : भाजपा की परिवर्तन यात्राएं 17000 किलोमीटर चलकर थमीं

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भारतीय जनता पार्टी, भाजपा, परिवर्तन रैली, राजनाथ सिंह, नोटबंदी, विधानसभा, नरेंद्र मोदी

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भारतीय जनता पार्टी, भाजपा, परिवर्तन रैली, राजनाथ सिंह, नोटबंदी, विधानसभा, नरेंद्र मोदी

लखनऊ | उत्तर प्रदेश में होने वाले विधानसभा चुनाव से ठीक पहले भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की ओर से चार परिवर्तन यात्राएं निकाली गई थीं, जिनका समापन 17000 किलोमीटर की दूरी तय करने के बाद शनिवार को लखनऊ में हुआ। इन यात्राओं का जगह-जगह जोरदार स्वागत किया गया। इस दौरान लखनऊ से सांसद व गृहमंत्री राजनाथ सिंह भी मौजूद रहे। राजनाथ सिंह ने कहा, “उप्र की जनता से हमें बेहद प्यार मिला। परिवर्तन यात्राओं ने उप्र में सफलतापूर्वक परिवर्तन की नींव रखी है।”

राजनाथ ने कहा, “नोटबंदी को चुनावी लाभ-हानि से जोड़कर नहीं देखा जाना चाहिए। भ्रष्टाचार के खिलाफ केंद्र सरकार का ये पहला कदम है। इस परिवर्तन रैली से विकास परक राजनीति की नींव पड़ चुकी है। सपा-बसपा ने विकास और सुशासन को वनवास पर भेज दिया था, भाजपा ने उसे वापस लाने का आगाज किया है।”

ये परिवर्तन यात्राएं पांच नवंबर को सहारनपुर, छह नवंबर को झांसी, आठ नवंबर को सोनभद्र तथा नौ नवंबर को बलिया से चली थीं। सभी यात्राएं शनिवार को दोपहर बाद मोतीमहल पहुंचीं। वहां से राजनाथ सिंह के साथ कलराज मिश्र, उमा भारती और भाजपा प्रदेशाध्यक्ष केशव प्रसाद मौर्य इन यात्राओं को गाजे-बाजे के साथ लेकर हजरतगंज चौराहे पर पहुंचे। यहां पर महात्मा गांधी, सरदार पटेल व अन्य महापुरुषों के माल्यार्पण के बाद ये यात्राएं समाप्त हो गईं।

चारों यात्राओं के तहत कुल 192 दिन की यात्रा की। इस दौरान इन यात्राओं ने प्रदेश की सभी 403 विधानसभाओं से गुजरकर 17 हजार किमी की यात्रा तय की और करीब दो करोड़ लोगों से सीधा संवाद स्थापित किया। यात्रा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने छह जनसभाओं को संबोधित किया।

इसके अलावा राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह, राजनाथ सिंह, नितिन गडकरी, कलराज मिश्र, उमा भारती, संजीव बालियान, राधामोहन सिंह, राज्यवर्धन सिंह राठौर, मनोज सिन्हा, डॉ. महेश शर्मा और भाजपा प्रदेशाध्यक्ष केशव प्रसाद मौर्य समेत 175 नेताओं ने परिवर्तन यात्राओं से जनता से सीधा संवाद बनाया।

इससे पूर्व सुबह 10 बजे हरदोई रोड पर रहीमाबाद में भाजपा प्रदेश अध्यक्ष केशव प्रसाद मौर्य, केंद्रीय मंत्री उमा भारती फैजाबाद रोड पर ब्रेक प्वाइंट ढाबा, सीतापुर रोड पर इटौंजा में भाजपा विधानमंडल दल के नेता सुरेश खन्ना तथा रायबरेली रोड पर नगराम में केंद्रीय मंत्री कलराज मिश्र परिवर्तन यात्रा का नेतृत्व किया।

उत्तर प्रदेश

योगी सरकार टीबी रोगियों के करीबियों की हर तीन माह में कराएगी जांच

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लखनऊ |  योगी सरकार ने टीबी रोगियों के संपर्क में रहने वाले व्यक्तियों एवं पूर्व टीबी रोगियों की स्क्रीनिंग कराने का निर्णय लिया है। यह स्क्रीनिंग हर तीन महीने पर होगी। वहीं साल के खत्म होने में 42 दिन शेष हैं, ऐसे में वर्ष के अंत तक हर जिलों को प्रिजेंम्टिव टीबी परीक्षण दर के कम से कम तीन हजार के लक्ष्य को हासिल करने के निर्देश दिये हैं। इसको लेकर सीएम योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर प्रमुख सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य ने सभी जिला क्षय रोग अधिकारियों (डीटीओ) को पत्र जारी किया है।

लक्ष्य को पूरा करने के लिए रणनीति को किया जा रहा और अधिक सुदृढ़

प्रमुख सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य पार्थ सारथी सेन शर्मा ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश को वर्ष 2025 तक टीबी मुक्त करने का लक्ष्य रखा गया है। ऐसे मेें टीबी रोगियों की युद्धस्तर पर स्क्रीनिंग की जा रही है। इसी क्रम में सभी डीटीओ डेटा की नियमित माॅनीटरिंग और कमजोर क्षेत्रों पर ध्यान देने के निर्देश दिये गये हैं। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय क्षय उन्मूलन कार्यक्रम (एनटीईपी) का लक्ष्य टीबी मामलों, उससे होने वाली मौतों में कमी लाना और टीबी रोगियों के लिए परिणामों में सुधार करना है। ऐसे में इस दिशा में प्रदेश भर में काफी तेजी से काम हो रहा है। इसी का परिणाम है कि इस साल अब तक प्रदेश में टीबी रोगियों का सर्वाधिक नोटिफिकेशन हुआ है। तय समय पर इस लक्ष्य को पूरा करने के लिए रणनीति को और अधिक सुदृढ़ किया गया है।

कांटेक्ट ट्रेसिंग और स्क्रीनिंग से टीबी मरीजों की तेजी से होगी पहचान

राज्य क्षय रोग अधिकारी डाॅ. शैलेन्द्र भटनागर ने बताया कि टीबी के संभावित लक्षण वाले रोगियों की कांटेक्ट ट्रेसिंग और स्क्रीनिंग को बढ़ाते हुए फेफड़ों की टीबी (पल्मोनरी टीबी) से संक्रमित सभी लोगों के परिवार के सदस्यों और कार्यस्थल पर लोगों की बलगम की जांच को बढ़ाने के निर्देश दिए गए हैं। कांटेक्ट ट्रेसिंग और स्क्रीनिंग जितनी ज्यादा होगी, उतने ही अधिक संख्या में टीबी मरीजों की पहचान हो पाएगी और उनका इलाज शुरू हो पाएगा। इसी क्रम में उच्च जोखिम वाले लोगों जैसे 60 साल से अधिक उम्र के बुजुर्गों, डायबिटीज रोगियों, धूम्रपान एवं नशा करने वाले व्यक्तियों, 18 से कम बॉडी मास इंडेक्स (बीएमआई) वाले व्यक्तियों, एचआईवी ग्रसित व्यक्तियों और वर्तमान में टीबी का इलाज करा रहे रोगियों के सम्पर्क में आए व्यक्तियों की हर तीन माह में टीबी की स्क्रीनिंग करने के निर्देश दिये गये हैं।

हर माह जिलों का भ्रमण कर स्थिति का जायजा लेने के निर्देश

टीबी को जड़ से खत्म करने के लिए नैट मशीनों का वितरण सभी ब्लाॅकों पर टीबी की जांच को ध्यान रखने में रखते हुए करने के निर्देश दिये गये हैं। साथ ही उन टीबी इकाइयों की पहचान करने जो आशा के अनुरूप काम नहीं कर रहे हैं उनमें सुधार करने के लिए जरूरी कदम उठाने का आदेश दिया गया है। क्षेत्रीय टीबी कार्यक्रम प्रबन्धन इकाई (आरटीपीएमयू) द्वारा हर माह में जनपदों का भ्रमण करते हुए वहां की स्थिति का जायजा लेने के भी निर्देश दिए हैं।

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