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अन्तर्राष्ट्रीय

पेरिस आतंकवादी हमले की निंदा

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बोगोटा| संयुक्त राष्ट्र और अमेरिका ने बुधवार को फ्रांस की साप्ताहिक व्यंग्य पत्रिका ‘चार्ली हेब्दो’ पर हुए आतंकवादी हमले की निंदा करते हुए इसे अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के अधिकार का हनन करार दिया। इस हमले में पत्रिका के संपादक, तीन मशहूर कार्टूनिस्ट सहित 12 लोगों की मौत हो गई, जबकि 11 अन्य घायल हो गए।

हमले से बचे लोगों ने बताया कि हमलावर चिल्ला रहे थे, “अल्लाह महान है, हमने पैगंबर के अपमान का बदला ले लिया।”

हमलावर शायद ‘चार्ली हेब्दो’ द्वारा पूर्व में पैगंबर के कार्टून छापने के संदर्भ में यह बोल रहे थे।

संयुक्त राष्ट्र महासचिव बान की मून ने कहा, “मैं पेरिस में इस सुबह चार्ली हेब्दो पर हुए हमले से सदमे में और हैरान हूं।”

बान ने कहा, “इस तरह के हमलों के जरिये वे दुनिया को बांटना चाहते हैं। लेकिन हमें उनके जाल में नहीं आना चाहिए। यह वक्त एकजुटता दिखाने का है। पूरी दुनिया में हमें अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता तथा सहिष्णुता के पक्ष में खड़ा होना चाहिए, जबकि विभाजनकारी और घृणा फैलाने वाली शक्तियों के खिलाफ मजबूती से खड़े होना चाहिए।”

अमेरिका के राष्ट्रपति बराक ओबामा ने इस हमले की निंदा करते हुए आतंकवादियों को सजा दिलाने के लिए फ्रांस को मदद देने की पेशकश की।

कोलंबिया के राष्ट्रपति जुआन मेनुएल सेंटोस ने कहा कि यह हमला सार्वभौमिक अधिकारों का हनन है।

ब्राजील की राष्ट्रपति डिल्मा रौसेफ ने हमले की निंदा करते हुए कहा, “यह लोकतांत्रिक समाजों के बुनियादी मूल्यों और प्रेस की स्वतंत्रता पर हमला है।”

रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने घातक आतंकवादी हमले पर फ्रांसीसी राष्ट्रपति फ्रांस्वा होलांद के प्रति संवेदना व्यक्त करते हुए इसे मानवता के खिलाफ हमला करार दिया है।

तुर्की के राष्ट्रपति रिसेप तयिप एरडोगन ने बुधवार को कहा, “हम आज पेरिस में ‘चार्ली हेब्दो’ पत्रिका पर हुए नृशंस हमले की कड़ी निंदा करते हैं।”

ब्रिटिश प्रधानमंत्री डेविड कैमरन ने कहा, “हमें कभी अपने लोकतांत्रिक मूल्यों और बोलने की स्वतंत्रता को इन आतंकवादियों के हाथों ध्वस्त नहीं होने देना चाहिए।”

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अन्तर्राष्ट्रीय

मक्का में भीषण गर्मी से अब तक 1300 से अधिक हज यात्रियों की मौत, 98 भारतीय भी शामिल

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नई दिल्ली। सऊदी अरब में भीषण गर्मी से मरने वाले हाजियों की संख्या 1300 के पार हो गई है। कई वीडियो वायरल हुए हैं जिसमें सड़क पर हाजियों के शव पड़े हुए दिखाई दे रहे हैं। रविवार को सऊदी अरब ने इस बात की जानकारी देते हुए कहा कि हज यात्रा के दौरान इस साल कम से कम 1301 लोगों की मौत हुई है। जिनमें गर्मी के कारण कई लोगों की जान गई। जबकि पांच में से चार लोगों की जान “अनधिकृत” यात्राओं के कारण हुईं. सऊदी अरब सरकार ने एक बयान में कहा कि, “इस साल गर्मी ने स्वास्थ्य प्रणाली को प्रभावित किया, जिससे कई लोग परेशान हो गए। अफसोस की बात ये है कि इस दौरान 1,301 लोगों की मौत हो गई।

सरकारी टीवी अल अखबरिया से बात करते हुए मंत्री ने कहा कि 95 तीर्थयात्रियों का अस्पतालों में इलाज चल रहा है, जिनमें से कुछ को इलाज के लिए हवाई मार्ग से राजधानी रियाद लाया गया है। समाचार एजेंसी एपी के अनुसार, उन्होंने कहा कि मृत तीर्थयात्रियों की पहचान प्रक्रिया में देरी हुई क्योंकि कई के पास कोई दस्तावेज नहीं थे। उन्होंने बताया कि मृतकों को मक्का में दफनाया गया, लेकिन इस बारे में कोई विस्तृत जानकारी नहीं दी। इस साल हज के दौरान 98 भारतीय तीर्थयात्रियों की मौत हुई है। मृतकों में सबसे बड़ी संख्या मिस्र के तीर्थयात्रियों की है। मिस्र के 660 से अधिक नागरिकों की मौत हुई है। काहिरा में दो अधिकारियों ने बताया कि 31 को छोड़कर सभी गैर-पंजीकृत तीर्थयात्री थी।

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, इसमें कहा गया है कि मृतक लोगों में कई बुजुर्ग और लंबे समय से बीमार व्यक्ति शामिल हैं। इस साल हज यात्रा के दौरान सैकड़ों मौतों और चोटों के पीछे अत्यधिक गर्मी को मुख्य वजह बताया गया। बीते सोमवार को मक्का में तापमान 51.66 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। बता दें कि इस साल सऊदी अरब प्रशासन ने हज यात्रा के लिए दुनियाभर के 18 लाख लोगों को हज पर आने की इजाजत दी थी। इसमें हजारों ऐसे यात्री भी शामिल हुए जिन्हें हज के लिए लाइसेंस नहीं दिया गया था। जिसके चलते उन्हें हज यात्रियों जैसी सुविधाएं नहीं मिली। इसलिए वह खुले आसमान में रहने को मजबूर हो गए। साथ ही उन्हें अधिकृत रूप से हाजियों को ले जाने वाली बसों में भी यात्रा का लाभ नहीं जिसके चलते ये लोग गर्मी का शिकार हो गए और कई की इसमें जान चली गई।

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