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उत्तराखंड

आचार संहिता उल्लंघन में नोटिस भेजकर जवाब मांगा

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आचार संहिता उल्लंघन में नोटिस भेजकर जवाब मांगा

उत्तराखंड। प्रदेश भर में आचार सहिंता लागू होते ही प्रशासन का डंडा चलना शुरू हो गया है। सभी सरकारी जगहों पर लगे राजनैतिक होर्डिंग और पोस्टर बैनर को हटाना शुरू कर दिया है तो वहीं बाजपुर में सरकारी पैसों से राजनीतिक लाभ पहुंचाने के उद्देश्य से क्षेत्र के दो समाचार पत्रों को विज्ञापन दिया गया जिसको लेकर आरओ बाजपुर ने तत्काल हरकत में आकार नगर पालिका बाजपुर के अधिशासी अधिकारी को एक नोटिस जारी कर दिया जिसमें तीन दिन के अंदर जवाब मांगा है।

जनपद उधम सिंह नगर में आचार संहिता लागू होते ही बाजपुर में डंडा चला है जहां पर नगर पालिका बाजपुर द्वारा आचार संहिता का उल्लंघन करने पर एसडीएम व आरओ पूरन सिंह राणा ने नगर पालिका के अधिशासी अधिकारी नरेंद्र कुमार को नोटिस भेजकर जवाब मांगा है। एसडीएम राणा ने बताया कि पिछले दो दिनों से अखबारों में नगर पालिका का विज्ञापन छापा जा रहा था। विज्ञापन में छपी तस्वीरें सियासत से ताल्लुक रखने वालों की हैं।

उन्होंने कहा कि कहीं न कहीं राजनीतिक दलों को फायदा पहुंचाने के लिए विज्ञापन छपवाए गए हैं, जबकि आदर्श आचार संहिता लागू हो चुकी है। उन्होंने कहा कि जहां आचार संहिता का उल्लंघन हुआ है, वहीं सरकारी धन का भी दुरुपयोग पाया गया है। उन्होंने अधिशासी अधिकारी को नोटिस भेजकर जवाब मांगा है।

नगर पालिका अधिशासी अधिकारी नरेंद्र कुमार कि माने तब इस छापे गए विज्ञापन के बारे में इन्हें कोई जानकारी नहीं है ना ही इनकी विज्ञापन छापने की कोई अनुमति नहीं प्रदान की गयी है।

उत्तराखंड

शीतकाल की शुरू होते ही केदारनाथ धाम के कपाट बंद

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उत्तराखंड। केदारनाथ धाम में भाई दूज के अवसर पर श्रद्धालुओं के लिए शीतकाल का आगमन हो चुका है। बाबा केदार के कपाट रविवार सुबह 8.30 बजे विधि-विधान के साथ बंद कर दिए गए। इसके साथ ही इस साल चार धाम यात्रा ठहर जाएगी। ठंड के इस मौसम में श्रद्धालु अब अगले वर्ष की प्रतीक्षा करेंगे, जब कपाट फिर से खोलेंगे। मंदिर के पट बंद होने के बाद बाबा की डोली शीतकालीन गद्दीस्थल की ओर रवाना हो गई है।इसके तहत बाबा केदार के ज्योतिर्लिंग को समाधिरूप देकर शीतकाल के लिए कपाट बंद किए गए। कपाट बंद होते ही बाबा केदार की चल उत्सव विग्रह डोली ने अपने शीतकालीन गद्दीस्थल, ओंकारेश्वर मंदिर, उखीमठ के लिए प्रस्थान किया।

बता दें कि हर साल शीतकाल की शुरू होते ही केदारनाथ धाम के कपाट बंद कर दिया जाते हैं. इसके बाद बाबा केदारनाथ की डोली शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ के लिए रवाना होती है. अगले 6 महीने तक बाबा केदार की पूजा-अर्चना शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ में ही होती है.

उत्तरकाशी ज़िले में स्थिति उत्तराखंड के चार धामों में से एक गंगोत्री में मां गंगा की पूजा होती है। यहीं से आगे गोमुख है, जहां से गंगा का उदगम है। सबसे पहले गंगोत्री के कपाट बंद हुए हैं। अब आज केदारनाथ के साथ-साथ यमुनोत्री के कपाट बंद होंगे। उसके बाद आखिर में बदरीनाथ धाम के कपाट बंद किए जाएंगे।

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